समितियों को अपनी अर्थव्यवस्था सुधारने मार्केट की डिमांड एवं सप्लाई पर ध्यान देना आवश्यक : शर्मा
राज्य सहकारी संघ में हाथकरघा बुनकर सहकारी समितियों के लिए नेतृत्व विकास प्रशिक्षण शुरू
रायपुर। छग राज्य सहकारी संघ के रायपुर प्रशिक्षण केन्द्र में हाथकरघा बुनकर सहकारी समितियों के पदाधिकारियों का तीन दिवसीय नेतृत्व विकास प्रशिक्षण का मंगलवार को विधिवत शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ नई दिल्ली शाषी परिषद सदस्य व विधायक सत्यनारायण शर्मा थे। अध्यक्षता छग राज्य सहकारी संघ अध्यक्ष झुनमुन गुप्ता ने किया। विशिष्ट अतिथि राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ के अध्यक्ष मोतीलाल देवांगन थे। संघ के पूर्व अध्यक्ष लखनलाल साहू, संचालक हरीश तिवारी, संघ के प्रबंध संचालक व उप पंजीयक रायपुर एनआरके चन्द्रवंशी भी मंचस्थ थे। कार्यक्रम संचालन संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व्हीके शुक्ला ने किया। भारतीय राष्ट्रीय सरकारी संघ के राष्ट्रीय सहकारी शिक्षा केंद्र नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी संघ मर्यादित रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में यह प्रशिक्षण राज्य सहकारी संघ केए चौबे कॉलोनी, रायपुर स्थित प्रशिक्षण केन्द्र में चल रहा है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि राज्य सहकारी संघ के प्रशिक्षण में प्रत्येक जिले के लोगों की सहभागिता सुनिश्चित किया जाना चाहिए। जब पूरे प्रदेश के सहकारी संस्थाओं को ऐसे प्रशिक्षणों का लाभ मिलेगा तब सहकारी आन्दोलन को गति मिलेगी और सहकारी संस्थाएं भी लाभ प्राप्त करेंगी। प्रशिक्षणाथियों से श्री शर्मा ने कहा कि आपको सप्लाई और डिमांड का सर्वे करके उत्पादन करना चाहिए, ताकि आवश्यकता से अधिक आपके पास स्टाक न हो। उन्होने कहा कि समितियों को प्रबंधकीय व्यवस्था में अधिक ध्यान देने की जरूरत है। प्रक्रिया में कोई गलती न करें, क्योंकि दस्तावेज ही आपका बचाव करेगा। वित्तीय अनुशासन को ध्यान में रखने की आवश्यकता है। वित्तीय अनियमिता न हो इसके लिए केशबुक प्रत्येक दिन लिखें, लेंजर पोस्टिंग सही हो, स्टाक रजिस्टर ठीक हो और बैलेंस शीट सही तरीके से बनाएं, तो आपका भविष्य उज्जवल है। उन्होने प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि इस प्रशिक्षण में आपको अलग-अलग प्रशिक्षकों के माध्यम से सभी प्रकार की जानकारी दी जायेगी। जिसे आप अपने अध्यक्षों व उपाध्यक्षों को भी बतायें। हम यहां नेतृत्व विकास पर प्रशिक्षण के लिए उपस्थित हुए हैं। बुनकर समितियों के अध्यक्षों व उपाध्यक्षों व संचालकों के लिए एक अलग से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि सर्वप्रथम जिस जिले में बुनकर समितियां एक्टिव हैं, उनको पहचान कर, वहां जाकर प्रशिक्षण दिया जाये ताकि लोंगो को इतनी दूर आकर प्रशिक्षण न लेना पड़े। उन्होने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ अलग-अलग मूवमेंट के लिए प्रशिक्षण देती है। प्रशिक्षण में दिए जाने वाले नोट्स का अध्ययन करें और अपने व्यवहारिक जीवन में शामिल करें। श्री शर्मा ने कहा कि हमारा मकसद बुनकरों को समृद्धिशाली बनाना है, ताकि उनका सामाजिक और आर्थिक विकास हो। प्रत्येक व्यक्ति को रोटी, कपड़ा व मकान की आवश्यकता होती है। उसमें सबसे महत्वपूर्ण कपड़ा होता है, जिसे आप बुनकरों द्वारा प्रदान किया जाता है। इसलिए मानव सभ्यता में आपका सहयोग विशेष उल्लेखनीय है। उन्होने ने कहा कि सहकारी संस्थाओं के नेता व अधिकारी एवं कर्मचारी सिक्के के दो पहलू हैं।
अपने उत्पाद का स्वयं मार्केटिंग करने से आत्मनिर्भर होंगी बुनकर समितियां : गुप्ता
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष झुनमुन गुप्ता ने कहा कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सत्यनारायण शर्मा जी का मार्गदर्शन एवं सहयोग हमेशा मिलता रहता है। जिला सहकारी संघ एवं राज्य सहकारी संघ सभी प्रकार के सहकारी संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं तथा नवीन सहकारी समितियों के गठन में मार्गदर्शन व सहयोग प्रदान करती हैं। उन्होने कहा कि किसी भी सहकारी संस्था में कुछ न कुछ समस्याएं लगी रहती हैं और सबसे बड़ी समस्या मार्केटिंग की होती है। बुनकर सहकारी समितियों के मामले में विपणन का काम राज्य हाथकरघा संघ द्वारा किया जाता है। जिसके कारण प्राथमिक बुनकर सहकारी समितियों की राह आसान हो जाती है। उन्होने बताया कि कोरोना काल के समय जब सभी समितियों के समक्ष बहुत ज्यादा संकट था तब बुनकर समितियां एवं बुनकर समिति से जुड़े बुनकर घर बैठे रोजगार कर रहे थे। कोरोना काल में बुनकर समितियों का काम सुचारू रुप से चला। उन्होने कहा कि राज्य शासन को स्कूल ड्रेस आसानी से समितियां उपलब्ध करा रही हैं। बुनकर समितियों को अब आगे आकर अपने स्तर पर भी प्रयास करना चाहिए। स्वयं धागा खरीद कर अपने उत्पाद की स्वयं मार्केटिंग करने की क्षमता भी विकसित करना चाहिए। ताकि समितियां आत्मनिर्भर हो सकें। श्री गुप्ता ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों से हमें अपनी समस्याओं को उच्चधिकारियों तक पहुंचाने का भी अवसर मिलता है।
सहकारिता के मूल सिद्धान्त को अपनाकर काम करने से मिलेगा लाभ : देवांगन
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ के अध्यक्ष मोती लाल देवांगन ने अपने उदबोधन में कहा कि बुनकर समितियों को शासन से आदेश प्राप्त होता है, जिसे बुनकर समितियां पूरा करती हैं। शासन पर सौ प्रतिशत निर्भरता सही नहीं है। क्योंकि शासन की योजनाएं बंद भी हो सकती हैं। उन्होने बताया कि इस प्रशिक्षण में आपको विभिन्न जानकारियां प्रदान की जायेंगी, जैसे बुनकर समितियां प्रबंधन कैसे करें, उत्पादन में वृद्धि कैसे करें, मार्केटिंग कैसे करें आदि। बुनकर समितियों को सहकारिता के मूल सिद्धान्त को अपनाकर कार्य करना चाहिए ताकि इसका लाभ समिति के सभी सदस्यों को प्राप्त हो सके। पिछले दो सालों में कोरोना काल में करोड़ों लोगों से रोजगार छिन गया। ऐसे विकट समय में भी शासन से निवेदन कर बुनकर समितियों को गणवेश का आर्डर दिया गया, जिससे बुनकरों के समक्ष रोजगार का संकट नहीं है। श्री देवांगन ने बुनकर समितियों से निवेदन किया कि यदि आपकी समिति में सौ करघे चल रहे हैं तो दस करघों से स्थानीय बाजार के लिए टावेल, चादर, साड़ी आदि का उत्पादन करें और प्रदर्शनियों में भाग लेकर बुनकर उत्पादों का प्रचार करें। उन्होने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सफल समितियों के अध्ययन, भ्रमण कराने के लिए राज्य संघ के अध्यक्ष झुनमुन गुप्ता से निवेदन किया। ताकि सफल बुनकर समितियों का भ्रमण करने से अच्छा कार्य करने की प्रेरणा मिले। प्रशिक्षण में 30 प्रशिक्षणर्थियो ने भाग लिया।