आखिर क्यों कवि सुरेंद्र दुबे के खिलाफ उतरे सेन समाज, सौंपा ज्ञापन, इधर वीडियो जारी कर दुबे ने जताया खेद

आपत्ति के बाद कवि दुबे ने खेद भी जताया देखिये वीडियो

बालोद।इन दिनों पूरे छत्तीसगढ़ के सेन समाज के द्वारा कवि डॉक्टर सुरेंद्र दुबे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है। जिसकी वजह उनके द्वारा अपने एक लॉकडाउन में विवाह को लेकर बनाई गई कविता के दौरान सेन समाज को लेकर जातिसूचक बात कहने को लेकर है। जिसका सेन समाज पुरजोर विरोध कर रहा है और कवि डॉ सुरेंद्र दुबे से माफी मांगने की जिद पर अड़े हुए हैं। इस संबंध में हर क्षेत्र में ज्ञापन देकर विरोध किया जा रहा है। यूट्यूब में प्रसारित उक्त वीडियो के उन पंक्तियों को विलोपित करने की मांग भी उठने लगी है। कवि सुरेंद्र दुबे ने कोरोना काल के बिहाव कोन ल न्यौतव कोन ल बुलाओ कविता यूट्यूब वीडियो में डाली है। जिसमें सेन समाज के जातिगत अभद्र टिप्पणी की गई है। जिला सेन समाज के कोषाध्यक्ष झग्गर सिंह कौशिक का कहना है कि उनके इस कविता में सेन समाज अपमानित महसूस करती है समाज चाहती है कि यूट्यूब में वीडियो को विलोपित कर छत्तीसगढ़ प्रांत नई सेन समाज से माफी मांगे। इसके विरोध में छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री, शासन, कलेक्टर एवं एसपी के नाम से ज्ञापन भी सौंपा गया है। समाज के लोगों का कहना है कि हास्य कवि सुरेंद्र दुबे के ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाए। जिन्होंने अपनी कविता के दौरान नाई समाज के प्रति जातिगत शब्द का उपयोग कर अमर्यादित एवं गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी की है।टिप्पणी में महिलाओं के प्रति घृणा शब्द का वाचन कर तिरस्कार एवं नीचा दिखाने का प्रयास किया गया है। जिससे हमारा समाज अपमानित हुआ है। सदैव ही समाज में प्रतिष्ठित पहचान बनाकर रखने वाले हम नाई जाति का उन्होंने अपमान किया है। ऐसे निम्न मानसिकता वाले कवि के ऊपर उचित कार्रवाई करने की मांग सेन समाज कर रहा है।

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