बालोद के सेन समाज ने दी आंदोलन की चेतावनी, पढ़िए आखिर क्या है मामला?

बालोद– शासन प्रशासन नाई समाज के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. भीड़ भाड़ वाले दुकानो को खोलने की छुट दी गई परन्तु सैलून दुकान को खोलने की अनुमति नही? ये कैसी निती है. सैलून दूकान में तो एक या दो कुर्सी ही रहती है, कहीं-कहीं तीन चार ग्राहक भी एक्के दुक्के ही आते है. सैलून दुकानदार बहुत सोच समझ कर ग्राहक का काम करता है. शोसल डिस्टेंस, मास्क, सेनेटाइजर का उपयोग करते अपने काम को अंजाम देता है. उसके बाद भी इन दो वर्षो में लगातार चार पांच माह तक सैलून दूकान को बंद करा दी गई है, यह कैसा नाइंसाफी कर रही है? सरकार सेन समाज की 95% आबादी सैलून दुकान पर निर्भर है. इन चार महिने में सेन समाज की आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई है. सरकार के इस दमनकारी निती से सेन समाज में भारी रोष व्याप्त है. समाज के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व पार्षद संतोष कौशिक, सैलून संघ बालोद के अध्यक्ष मुकेश कौशिक ने रोष भरे शब्दो में सरकार व जिला प्रशासन को ज्ञापन सौप कर मांग किया है कि अविलम्ब सैलून दुकान खोलने की अनुमति दे व सैलून दुकान दारो व गावं में काम करने वाले सेन भाईयो को राहत राशि प्रदान करे अन्यथा सेन समाज उददेलित होकर धरना प्रदर्शन करेगी. ज्ञापन सौंपने वालो में सैलून संघ के सचिव मनोज सेन, उपाध्यक्ष बल्ला सेन, सैलून संघ के वरिष्ठ सदस्य लालचंद नुनीवाल उपस्थित थे.

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