सार्वजनिक दुर्गा उत्सव समिति द्वारा स्थापित मां दुर्गा प्रतिमा का हुआ भव्य विसर्जन, अघोरी ग्रुप रहा आकर्षण का केंद्र, स्थापना का था 53 वा वर्ष



डौंडीलोहारा। डौंडीलोहारा के परंपरा के अनुसार प्राचीन काल से ही मां दुर्गा का विसर्जन प्रतिवर्ष विजयादशमी के पश्चात होता आया है। इस वर्ष भी सार्वजनिक दुर्गा उत्सव समिति डौंडी लोहारा जो कि बड़े दुर्गा के नाम से प्रसिद्ध है, का विसर्जन झांकी भव्य रूप से आयोजित हुई। जिसमें अंजोरा (दुर्ग )से आई हुई -दूले राय अघोरी ग्रुप आकर्षण का केंद्र बिंदु रहा है। जिसमें 13 फीट का विशालकाय नंदी बैल, मां काली का विराट प्रदर्शन, भगवान शंकर का तांडव नृत्य ,मां पार्वती का नृत्य ,भूत- प्रेत ,परेतिन, मटिया, दैत्यों, मसान का नृत्य ने सब का मन मोह लिया ।जिसमें राधे धुमाल पार्टी डौंडीलोहारा व गिरीश सेटअप (डीजे) डौंडी लोहारा ने चार चांद लगा दिया। जिसमें लोग डांस करने के लिए बढ़ चढ़कर भाग लिये, इसका पूरा श्रेय सार्वजनिक दुर्गा उत्सव समिति को जाता है, जिन्होंने दिन रात एक करके चार महीने से तैयारी कर रहे थे।

इस सुंदर झांकी व मां के विशाल प्रतिमा को देखने के लिए पूरा डौंडीलोहारा उमड़ पड़ा ।विसर्जन झांकी ने एक इतिहास रच दिया। चारों ओर सार्वजनिक दुर्गा उत्सव समिति की चर्चा होने लगी। लोग बाग कहने लगे कि -पिछले चार-पांच वर्षों से इस समिति द्वारा नए-नए रूप में नया-नया कार्यक्रम (प्रदर्शन) कराने का प्रयास कर रहा है, जो कि बहुत ही सराहनीय है। ज्ञात हो कि- दुर्गा मां की स्थापना का यह 53 वा वर्ष रहा है। जिसमें 25 सितंबर को आयोजित डोंगरगांव झांकी (पटपर) का होना अपने आप में एक मिसाल है ,क्योंकि मुख्य मार्ग पुराना बिजली ऑफिस के समक्ष इसे देखने के लिए आम जनता उमड़ पड़ी थी और 4:30 घंटा तक लोग टस से मस नहीं हुए थे।जिसमें जोत जवारा ,मां काली, व राक्षसों का प्रदर्शन आकर्षण का केंद्र बिंदु रहा । सार्वजनिक दुर्गा उत्सव समिति का कहना है कि- हमें नगर वासियों का पूरा सहयोग मिलता है ,इसके कारण ही इस प्रकार के कार्य संपादित कर पाते हैं। अगर ऐसा ही सहयोग आगे भी मिलता है तो हम लोग अच्छा सा अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगे।उक्त जानकारी राज्यपाल पुरुष्कृत डॉक्टर बी .एल .साहसी (व्याख्याता) ने दी।

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