एक राम ये भी- 18 साल बाद हुआ जुड़वा बच्चा, नाम रखा लव कुश, पहली बार गृह ग्राम जगन्नाथपुर पहुंचे तो निकली अश्व रथ यात्रा
जगन्नाथपुर/ बालोद। बालोद जिले के बालोद ब्लॉक के ग्राम जगन्नाथपुर में सोमवार को एक अनूठा आयोजन हुआ। जहां रामायण सा दृश्य देखने को मिला। एक राम (पिता) जिनका पूरा नाम रामनारायण सोनवानी है, ने अपने दो जुड़वा बच्चों लव कुश की अश्वरथ शोभायात्रा निकाली। जिसे देखने के लिए हर कोई उत्सुक था। इस अलग तरह के आयोजन के कई लोग साक्षी बने।
इस रथ यात्रा का उद्देश्य सोनवानी परिवार द्वारा 18 साल के लंबे इंतजार के बाद हुए जुड़वा बच्चों की खुशी बांटनी थी। रामायण के दृश्य की तरह बकायदा उन जुड़वा बच्चों को रथ पर बैठा कर पूरे गांव में घुमाया गया।
उन बच्चों का नाम भी जुड़वा होने के कारण लव कुश रखा गया है। पिता रामनारायण सोनवानी व माता आरती ने बताया कि शादी के 18 साल बाद उन्हें यह दो जुड़वा बच्चे हुए। उनका नाम उन्होंने लव कुश रखा। वर्तमान में भिलाई में रहते हैं। बीएसपी में पदस्थ हैं। उनका गृह ग्राम जगन्नाथपुर है। दोनों बच्चों की उम्र वर्तमान में 15 माह हो चुकी है। जिनका जन्मदिन 19 नवंबर 2019 है।
जन्म के बाद पहली बार यह जुड़वा बच्चे अपने गृहग्राम जगन्नाथपुर पहुंचे थे। असल में इस शोभायात्रा के पीछे आस्था व मन्नत का भी सिलसिला था।जुड़वा बच्चों को रथ पर बैठा कर घर से बकायदा बैंड बाजे बस्तरिया नृत्य की अगुवाई के साथ पहले गांव के दंतेश्वरी( शीतला माता) मंदिर ले जाया गया।
जहां पूजा की गई फिर पूरे गांव की गलियों का भ्रमण किया गया। अश्वरथ में शोभायात्रा देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ जुटी। हर कोई इस आयोजन को देखने को उत्सुक था। पहली बार इस तरह का आयोजन हुआ जो आसपास कहीं इस तरह से हुआ भी नहीं था।
गांव वासियों को सोनवानी परिवार द्वारा जो निमंत्रण कार्ड दिया गया था उस पर भी बकायदा लव कुश का प्रथम ग्राम आगमन महोत्सव लिखवाया गया था। गृह ग्राम जगन्नाथपुर होने व बच्चों का नाम लवकुश होने के कारण कार्ड में गांव को अयोध्या ग्राम नाम दिया गया था।
लव कुश रथयात्रा महोत्सव के इस आयोजन में गांव का हर व्यक्ति सहभागी बना और उन बच्चों के स्वागत सम्मान में इस रैली में शामिल हुए।
अंतागढ़ क्षेत्र से कोड़पानी गांव से बस्तरिया नृत्य के कलाकारों की टीम पहुंची हुई थी। जिनका नृत्य और वादन आकर्षण का केंद्र रहा। इसके अलावा लोग डीजे धुमाल पर भी थिरकते रहे।
बता दें कि इस तरह का एक अनूठा आयोजन 2007 में पड़ोसी ग्राम घुमका में भी हुआ था। जहां पर एक पिता ने अपने बेटी अन्नपूर्णा का रामायण की सीता की तरह स्वयंवर रखा था। जो पूरे देश भर में चर्चित रही। तो वही रामायण से ही प्रेरित लव कुश कांड की तरह अब जगन्नाथपुर में यह अनूठा आयोजन हुआ। जो चर्चा का विषय बना हुआ है।