बालोद। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर प्रदेश के कर्मचारी अधिकारियो देय तिथि से मंहगाई भत्ता, लंबित एरियर्स सहित अन्य ज्वलन्त मुद्दों के निराकरण करने हेतु तीसरे चरण का आंदोलन मशाल रैली निकाल कर कलेक्टर कार्यालय बालोद में पहुंचकर कलेक्टर को विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के नाम पर ज्ञापन सौपा गया। फेडरेशन के पदाधिकारियों ने बताया कि अगर हमारी मांगे पूर्ण नही की जाती तो हम अनिश्चित कालीन आंदोलन करेंगे। इस मशाल रैली में जिला सयोजक मधुकांत यदु के नेतृत्व में जिले के पदाधिकारीगण घनश्याम पुरी जिलाध्यक्ष स्वास्थ्य विभाग,आर एस साहू ओबीसी संघ प्रदेश अध्यक्ष , नरेश कुमार भूआर्य अध्यक्ष आयुष कर्मचारी विकास संघ, अरविंद ठाकुर सचिव आयुष कर्मचारी विकास संघ, लोकेश कुमार जिला अध्यक्ष राजपत्र पटवारी संघ छत्तीसगढ़, जितेन सोनी जिला मीडिया प्रभारी छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संघ, शन्नू सिंह जिला अध्यक्ष शासकीय लघु वेतन कर्मचारी संघ, पूनम चंद साहू सचिव शासकीय लघु वेतन कर्मचारी संघ अन्य कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के सदस्य गण उपस्थित थे। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले मशाल चेतना रैली निकालकर राज्य सरकार द्वारा “मोदी की गारंटी” लागू करने के लिए प्रदेश के कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन कर हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपें गए हैं। रैली में प्रदेश के सभी संभाग/ जिला/ ब्लॉक के प्रभारी/संयोजक/पदाधिकारी/प्रतिनिधियों ने मंत्रालय ने सामने “झन कर इनकार हमर सुनव सरकार” आंदोलन के प्रथम चरण में जमकर प्रदर्शन किया था। फेडरेशन ने मोदी की गारंटी का क्रियान्वयन नहीं होने के स्थिति में चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान किया है। जिसके द्वितीय चरण में 20 से 30 अगस्त 24 तक सांसदों एवं विधायकों को ज्ञापन,तृतीय चरण में 11 सितंबर 24 को जिला/ब्लॉक/तहसील में मशाल रैली निकालकर प्रभावी प्रदर्शन किया,चौथे चरण में 27 सितंबर 24 को प्रदेश के कर्मचारी-अधिकारी सामूहिक अवकाश में रहकर कलम बन्द काम बन्द हड़ताल करेंगे। यदि सरकार ने मोदी की गारंटी पर क्रियान्वयन नहीं किया तो फेडरेशन अनिश्चितकालीन हड़ताल का आव्हान करेगा।
फेडरेशन के जिला संयोजक ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के कर्मचारियों के लिए मोदी की गारंटी का घोषणा हुआ था। सरकार बनने पर प्रदेश के शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों को केन्द्र के समान डी.ए. दिया जायेगा,लंबित डी ए एरियर्स की राशि को कर्मचारियों के जी.पी.एफ. खाते में समायोजित किया जायेगा सहित अन्य 8 प्रतिबद्धता था। लेकिन सरकार बनने के बाद क्रियान्वयन पर सरकार का मौन धारण करना कर्मचारियों में आक्रोश का कारण बन गया है। फेडरेशन लंबे समय से शासकीय सेवकों को केन्द्र के समान गृहभाड़ा भत्ता,अर्जित अवकाश 240 दिन के स्थान पर 300 दिन करने जैसे मुद्दों सहित शासकीय सेवक कल्याण के अनेकों मुद्दों का ज्ञापन राज्य सरकार को समय-समय पर दिया है। लेकिन सरकार कर्मचारियों के मुद्दों को नजरअंदाज कर रही है।