दुनिया में इंसान की चतुराई काम नहीं आती, मुर्दे के ऊपर पैसा फेंकने के दृश्य से भी लोग समझ नहीं पाते: पंडित रुपेश कृष्ण मिश्रा

प्रहलाद चरित्र से पंडित रुपेश मिश्रा ने दिया संदेश, परीक्षा से गुजर कर ही भक्त भगवान तक पहुंचते हैं

बालोद। बालोद ब्लॉक के खैरवाही में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन पंडित रुपेश कृष्ण मिश्रा ने प्रहलाद चरित्र की कथा बताई ।

इस कथा प्रसंग के दौरान उन्होंने श्रद्धालुओं को संदेश दिया कि भगवान समय-समय पर अपने भक्तों की परीक्षा लेते हैं। क्या आपको लगता है कि प्रहलाद को भगवान श्री नरसिंह नारायण ने यूं ही दर्शन दे दिया। उनकी भी काफी कठिन परीक्षा हुई थी। भगवान स्वयं कहते हैं कि भक्तों को मुझ तक पहुंचने के लिए परीक्षा से गुजरना ही पड़ता है। जो भगवान की भक्ति करते हैं वह सीधे बैकुंठ ही नहीं भगवान के चरणों में स्थान पाते हैं इसलिए सत्संग में हमेशा मन लगाए रखना चाहिए। खाली बैठे हैं जीवन में तो भागवत की कथा जरूर सुनिए प्रहलाद तो दानवों में भी ईश्वर का वास मानते थे। वह कहते थे कि भगवान के बिना यह दैत्य मात्र मिट्टी के ढेर है। कण कण में भगवान हैं। पंडित रुपेश मिश्रा ने कहा शरीर पांच तत्वों से बना है। हमेशा मैं मैं करने वालों को समझना चाहिए कि कुछ नहीं है तेरा। महान सिकंदर भी दुनिया से गया तो कुछ लेकर नहीं गया। सब खाली हाथ आए हैं खाली हाथ ही जाएंगे। उन्होंने एक राज की बात बताते हुए कहा कि जब कोई मरता है तो उसके ऊपर सिक्के फेंके जाते हैं। इसका कारण पता है? उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि जीवन भर तो तूने पैसों के लिए हाय-हाय किया अब मर गया है तो यह पैसा उठा कर दिखा। इसका यही संदेश होता है कि हमें जीवन में कभी भी हमेशा धन के पीछे नहीं भागना चाहिए। मृत्यु के बाद शरीर कुछ काम का नहीं। पर मनुष्य तो खुद को चतुर मानता है। पर यह चतुराई किसी काम की नहीं है। ज्ञात हो कि खैरवाही (लाटाबोड़) में श्रीमद् देवी भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव का आयोजन 15 से 23 अप्रैल तक किया जा रहा है। जिसमें प्रवचनकर्ता वृंदावन से कृपा प्राप्त पंडित रुपेश कृष्ण मिश्रा है। जो कि श्री श्री 1008 रवीश पांडे की कृपा पात्र शिष्य हैं। इस भागवत कथा के मुख्य आयोजक छबेश्वर निषाद और उनके परिवार सहित गायत्री ठाकुर विशेष सहयोगी हैं। साथ ही समस्त ग्राम वासियों के तत्वाधान में यह आयोजन किया जा रहा है।

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