मंदबुद्धि युवती से दुष्कर्म करने पर आरोपी को मिला आजीवन कारावास
बालोद। सरोज नंद दास, प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बालोद (छ.ग.) के द्वारा आरोपी चिरंजीवी टंडन उम्र 24 वर्ष, निवासी मटिया, थाना-रनचिरई, जिला-बालोद को धारा 450 के आरोप में 10 वर्ष का सश्रम कारावास व 1,000/- अर्थदण्ड तथा धारा 376 (2) (ठ) के आरोप में आजीवन कारावास जिसका अभिप्राय उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिये कारावास व 1,000/- अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। व्यतिक्रम पर एक-एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास से दण्डित किया गया। अभियोजन की ओर से प्रकरण की पैरवी चित्रांगद देशमुख, अतिरिक्त लोक अभियोजक के द्वारा किया गया। जिसके अनुसार दिनांक 28 मई 2019 को पीड़िता की माता थाना रनचिरई में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज करायी कि उसके 7 बच्चे हैं, जिसमें से पीड़िता 5 वें नंबर की लड़की है और 5 वीं तक पढ़ी-लिखी है और मानसिक स्थिति से थोड़ी कमजोर है। दिनांक 28 मई 2019 को सुबह 6:00 बजे वह काम करने गई थी, उसके पति पड़ोसी के घर बैठने गये थे, उसकी छोटी बेटी बरतन मांजने तालाब गई थी, बेटा घूमने गया था और पीड़िता घर में अकेली थी। दोपहर 1:00 बजे उसका बेटा जहां वह काम करती है आकर बताया कि घर में क्या हो गया है, दीदी को लेकर पापा थाना गये हैं वह तुरंत घर आयी और वहां से थाना गयी तो उसकी लड़की पीड़िता डरी हुई थी और पूछने पर बतायी कि जब वह सुबह 9:00 बजे घर में अकेली थी तो आरोपी उसके पास आया और अश्लील बात करने लगा तो वह डरकर रोने लगी फिर आरोपी, युवती के साथ दुष्कर्म करने लगा, तभी उसकी छोटी बेटी घर आयी तो आरोपी वहां से भाग गया। उसके बाद उसकी छोटी लड़की आरोपी के घर गई तो आरोपी की पत्नी, मां उसके साथ झगड़ा करने लगे और मारने के लिये दौड़ाने लगे। हल्ला सुनकर आस-पड़ोस के लोग आये और उसके पापा भी आ गये और उसे लेकर थाना गए। उक्त सूचना के आधार पर थाना रनचिरई द्वारा अपराध दर्ज कर मामले की विवेचना में लिया गया। शेष आवश्यक विवेचना पश्चात् विवेचना अधिकारी खगेन्द्र पठारे द्वारा विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी गुण्डरदेही के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां से मामला दिनांक 23 सितंबर 2019 को माननीय सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में उपार्पित किया गया। जहां विचारण के दौरान आये साक्ष्य के आधार पर आरोपी को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।