अब न बनाओ कोई नया किस्सा, बेटियों को दो अब समाज में हिस्सा, किसी ने झाड़ियों में छोड़ दिया था इस बच्ची को, सफाई कर्मचारियों ने पहुंचाया अस्पताल, विधायक भी पहुंचे देखने, दिए दुलार

बालोद। सरकार जहां एक ओर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देती है तो दूसरी ओर आज भी समाज में बेटियों के प्रति भेदभाव देखने को मिलता है। लोग बेटा होने पर खुशियां तो मनाते हैं पर बिटिया होने पर उतनी ज्यादा खुशी नहीं होती और तो और नाजायज संबंधों से पैदा हुई बेटियां तो अक्सर कूड़े करकट के ढेर या तालाबों में फेंक दी जाती है। कई बार ऐसी बच्चों की जान तक चली जाती है। तो कई बार भगवान की कृपा से और भले लोगों के प्रयास से उन बच्चों की जान बच जाती है। ऐसा ही एक वाक्या हुआ है अर्जुंदा नगर पंचायत क्षेत्र में। जहां एक जगह पर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा नवजात कन्या को झाड़ियां में फेंक दिया गया था। गनीमत वह बच्ची जिंदा थी। इसकी भनक सफाई कर्मचारियों को लगने पर उन्होंने अर्जुंदा अस्पताल में बच्ची को भर्ती कराया। मामले की जानकारी मिलने पर संसदीय सचिव और विधायक कुंवर सिंह निषाद से रहा नहीं गया। वह बच्ची को देखने के लिए अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बच्ची को गोद में लेकर उन्हें दुलार दिया और समाज के लोगों से यह अपील की इस तरह से संवेदनहीनता ना दिखाएं। बेटी हो या बेटा सभी को समाज ने अपनाएं। अपने नाजायज रिश्तों से पैदा हुए बच्चों को इस तरह असुरक्षित ना छोड़े। ज्ञात हो कि दत्तक पुत्र योजना के तहत कई निसंतान लोगों को ऐसे बच्चों को गोद दिलाया जा सकता है। लोग बदनामी के डर से बचने के लिए इस तरह का कदम उठाते हैं। कई बार ऐसी अमानवीयता से नवजात बच्चों की जान तक चली जाती है। गनीमत यह बच्ची बच गई जो इस कलयुग में भगवान की एक लीला ही कही जा सकती है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अर्जुन्दा के पास तालाब किनारे झाड़ियों में किसी अज्ञात द्वारा नवजात कन्या को छोड़ दिया गया था ,जिसे सफाई कर्मचारी ने सुरक्षित अस्पताल में भर्ती कराया। जिसकी जानकारी प्राप्त होते ही संसदीय सचिव एवं विधायक गुण्डरदेही कुंवर सिंह निषाद अस्पताल पहुंच कर शिशु के स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त कर उपस्थित डॉक्टर को समुचित देखभाल के लिए निर्देशित किया ।

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