November 21, 2024

अपनी मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ भी आंदोलन की राह पर, तैयारी हेतु हुई बालोद में बैठक, पहुंचे प्रांतीय अध्यक्ष

बालोद। छ.ग. लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ जिला बालोद (छ.ग.) छ.ग. लिपिक फेडरेशन के प्रस्तावित आंदोलन के संबंध में प्रांतीय पदाधिकारी की उपस्थिति में रविवार को अति आवश्यक बैठक विवेकानंद सभागार बालोद में हुई। लिपिक संवर्ग से जुड़े लिपिक संगठनों के द्वारा अपने-अपने स्तर में लिपिकों के वेतन विसंगति / वेतनमान सुधार हेतु अनेकों बार पत्राचार / ज्ञापन के माध्यम से सरकार को ध्यानाकर्षण कराया गया है किन्तु शासन के द्वारा आज तक वेतन विसंगति निराकरण के संबंध में पहल नहीं किया गया, जिससे लिपिकों में भारी आक्रोश व्याप्त है। अपनी मांगों के समर्थन में लिपिकों के हित में लिपिकों के विभिन्न संघों के द्वारा छ.ग. लिपिक फेडरेशन का गठन कर 22 अगस्त को एक दिवसीय आंदोलन तथा इसके पश्चात् कोई पहल शासन द्वारा नहीं होने से 04 सितंबर से अनिश्चित कालीन आंदोलन में जाने की सूचना छ.ग. लिपिक फेडरेशन के द्वारा मुख्य सचिव छ.ग. शासन रायपुर को दे दी गई है।
उक्त आंदोलन को सफल बनाने हेतु आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने के लिए बालोद जिले के समस्त लिपिक साथियों की बैठक हुई। बैठक लेने पहुंचे प्रांतीय अध्यक्ष संजय सिंह का बालोद के पदाधिकारी और कर्मचारियों ने जोर-शोर से स्वागत किया तो वहीं आगामी आंदोलन को लेकर प्रांत अध्यक्ष ने रणनीति बताई। उक्त बैठक में प्रांतीय पदाधिकारीगण संजय सिंह प्रांताध्यक्ष, सत्येन्द्र राजपूत महामंत्री राजेश सोनी प्रांतीय कोषाध्यक्ष छ.ग. लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ रायपुर उपस्थित रहे। साथ ही स्थानीय पदाधिकारियों में महिला प्रकोष्ठ की प्रांतीय सचिव रजनी शर्मा, राजेश कुमार घोड़ेसवार, जिलाध्यक्ष, अश्वनी कुमार नायक, जिला सचिव छ.ग.लि.व.शा.क. संघ जिला बालोद , वेद प्रकाश साहू, मनीष साहू, प्रतीक तीनखेड़े, सीपी कोठारिया सहित शिक्षा विभाग, राजस्व विभाग, कृषि, पशुपालन, स्वास्थ्य सहित अन्य प्रमुख विभागों के लिपिक कर्मचारी मौजूद रहे।

क्या है प्रमुख मांगे

महिला प्रकोष्ठ की प्रांतीय सचिव रजनी शर्मा ने बताया कि लिपिकों के वेतनमान सुधार (वेतन विसंगति) एवं पदनाम परिवर्तन प्रमुख मांग है जिसके लिए आंदोलन की तैयारी है। उन्होंने कहा कि लिपिक वर्गों के लिए सिर्फ सहायक ग्रेड दो और तीन ही पद हैं। जबकि इसके आगे एक स्तर और कुछ पद होना चाहिए। छत्तीसगढ़ राज्य में लिपिक वर्गीय अपने वेतनमान में सुधार हेतु लगातार संघर्षरत् है किंतु शासन से कार्यवाही निरंक होने से लिपिकों में आक्रोश व्याप्त है। महिला प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष रत्ना ठाकुर ने कहा लिपिकों के विभिन्न संघों द्वारा इस संबंध में शासन से लगातार पत्राचार करके निवेदन किया जाता रहा है किंतु किसी प्रकार की कार्यवाही नही होने से प्रदेश के समस्त लिपिक संघों द्वारा एक मंच पर आकर छत्तीसगढ़ लिपिक फेडरेशन का गठन किया गया है।
छत्तीसगढ़ लिपिक फेडरेशन के द्वारा निर्णय लिया गया है कि 22 अगस्त को प्रदेश के सभी लिपिक सामूहिक अवकाश लेकर जिला एवं तहसील स्तर पर धरना प्रदर्शन करेंगे। लिपिकों की वेतनमान सुधार / वेतन विसंगति में सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तो 4 सितम्बर से लिपिकों के द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल में जाने का निर्णय लिया गया है।

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