नहीं सहेंगे अब अत्याचार, अबकी बार आदिवासी सरकार, आक्रोश रैली निकाल सर्व आदिवासी समाज ने बुलंद की आवाज
सर्व आदिवासी समाज ने निकाली बालोद शहर में आक्रोश रैली, विश्व आदिवासी दिवस पर हुआ विशाल आयोजन
बालोद। 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में शनिवार को बालोद शहर में सर्व आदिवासी समाज ने आक्रोश रैली निकाली वहीं सरदार पटेल मैदान में सभा का आयोजन किया। इस रैली में जमकर आदिवासी समाज ने स्थानीय राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों के खिलाफ जम कर नारेबाजी कर आगामी चुनाव में आदिवासी सरकार बनाने को लेकर आवाज बुलंद की। सर्व आदिवासी समाज ने विश्व आदिवासी दिवस की मौके पर आक्रोश रैली निकली और राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. आदिवासी वेशभूषा से सजे महिला-पुरुष अपने हाथ में तीर कमान, फरसा और तलवार लेकर केंद्र सरकार का विरोध प्रदर्शन किया.आदिवासी समाज के जनप्रतिनिधियों ने कहा कि विश्व में जल, जंगल और जमीन पर आदिवासियों का हक है. उसकी रक्षा के लिए हमेशा से आदिवासी समाज सामने आया है. इसके अलावा राज्य और केंद्र सरकार आदिवासियों के साथ धोखा करते आ रहें है.
प्रदेश में नक्सली के नाम पर आदिवासियों की हत्या, महिलाओं से दुष्कर्म और जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए भी बहुत ज्यादा परेशान कर रहे है. जिसके करण आदिवासियों में सरकार के प्रति आक्रोश है.इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा हसदेव अरण्य क्षेत्र के जंगल को काटने और वहां से जंगल हटा कर कोयला निकालने की प्रक्रिया को साजिश बताया. हसदेव अरण्य को बचाने के लिए सर्व आदिवासी समाज को एक जुट करने में हम जुटे है.
नारे और स्लोगन थे जोरदार, बताई अपनी मांगे
इस आक्रोश रैली में तरह-तरह के नारों और स्लोगन का इस्तेमाल समाज के लोगों ने अपनी मांगे रखने का प्रयास किया। जैसे इंजनों की नहीं इंसानों की सरकार चुनो, फर्जी सर्टिफिकेट धारी कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त करो, अब की बार आदिवासी सरकार, संविधान का उल्लंघन बंद करो, गूंगे बहरे जनप्रतिनिधि वापस जाओ, वापस जाओ, छत्तीसगढ़ सरकार की तानाशाही नहीं चलेगी, आरक्षण प्रक्रिया का पालन करो, पिछले वर्ष का 100 सीट बैकलॉग वापस दो, एमबीबीएस में 32% आरक्षण लागू करो, लड़ेंगे जीतेंगे अबकी बार हमर राज, जल जंगल जमीन की लूट के खिलाफ विस्थापित किसान एक हो, जितनी आबादी उतना हक, एसटी एससी ओबीसी को उनका हक दो, छत्तीसगढ़ पेशा नियम में संशोधन, 32% आरक्षण, पांचवी अनुसूची क्षेत्र में स्थानीय भर्ती में आरक्षण दिया जाए।