3 हजार किलोग्राम मछली बेच महिलाओं ने कमाए 01 लाख 46 हजार रुपए, गौठान में गढ़ रहे रोजगार का नया जरिया
बालोद| राज्य शासन के मंशानुरूप गौठान अब अनेक दृष्टि से लाभकारी सिद्ध होकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने तथा सुराजी गांव की परिकल्पना को साकार करने में अत्यंत मददगार साबित हो रहा है। उल्लेखनीय है कि गौठानों में गोबर एवं गौमूत्र बिक्री, वर्मी निर्माण के अलावा शाक-सब्जी के साथ-साथ अनेक आजीविकामूलक गतिविधियां संचालित की जा रही है। इसी कड़ी में गौठानों में शुरू किए गए मछली पालन का कार्य से ग्रामीण एवं स्वसहायता समूह की महिलाओं के लिए रोजगार का स्थाई एवं कारगर द्वार खुल गया है। जिसके अंतर्गत जिले के बालोद विकासखण्ड के ग्राम चारवाही गौठान में मछली पालन का कार्य शुरू होने से गांव की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त एवं आत्मनिर्भर बन गई हैं। ग्राम चारवाही गौठान में गायत्री महिला स्वसहायता समूह के 11 महिलाओं द्वारा गौठान डबरी जलक्षेत्र 0.10 हे. में मछली पालन का कार्य किया जा रहा है। महिलाएं मछली पालन एवं बिक्री से अच्छी खासी आमदनी कर आर्थिक रूप से सशक्त बन गई हंै। स्वसहायता समूह के महिलाओं के द्वारा अब तक 3000 किलोग्राम मछली का बिक्री कर समूह को 01 लाख 46 हजार रुपये की शुद्ध आमदनी एवं प्रति सदस्य 13 हजार 272 रूपये की लाभ अर्जित की है।
इसी तरह गुरूर विकासखंड के भानपुरी गौठान में संतोषी स्वसहायता समूह द्वारा गौठान में निर्मित डबरी के 0.162 हेक्टर जलक्षेत्र में मछली पालन का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य महिलाएं अब 450 किलोग्राम मछली की बिक्री कर समुह को शुद्ध लाभ 33 हजार 600 रुपये अर्जित की गई है। समूह के सक्रिय सदस्य भगवती साहू ने बताया कि मछली पालन व्यवसाय हम ग्रामीणों को स्वरोजगार प्रदान करने के लिए वरदान साबित हो रहा है। इसके माध्यम से अब हमकों अपने गांव में ही रोजगार का कारगर एवं बेहतरीन जरिया प्राप्त हो गया है। गौठानों के माध्यम से हमें गांव में ही रोजगार प्राप्त हुआ है हमें कहीं बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है। स्वसहायता समूह की महिलाओं ने नरवा, गरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी योजना के माध्यम से ग्रामीणों को स्वरोजगार के बेहतर जरिया प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाले छत्तीसगढ़ सरकार के प्रति विनम्र आभार व्यक्त करते हुए हृदय से धन्यवाद किया है।