बालोद – कुंदरू पारा प्राइमरी स्कूल बालोद के प्रभारी प्रधान पाठक व शिक्षक केशव प्रसाद बंजारे को पुलिस ने नौकरी लगाने के नाम पर 5 लाख की ठगी के आरोप में धारा 420 के अपराध में गुरुवार की शाम को रिमांड पर जेल भेजा है इस खबर के बाद शिक्षा जगत में खलबली मची हुई है क्योंकि उक्त शिक्षक नवाचारी माना जाता है शिक्षा के क्षेत्र कई अच्छे काम कर अवार्ड पा चुके केशव बंजारे की जब यह असलियत सामने आई तो लोग हैरान रह गए जानकारी के अनुसार 30 नवम्बर को आवेदिका संगीता सिंह ठाकुर पति- योगेश्वर सिंह ठाकुर साकिन रेलवे कालोनी वार्ड क्रं. 02 के द्वारा अनावेदक केशव बंजारे के विरूद्ध एक शिकायत पत्र आईजी को दिया गया था जिसे जांच के लिए एसपी ऑफिस भेजा गया डीएसपी दिनेश कुमार सिन्हा जांच किया, जिसमें अनावेदक केशव बंजारे शिक्षक शासकीय प्राथमिक शाला कुंदरूपारा बालोद के द्वारा आवेदिका संगीता सिंह ठाकुर को वर्ल्ड वेलफेयर एण्ड हेल्थ आर्गनाईजेशन में मैनेजर पद (मासिक वेतन 22000/- रुपये) में नौकरी लगाने हेतु पृथक- पृथक अवधि में 3,00,000/- रुपये लेकर धोखाधड़ी का संज्ञेय अपराध घटित किया है, इसी प्रकार देवारभाट निवासी रूपेन्द्र वर्मा से लोको पायलट पद (रेलवे) में नौकरी लगाने के नाम पर 1,50,000/- रुपये एवं मनोज से भी नौकरी लगाने के नाम से 60,000/- रुपये लेकर धोखाधड़ी किया है।
इस तरह लिया झांसे में
संगीता सिंह ठाकुर ने बताया उक्त संस्था में पदस्थ केशव बंजारे जो कि शा. प्रा शाला कुंदरूपारा में बतौर शिक्षक पदस्थ हैं, ने मुझे घोटिया चौक में संचालित एक अस्पताल में डब्ल्यू डब्ल्यू एच ओ संस्था के तहत डिप्टी मैनेजर के पद पर नौकरी दिलाने पैसा लिया. 24 नवम्बर 2019 बाकायदा उनके द्वारा एक नियुक्ति पत्र भी दिया गया जिसमें मासिक वेतन 22000 रुपये देने का जिक्र है।
खुद को बताता था मैनेजर
वह खुद को उक्त संस्था का मैनेजर बताया करता था 24 नवम्बर से 10 मार्च 2020 तक मैं वहां अपनी पद पर कार्यरत रहते हुए कार्य किया, जिसका भुगतान तीन माह पंद्रह दिन का वेतन 77000 रुपए अभी तक नही किया गया है, वेतन नही मिलने के कारण मैंने 11 मार्च 2020 से काम करना छोड़ दिया और जो पैसा नौकरी लगाने दी थी उसे वापस मांगी तब केशव बंजारे द्वारा उक्त रकम का चेक मुझे दिया गया जिसके भुगतान हेतु मेरे द्वारा उनका दिया चैक बैंक में लगाने से वह चैक बाउंस हो गया इसी तरह अन्य लोगों से पैसा लेकर नौकरी दी गई और फिर बाद में ठगी की गई. लोगों को नौकरी के बदले ना वेतन न मिला न ही दिया हुआ पैसा.