नियम विरुद्ध सोसायटी अध्यक्षों की नियुक्ति रद्द करने की मांग, भाजपा किसान मोर्चा व सहकारिता प्रकोष्ठ ने राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन
बालोद। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा व सहकारिता प्रकोष्ट ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौपा और मांगो पर विचार करने के लिए निर्वाचित बोर्ड के कार्यकाल को समाप्त कर नियम विरूद्ध पदस्थ किए गए समस्त प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के प्राधिकृत अधिकारियों कांग्रेस द्वारा नियुक्त अध्यक्षों को हटाकर पुनः बोर्ड की बहाली करने एवम् निर्वाचन की कार्यवाही प्रारंभ करने की मांग की गई।
सत्र 2017 में निर्वाचित समस्त 2058 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों( पैक्स /लैंप्स ) के बोर्ड को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सोसाइटीयों के पुनर्गठन करने के नाम पर 25 जुलाई 2019 को असंवैधानिक तरीके से भंग कर दिया गया था ।तत्पश्चात शासन के आदेशानुसार सभी सोसाइटीयों में प्राधिकृत अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई थी।
अधिकांश सोसायटीयों के द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 22 नवंबर 2019 को बोर्ड की पुनः बहाली का आदेश जारी किया गया ।इस प्रकार लगभग 4 माह तक अवैधानिक रूप से सोसाइटीयों के बोर्ड को भंग कर प्राधिकृत अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई थी जो सर्वथा नियम विरुद्ध थी। छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 49(7_ क)( एक) के परंतुक में स्पष्ट प्रावधान है कि “जहां किसी बोर्ड को अतिष्ठित या निलंबित किया गया हो या अधिनियम के तहत हटाया गया हो ,किसी न्यायालय के या प्राधिकारी के आदेश के फलस्वरूप पुनः स्थापित हो जाती है ,वहां वह कालावधि जिसके दौरान वह (बोर्ड) यथास्थिति अतिष्ठित ,निलंबित या पद पर नहीं रही है , पूर्वोक्त कार्यकाल की गणना करने में अप वर्जित कर दी जाएगी “।अर्थात उक्त अवधि की गणना सोसाइटी के बोर्ड के कार्यकाल में नियमानुसार नहीं जोड़ा जाना चाहिए था । किंतु सोसाइटीयों के निर्वाचन के प्रथम सम्मेलन की तारीख से 5 वर्ष व्यतीत होते ही बोर्ड के कार्यकाल के अवसान का उल्लेख करते हुए शासन द्वारा सोसाइटीयों में प्राधिकृत अधिकारियों को पदस्थ कर दिया गया ।जबकि उपरोक्त कारणों से सभी 1333 सोसायटीयों के बोर्ड के कार्यकाल की अवधि का अवसान 4 माह पश्चात होना था। छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम एवं नियमों के तहत लगभग 4 माह की अवधि के लिए तत्काल सोसाइटीयों के बोर्ड की बहाली सुनिश्चित कराने हेतु छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश जारी करने की मांग राज्यपाल से की गई। तत्पश्चात निर्वाचन की प्रक्रिया भी प्रारंभ की जानी चाहिए। 2 वर्ष से ज्यादा समय व्यतीत हो जाने के पश्चात भी आज तक निर्वाचन नहीं कराया जाना लोकतंत्र की हत्या के समान है। वर्तमान में नियमों में संशोधन कर कांग्रेस के नुमाइंदों अशासकीय सदस्यों को मनोनीत किया जा रहा है ।इस तरह निर्वाचन नहीं कराकर सरकार द्वारा लोकतंत्र का हनन किया जा रहा है। नवगठित 725 सोसाइटियों का निर्वाचन भी तत्काल कराए जाने हेतु छत्तीसगढ़ सरकार एवम् छत्तीसगढ़ सहकारी निर्वाचन आयोग को निर्देश जारी की जाए । भाजपा किसान मोर्चा ने मांग रखी कि धान खरीदी के संबंध में सभी व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।ज्ञापन सौपने वालो में पवन साहू प्रदेश अध्यक्ष किसान मोर्चा प्रीतम साहू राजेंद्र राय पूर्व विधायक देवेंद्र जयसवाल किशोरी साहू जिला महामंत्री भाजपा तोमन साहू जिला अध्यक्ष किसान मोर्चा खेदु राम साहू संयोजक सहकारिता देव लाल ठाकुर प्रदेश प्रवक्ता भाजपा नरेश यदु ठाकुर राम चंद्राकर राकेश यादव सुशील सेवक त्रिलोक साहू जिला उपध्यक्ष भाजपा शरद ठाकुर जयेश ठाकुर संजय दुबे अनिता कुमेटी जिला मंत्री भाजपा सुरेश निर्मलकर कौशल साहू रूपेन्द् सिन्हा टिनेस्वर् बघेल मंडल अध्यक्ष शीतल नायक दीपा साहू लीला शर्मा सगीता चंद्राकर लता साहू सरोज गगबेर हितेस्वरी कौशिक दुर्गा नंदनसाहू संयोजक स्वच्छता प्रकोष्ठ होरी लाल रावटे कृतिका साहू पुस्पेंद्र चंद्राकर जिला पंचायत सदस्य पवन सोनबरसा सुरेंद्र देशमुख शिव धरम गुडे विक्रम गणेश राम साव कल्याण साहू वीरेंद्र साहू दनेस्वर मिश्रा राजीव शर्मा आदित्य पिपरे पंकज चौधरी सौरभ चोपड़ा अकबर तिगाला कमल पंपलिया मौजूद रहे।