संकुल स्तरीय द्वितीय आवर्ती वर्ग प्रशिक्षण समापन समारोह संपन्न
बालोद। सरस्वती ग्राम शिक्षा समिति छत्तीसगढ़ बिलासपुर कोनी के मार्गदर्शन दो दिवसीय संकुल स्तरीय संकुल केंद्र झलमला का द्वितीय आवर्तिवर्ग का आयोजन ग्राम सुरडोंगर मे संचालित सरस्वती शिशु मंदिर सुरडोंगर के तत्वाधान मे माँ गायत्री प्रज्ञापीठ सुरडोंगर में हुआ।
कार्यक्रम का उद्घाटन शनिवार शाम 4 बजे हुआ। मुख्य अतिथि नकुल विश्वकर्मा सचिव ग्राम विकास समिति सुरडोंगर थे। अध्यक्षता तोरण सिंह अध्यक्ष ग्राम विकास समिति सुरडोंगर ने की। विशेष अतिथि रघुवीर मरकाम संयोजक सरस्वती शिशु मंदिर सुरडोंगर , ओकेश् चिराम उपाध्यक्ष पालक समिति , पूर्णिमा तिवारी सदस्य , राधा विश्वकर्मा , एवं कन्हैया लाल विश्वकर्मा व्यवस्थापक गायत्री प्रज्ञापीठ सुरडोंगर तथा पालकगण उपस्थित रहे ।
सर्वप्रथम् दीप प्रज्वलन वंदना स्वागत समारोह हुआ। उसके पश्चात अतिथि उद्बोधन हुआ। प्रथम कालांश में संस्कृत शिक्षण आचार्य हेमंत सिन्हा द्वारा दिया गया । रात्रि भोजन उपरांत प्रतिभा विकाश कार्यक्रम के तहत लोकगीत भजन का कार्यक्रम हुआ। रविवार को सुबह 5 बजे जागरण एवं 6 बजे स्मरण योग व्यायाम शारीरिक शिक्षा हुई । 9 बजे दीप प्रज्ज्वलन वंदना सत्र एवं प्रथम कालान्श अंग्रेजी शिक्षण कन्हैया लाल विश्वकर्मा प्रधानपाठक शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सुरडोंगर दिया गया। द्वितीय कालांश के आर सोरी व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला सुरडोंगर ने नई शिक्षा नीति के बारे में बताया। समापन समारोह के मुख्यातिथि तोरण सिंह मरकाम थे। अध्यक्षता नकुल सिंह विश्वकर्मा ने की। विशेष अतिथ के आर सोरी ,अजहर दास सोनबरसा ,डा.शिवेंद्र देवांगन , मुख्यवक्ता दुलार सिंह पटेल संकुल प्रभारी संकुल झलमला ,ताराचंद साहू जिला संगीत प्रमुख, युधिष्ठिर साहू जिला योग प्रमुख , प्रकाश तिवारी प्रधानाचार्य लाटाबोड़ , राजेश कोमरे प्रधानाचार्य सुरडोंगर ,गुनीता देशमुख प्रधानाचार्य पैरी , मेनका चंद्राकर प्रधानाचार्य पिरीद , राजेन्द्र खरे प्रधानाचार्य डेंगरापार , अंजू साहू प्रधानाचार्य पाररास एवं समस्त आचार्य दीदी की उपस्थिति रही । सरस्वती शिशु मंदिर के क्रिया कलाप गतिविधि से प्रभावित होकर ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष सचिव उपाध्यक्ष एवं सभी अतिथियों से सरस्वती शिशु मंदिर सुरडोंगर के विकास करने की सहमति एवं इच्छा प्रकट कर इसे आगे बढ़ाने हेतु आश्वासन दिया । सभी से सरस्वती शिशु मंदिर की खुले मन से सराहना किये । सभी अतिथियों का युधिष्ठिर साहू ने आभार व्यक्त कर राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम एवं सर्वे भवन्तुः सुखिन: से कार्यक्रम का समापन किया।