बालोद। गुरुर थाना क्षेत्र में विगत दिनों भगवा चोला पहनकर अपना गलत नाम बता कर साधु रूपी वेश बनाकर पहुंचे दो लोगों को पुलिस ने प्रतिबंधात्मक धारा 151 के तहत कार्रवाई की थी। पूछताछ में दोनों मुसलमान निकले थे और हिंदू के वेश में आए थे। जब पुलिस ने गायत्री मंत्र पूछा तो वे जवाब नहीं दे पाए थे जिसके बाद पुलिस ने प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की थी। मामला सामने आने के बाद इसमें विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल ने एसपी जितेंद्र यादव को ज्ञापन देते हुए संबंधित भगवाधारी धोखा देने वाले लोगो के खिलाफ हिंदू भावनाओं को आहत करने संबंधित धाराओं के तहत भी कार्रवाई की मांग की है। भगवा चोला पहन कर घुमने वाले संदिग्ध मुस्लिम व्यक्तियों झगरु उर्फ सद्दाम पिता मुसाफिर और याद अली उर्फ माले सज्जन, दोनों पता ग्राम नेवादा, थाना पट्टी, प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) के विरुद्ध “हिन्दू आस्था को आहत करने” संबंधी अपराध दर्ज कर कार्यवाही करने की मांग उठी है। ज्ञापन में कहा गया है कि मुखबिर की सूचना पर पुलिस थाना गुरुर, जिला बालोद (छ.ग.) क्षेत्रांतर्गत दो व्यक्तियों को बस स्टैण्ड गुरुर में गिरफ्तार कर उन पर धारा 151 जा. फौ. के तहत प्रतिबंधात्मक धारा लगाकर जेल भेजा गया है। उक्त दोनों व्यक्तियों से पूछताछ करने पर पता चला कि वे उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के निवासी हैं, जो भगवा चोला पहनकर भिक्षा मांगने घुम रहे थे, वे कोई पंडित, महाराज नहीं हैं बल्कि मुसलमान हैं जो संदिग्ध गतिविधि एवं अपना नाम, पता व वास्तविक पहचान छिपाकर हुलिया बदलकर बच्चा चोरी एवं अन्य बड़े आपराधिक घटना को अंजाम देते हैं। उक्त दोनों व्यक्तियों के द्वारा भगवा चोला पहनकर हिन्दूओं की आस्था एवं भावनाओं के साथ खिलवाड़ किये हैं, जिनके विरुद्ध पुलिस थाना गुरूर द्वारा मात्र धारा 151 जा.फौ. का मामला बनाया गया है, जो उचित एवं पर्याप्त नहीं है। इसलिए निवेदन है कि, हिन्दू आस्था एवं भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वाले उत्तर प्रदेश निवासी उपरोक्त दोनों संदिग्ध मुसलमान व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता व अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही करने की जाए। मांग करने वालों में विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, जिला बालोद के विभिन्न पदाधिकारी शामिल हैं।
ज्ञापन सौंपने के लिए प्रमुख रूप से सतीश विश्वकर्मा विश्व हिंदू परिषद सह मंत्री, उमेश कुमार सेन बजरंग दल जिला संयोजक, महेंद्र सोनवानी विश्व हिंदू परिषद से पहुंचे थे।