बालोद। ग्राम घीना में बेटियों को आगे बढ़ाने की दिशा में शोक में भी एक पहल हुई है। यहां की दो बेटियों ने अपनी मां की मौत के बाद कांधा और मुखाग्नि दी। पापा ने भी बेटियों को आगे किया और इस दुख की घड़ी में उनका हौसला बढ़ाया। दरअसल में ग्राम घीना के रहने वाले भोलेश्वर भुआर्य की पत्नी रुक्मणी देवी का निधन हो गया। जिनका अंतिम संस्कार गुरुवार को हुआ। मृतक की दो बेटियां जिज्ञासा और खुशी हैं। जिन्होंने मां के शव को कांधा दिया और मुक्तिधाम तक लाए।
फिर यहां भी सभी अंतिम क्रियाकर्म के विधान के साथ मुखाग्नि दी गई। ग्रामीणों ने बताया कि यह पहल बेटियों को बढ़ावा देने के लिए की गई। आज के जमाने में बेटी, बेटों से कम नहीं है। इस दुख की घड़ी में भी बेटियों को यह कदम उठाते देख उनके हौसले की भी सराहना की गई। मां के जाने के गम में भी खुद को संभालते हुए बेटियों ने अंतिम संस्कार किया और समाज को एक नया संदेश दिया कि बेटियां हर वह काम कर सकती है जो आज बेटे करते हैं। इसलिए बेटियों के साथ भेदभाव खत्म हो।