November 22, 2024

विकिरण पद्धति से उपचारित होंगे खाद्य पदार्थ, भाभा से बालोद जिले के उद्यानिकी कॉलेज पहुंचे वैज्ञानिक ने साझा की योजना

वैज्ञानिकी सामाजिक उत्तरदायित्व के अन्तर्गत भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र मुंबई की एक पहल है – इलेक्ट्रॉन बीम तकनीक

बालोद| वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व के अन्तर्गत भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र मुंबई द्वारा निर्मित इलेक्ट्रॉन बीम तकनीक , उसकी सामाजिक उपयोग और रिसर्च के बारे में शासकीय महाविद्यालय अर्जुंदा और शासकीय उद्यानिकी महाविद्यालय अर्जुंदा के प्राध्यापक और छात्रों को अवगत कराया गया । भाभा अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉक्टर सूर्य प्रकाश देवांगन बालोद जिला पहुंचे थे उन्होंने कॉलेज में बताया कि इलेक्ट्रॉन बीम तकनीक के माध्यम से उत्कृष्ठ किस्मों के बीज तैयार किए जा सकेंगे । खाद्य पदार्थो , सब्जी , अनाजो और फसलों के औषधीय गुणों का विकिरण द्वारा उपचार कर उनका संरक्षण किया जा सकेगा और उनकी आयु बढ़ाई जा सकेगी जिससे निर्यात की जाने वाली फसलों की गुणवत्ता और भी बढ़ेगी। इस तकनीक के माध्यम से कंद मूल वाले फसलों को उपचारित कर अंकुरण को भी रोका जा सकता है। साथ ही बिना कोल्ड स्टोरेज के उनका भंडारण भी किया जा सकेगा। इस तकनीक के प्रयोग से उद्योगों व लैब से निकलने वाले दूषित जल का शुद्धिकरण किया जा सकता है। साथ ही तकनीकी सुरक्षा के बारे में भी जानकारी दी गई । उनके अनुसार यह पूर्णतः सुरक्षित व स्वदेशी तकनीकी उपकरण है । साथ ही उनके द्वारा उद्यानिकी महाविद्यालय के छात्रों को उपयोगी व प्रेरक जानकारी भी प्रदान की गई। इस अवसर पर कर्मचारी प्रकोष्ठ ग्राम डूडिया के सी एल ठाकुर कृषि विकास अधिकारी , राधेलाल बंजारे प्रधान पाठक , युगल देवांगन शिक्षक , प्रवीण देवांगन एवं महाविद्यालयीन प्राध्यापकों और विद्यार्थियों की सहभागिता रही।

राज्य में इलेक्ट्रान बीम एक्सीलेटर संयंत्र की स्थापना के संबंध में राज्यपाल को सौंपा गया है प्रस्ताव

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से विगत 25 मई को राजभवन में भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर मुंबई में इलेक्ट्रान बीम फैसीलिटी सेंटर की निदेशक डॉ. अर्चना शर्मा ने मुलाकात की थी। इस अवसर पर डॉ. शर्मा ने भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर द्वारा निर्मित इलेक्ट्रान बीम एक्सीलेटर संयंत्र की राज्य में स्थापना करने एवं उसके सोसाइटेबल एप्लीकेशन को लेकर राज्यपाल से चर्चा की थी। उन्होंने बताया कि इसकी स्थापना हो जाने से छत्तीसगढ़ में विभिन्न खाद्य पदार्थों को विकिरण द्वारा आसानी से उपचारित किया जा सकेगा। राज्यपाल सुश्री उइके ने संयंत्र की स्थापना के संबंध में कहा है कि यह छत्तीसगढ़ राज्य के लिए अच्छी परियोजना है। इससे यहां कि खाद्य फसलों का संरक्षण बेहतर तरीके से किया जा सकेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि इससे राज्य के वनवासियों को भी इसका फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि निर्यात के लिए गुणवत्तायुक्त फसलों के उत्पादन से यहां के किसानों को भी लाभ होगा। 

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