चैतराई पर्व पर रामायण का विरोध सोहन पोटाई की कुंठित मानसिकता को दर्शाता है- अश्वन बारले

बालोद। विगत दिनों कांकेर में सर्व आदिवासी समाज द्वारा आयोजित चैतराई पर्व में कांकेर लोकसभा क्षेत्र से चार बार सांसद रहे सोहन पोटाई तथा उनके कथित समर्थकों द्वारा रामायण का खुलेआम विरोध किया गया तथा आदिवासियों को बरगलाने लगे कि आदिवासी हिंदू नहीं है तथा रामायण, गीता, भागवत नहीं पढ़ेंगे और न ही आदिवासी क्षेत्रों में रामायण का आयोजन होने देंगे|ल। इस पर वर्तमान सांसद मोहन मंडावी ने विरोध किया तथा कहा कि भगवान राम के 14 वर्ष का वनवास काल इसी दंडकारण्य में बीता एवं भगवान श्रीराम का लोकजीवन पुरी तरह से आदिम संस्कृति से ओतप्रोत है। लेकिन तथाकथित धर्म विद्रोहियों एवं कुंठित मानसिकता के लोगों द्वारा रामायण का विरोध किया जाना निंदनीय है।
सांसद प्रतिनिधि असवन बारले, किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष तोमन साहू, महामंत्री मनोहर सिन्हा,जिला मंत्री भोला राम साहू,सरपंच संघ के अध्यक्ष अरूण साहू,सरपंच दानेदार सिन्हा, सरपंच तरिका यादव, ओमप्रकाश रात्रे तथा अन्य मानस प्रेमियों ने इस घटना पर रोष व्यक्त करते हुए सांसद मोहन मंडावी पर किए गए प्रहार पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सोहन पोटाई के गुर्गे की निंदा की है तथा सांसद मंडावी के राम प्रेम की प्रशंसा की है।

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