शिकसा रंगोत्सव एवं सम्मान समारोह में “शिक्षाश्री” से अलंकृत शिक्षक विवेक धुर्वे (कार वाले गुरुजी) हुए सम्मानित
बालोद। होली मिलन समारोह का आयोजन शिक्षक कला व साहित्य अकादमिक जिला बालोद के शिकसा रंगोत्सव एवं सम्मान समारोह शहीद वीर नारायण सिंह ऑडिटोरियम बालोद में किया गया। जिसमें जिले के शिक्षक कला व साहित्य अकादमिक के प्रांतीय पदाधिकारी व जिला पदाधिकारी भी सम्मिलित हुए। बालोद जिला के बहुत से शिक्षको को इस कार्यक्रम में अपनी कला को सामने लाने का अवसर प्राप्त हुआ। इस कार्यक्रम के संयोजक व संस्थापक डॉ शिवनारायण देवांगन ,जिलाध्यक्ष अरुण साहू,मुख्य अतिथि विकास चोपड़ा नगरपालिका अध्यक्ष,कार्यक्रम की अध्यक्षता कौशलेंद्र पटेल ने की। विशेष अतिथि संजय कुमार मैथिल व धर्मेंद्र कुमार श्रवण कार्यक्रम उपस्थित हुए।
इस कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के कर कमलों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। आगे की कड़ी में सरस्वती वंदना, अतिथियों का सम्मान स्वागत,स्वागत गीत व अतिथि उदबोधन हुआ उसके उपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमे शिक्षको ने अपने अंदर की कला को सामने लाने का प्रयास किया। जिसमे गीत,संगीत,नृत्य,रंगोत्सव काव्य पाठ,एवं अन्य गतिविधिया प्रस्तुतिकरण किया गया। उसके उपरांत नवीन सदस्य पदाधिकारी एवं सदस्यगण एवं प्रतिभावान विद्यार्थियों ,अतिथि सम्मान एवं सम्मान पत्र ,प्रतीक चिन्ह वितरण के साथ आभार समापन हुआ। आयोजक समिति में जिलाध्यक्ष अरुण साहू ,महासचिव कामता प्रसाद साहू ,कार्यक्रम प्रभारी श्रीमती कैशरीन बेग व समस्त पदाधिकारी व सदस्यगण मौजूद रहे। शिक्षाश्री अलंकृत शिक्षक विवेक धुर्वे, जिन्होंने अपने कार्यो से अपनी अलग पहचान बनाई उन्हें भी सम्मानित किया गया। विवेक धुर्वे ने पुरुस्कार लेते हुए कहा कि शिक्षक कला व साहित्य अकादमिक बालोद ने शिक्षको के अंदर छुपी कला को सबके सामने लाने का ये अच्छा प्लेटफार्म है। जिसमे बालोद जिले के पांचों ब्लॉक के शिक्षको ने अपनी कला का प्रदर्शन बहुत ही सुंदर रूप में प्रस्तुत किया। ज्ञात हो कि विवेक धुर्वे सांकरा ज हायर सेकेंडरी स्कूल में व्याख्याता हैं। कोरोना काल के दौरान उन्होंने मोहल्ला क्लास के दौरान कार के जरिए बच्चों को पढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ में कार वाले गुरु जी के नाम से नवाचार करते हुए प्रसिद्धि पाई थी। जिसके लिए उन्हें विभिन्न संस्था व विभाग द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है।