गणतंत्र दिवस विशेष- यहां दिखता है धर्म और देश भक्ति का संगम, पूजे जाते हैं बापू और भारत माता, गांधी मंदिर की है अपनी अलग ही कहानी
बालोद। बालोद और धमतरी जिला की सीमा पर बसे ग्राम छटियारा में एक ऐसा मंदिर है जो धर्म और देश भक्ति का संगम माना जाता है। यह है गांधी मंदिर। जहां आने पर लोगों को देश भक्ति का गजब का एहसास होता है। धमतरी जिला कंडेल सत्याग्रह के नाम से प्रख्यात है ही और बालोद जिला इससे लगा हुआ है। 1920 के इस सत्याग्रह में तत्कालीन क्षेत्र के किसानों ने भी हिस्सा लिया था। तो वहीं गांधी के मानने वाले आज भी इन इलाकों के संगठनों से जुड़े हुए हैं। तो ऐसे में भला गांधी के नाम से बने मंदिर से भी लोग क्यों ना जुड़ेंगे। बालोद जिले से भी इस गांधी मंदिर का नाता अटूट है। गांधी समर्थक लोग गांधी जयंती सहित राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर यहां जा कर पूजा करते हैं और गांधीवादी विचारों को प्रोत्साहित करते हैं। इस गणतंत्र दिवस पर हम देशभक्ति की भावना व गांधी के आदर्शों को याद दिलाने के लिए इस गांधी मंदिर की खबर सामने लाए हैं। जिन्हें पढ़कर आपको देशभक्ति का भी एहसास होगा। यहां स्वतंत्रता संग्राम के नायक महात्मा गांधी की पूजा होती है। गंगरेल बांध की खूबसूरत हंसीन वादियों के पीछे बसे छटियारा गांव में गांधी और उनके विचारों की प्रासंगिकता आज भी बरकरार है।
गांधी भक्त ने बनाया है मंदिर
बताया जाता है कि समिति से जुडे़ लोगों के गुरूदेव दुखू ठाकुर महात्मा गांधी के परमभक्त थे और वह गांधी विचारों को आगे बढ़ाने गंगरेल बांध के डूबान में गांधी मंदिर की स्थापना की थी। उन्होंने अपने साथ अलग-अलग स्थानों से कई परिवारों को भी जोड़ा और गांधी जी के विचारों को अपनाकर काम करने सहित उन्हें आगे बढ़ाने की आह्वान किया। गंगरेल बांध बनने से मंदिर डूब गया, जिसे बाद में नदी किनारे फिर से बनाया गया. तब से लेकर आज तक गुरूदेव और गांधी जी की पूजा की जा रही है।
भारत माता की पूजा भी होती है यहां
इसके अलावा यहां भारत माता की भी पूजा की जाती है। हालांकि इनकी पूजा पध्दति अन्य जगहों से अलग है। मंदिर समिति के लोग चावल के आटे का इस्तेमाल करते है। वे मानते है कि यहां पूजा करने से दुख संताप दूर होते है। इस गांधी मंदिर में लगभग सभी पर्वों को धूमधाम से मनाया जाता है।नवरात्र में यहां मनोकामना ज्योत भी जलाई जाती है। राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण कर आजादी की खुशियां मनाई जाती है। इस गणतंत्र पर्व पर भी लोग जहां ध्वजारोहण कर आजादी व गांधी जी की यादों को ताजा करेंगे।
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