अंधविश्वास है या वाकई में हुआ अपराध? खुलासा हो सकता है आज- करकाभाट में दूसरे दिन जारी है शव के अवशेष तलाशने खुदाई क्योंकि एक दोस्त ने कबूला है- मैंने हत्या कर अपने दोस्त को है दफनाया
बालोद/ छत्तीसगढ़। बालोद थाना क्षेत्र के ग्राम करकाभाट में दूसरे दिन भी पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में खुदाई जारी है। यह खुदाई इसलिए हो रही है क्योंकि यहां के रहने वाले एक टीकम कोलीयारा उम्र 40 वर्ष ने यह कहा है कि फरवरी 2003 में मैंने अपने दोस्त छबेश्वर गोयल की हत्या करके उसे दफना दिया है। इस सनसनीखेज कबूल नामा के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है व उसके बातों में कितनी सच्चाई है यह जानने के लिए उसके बताए स्थान पर खुदाई हो रही है। पहले दिन शनिवार को भी दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक खुदाई चली। आज दूसरे दिन भी पुलिस प्रशासन की टीम खुदाई करवा रही है। लेकिन अब तक कुछ हासिल नहीं हुआ है। अचानक इस तरह टीकम द्वारा थाने पहुंच कर हत्या करने की बात बताया जाना भी कई सवालों को जन्म दे रहा है। तो वही उनके द्वारा जो रहस्य भरी बातें बताई जा रही है वह अंधविश्वास की ओर भी इशारा कर रहा है। अब यह सच्चाई तभी उजागर हो सकती है कि यह अंधविश्वास का मामला है या वाकई में हत्या जैसा कोई अपराध 2003 में हुआ है, कुछ अवशेष मिलने पर सामने आ सकता है। शव के अवशेष तलाशने में पुलिस प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। कथित आरोपी टीकम कोलीयारा (अभी पुष्टि नहीं हुई है) का कहना है कि मुझे अपने दोस्त छबेश्वर की आत्मा परेशान करती है। जिसके चलते मैं एक बैगा के पास भी जा रहा था और उसी नहीं सलाह दी कि अपना अपराध कबूल लो और मैं थाने गया। हालांकि कानून और शासन, प्रशासन इन बातों को नहीं मानती पर फिर भी क्योंकि सामने वाले ने हत्या जैसे अपराध के बारे में जानकारी दी है तो सच्चाई जानना भी पुलिस प्रशासन का काम है। इसलिए यह खुदाई हो रही है। अभी भी कथित आरोपी इस बात पर अड़ा हुआ है कि मैंने अपने दोस्त को मारकर दफनाया है।
प्रेमिका को करता था परेशान इसलिए मैंने मारा था और उसके बाहर जाने की झूठी कहानी भी बनाई थी
कथित आरोपी टीकम का कहना है कि वर्तमान में जो उनकी पत्नी है, पहले प्रेमिका थी। जब उनकी उम्र में 17-18 साल की करीब रही तो उनकी प्रेमिका को उनका दोस्त छबेश्वर गोयल परेशान करता था। जिसकी शिकायत प्रेमिका ने मुझसे की थी। इसके बाद मैंने मौका पाकर उसे उस जगह पर बुलाकर बेहोशी की दवा देकर रॉड से मारकर हत्या की थी और फिर वहीं रात करीब 12 बजे दफना दिया था। गांव वालों व दोस्त के परिवार वालों, किसी को शक ना हो इसलिए मैं नहीं छबेश्वर की आवाज में उनके घर वालों को फोन करके यह कह दिया कि मैं कमाने खाने के लिए बाहर जा रहा हूं और कभी लौट कर नहीं आऊंगा। मुझे ढूंढने की कोशिश भी मत करना। कथित आरोपी का कहना है कि उनके इस तरह चाल चलने के बाद कभी छबेश्वर के घर वालों ने भी उन्हें खोजने का प्रयास नहीं किया और उसका यह राज दफन रहा। लेकिन अब अचानक इतने साल बाद आखिर क्यों टीकम अपना अपराध बयां कर रहा है, यह जांच योग्य है। बालोद पुलिस अभी अपनी ओर से इस बारे में कोई खुलासा नहीं कर रही है, जब तक कोई सबूत हाथ न लगे। तो वहीं इस मामले में जिसकी गायब होने या हत्या होने की बात कही जा रही है उनके परिजनों सहित कथित आरोपी की पत्नी से भी पूछताछ किया जाए तो अहम खुलासे हो सकते हैं। पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है। फिलहाल कोई एफ आई आर दर्ज नहीं हुआ है।