प्रकृति से है प्यार तो दैहान जंगल को बचाने आओ मेरे यार, इस संदेश के साथ भावना फाउंडेशन ने लगाए 100 पौधे

बालोद। छत्तीसगढ़ की भावना फाउंडेशन के द्वारा 100 पौधे लगाकर बालोद जिले के दैहान तरौद जंगल को बचाने के लिए अनूठी मुहिम छेड़ी गई। इस भावना फाउंडेशन के संस्थापक दीपक थवानी के जन्मदिन पर जंगलों को बचाने के लिए एक मुहिम की गई। इस अंतर्गत ध्यान पहुंचकर जहां पर बाईपास के लिए प्रस्तावित रोड है, जहां आसपास के पेड़ों को कटाई किया जाना है। उन जगहों के आसपास 100 पौधों का रोपण किया गया। प्रकृति से है प्यार तो ,दैहान जंगल बचाने आओ मेरे यार, इस थीम पर ये पौधारोपण हुआ। जिसमें बालोद ही नहीं बल्कि डौंडीलोहारा क्षेत्र के भावना फाउंडेशन से जुड़े हुए लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और पौधे लगाने के लिए पहुंचे। छोटे-छोटे बच्चों ने भी इसमें भागीदारी दिखाई। इन पौधों की सुरक्षा का जिम्मा भी एक व्यक्ति को दिया गया जो इसकी देखरेख करेगा और पानी की कमी होने पर उन्हें पानी भी डालेगा। खास बात यह है कि जिन पेड़ों को काटना प्रस्तावित है उन्हें बचाने के लिए भावना फाउंडेशन के द्वारा पेड़ों में फ्लैक्स भी बांधे गए। जो अलग-अलग संदेशात्मक थे। एक पेड़ एक जिंदगी, पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ, इस दुनिया को सुंदर बनाओ आदि कई तरह के नारों के साथ फ्लेक्स लगाकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया।

पेड़ है प्रकृति के रक्षक, काट के तुम ना बनो भक्षक, इस संदेश के साथ पेड़ काटने का विरोध भी किया गया। पौधे लगाने के लिए पहुंचे भावना फाउंडेशन की कादम्बिनी यादव ने कहा कि पेड़ धरती का सोना है, इसे बिल्कुल नहीं खोना है। तो डॉक्टर लोकेश पारकर ने भी कहा कि वृक्ष होते हैं ईश्वर के वरदान, काट कर इन्हें मत करो ईश्वर का अपमान। बड़गांव से आए कमल कांत साहू व उनकी पत्नी ने भी बिन पेड़ों के हैं सब बेकार, पेड़ों की रक्षा के लिए रहो हमेशा तैयार, नारे के साथ पेड़ लगाने और जीवन बचाने का संदेश दिया। ज्ञात हो कि इसके पहले भी इस जंगल से पेड़ों को कटने से बचाने के लिए भावना फाउंडेशन सहित पर्यावरण प्रेमियों की टीम के द्वारा चिपको आंदोलन की तर्ज पर अभियान छेड़ा गया है और शासन प्रशासन को इस संबंध में ज्ञापन भी दिया गया है। प्रस्तावित बाईपास में लगभग 3000 पेड़ों को काटने की योजना है। जिसका प्रकृति प्रेमी विरोध कर रहे हैं। 100 पौधे लगाने दीपक थवानी, कादम्बिनी यादव, लोकेश पारकर, गायत्री साहू ,कमल कांत साहू, छाया देवी टेकाम , लाल भूपेंद्र सिंह टेकाम, सूर्या पटेल, दिव्यांशी, और अन्य भावना फॉउंडेशन के सदस्य पहुंचे थे।

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