शिक्षिका प्रतिभा त्रिपाठी “हमारे नायक” के रूप में चयनित, जिले को किया गौरान्वित

अभ्यास पुस्तिका के माध्यम से बच्चों को सीखने-सिखाने की प्रक्रिया से जोड़ने वाली शिक्षिका हैं प्रतिभा त्रिपाठी

“जीते औरों के लिए, बनते वही महान |
प्रतिभा बांटे फूल ज्यों, पाए सबका मान” ||
बालोद

वर्तमान में जब पूरा विश्व कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है | इस समय हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती अगर कुछ है तो वह है, “बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़कर उनको सीखने-सिखाने की प्रक्रिया से जोड़ कर रखना |” आज जब सभी शैक्षणिक संस्थान बंद है, तो ऐसे विषम परिस्थितियों में कुछ ऐसे लोग भी है, जिन्होंने अपने जज्बे और जुनून के बल पर बच्चों की शिक्षा के साथ-साथ समाज में बेहतर कार्य करते हुए समाज को एक नई दिशा देने का काम किया है | पढ़ाई तुंहर दुआर पोर्टल में “हमारे नायक” के रूप में आज एक ऐसे ही जुनूनी शिक्षक श्रीमती प्रतिभा त्रिपाठी के बारे में कहानी छपी है, जो बालोद जिले के गुण्डरदेही विकासखण्ड के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला गोड़ेला, संकुल केन्द्र मोहन्दीपाट में शिक्षक के पद पर पदस्थ है | उनकी कहानी को ब्लॉग लेखक श्रवण यादव, शिक्षक प्राथमिक शाला कोसा विकासखंड गुंडरदेही बालोद जिला ने लिखा है।

बीएससी (बायो), एमए (हिंदी व संस्कृत) एवं बीएड की उपाधि प्राप्त श्रीमती प्रतिभा त्रिपाठी को बचपन से ही शिक्षक बनने में रूचि थी | विवाह उपरांत उनके पति सुधीर त्रिपाठी से प्रोत्साहन मिला और अंततः 2008 में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला गोड़ेला में प्रथम नियुक्ति प्राप्त कर अपने शिक्षकीय जीवन का शुभारंभ किया।

शासन से प्राप्त अभ्यास पुस्तिका से सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में सहभागिता :-

पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम अंतर्गत cgschool.in पोर्टल के हमारे नायक कॉलम के राज्य स्तरीय ब्लॉग लेखक श्रवण कुमार यादव से चर्चा करते हुए श्रीमती प्रतिभा त्रिपाठी ने बताया कि उनके द्वारा अंग्रेजी विषय अध्यापन कराया जाता है | शासन से कक्षावार अंग्रेजी अभ्यास पुस्तिका प्राप्त हुआ था, जिसका उपयोग मोहल्ला क्लॉस के साथ-साथ ऑनलाइन क्लॉस में किए जा रहे हैं | उन्होंने आगे बताया कि वह मोहल्ला पढ़ाई के दौरान व व्हाट्सअप ग्रुप के माध्यम से बच्चों को अंग्रेजी अभ्यास पुस्तिकाओं के उपयोग व लाभ से अवगत कराया है जैसे, कर्सिव राइटिंग से अक्षर किस तरह लिखना है, निरंतर अभ्यास जारी रख आप अपनी लिखावट भी सुधार सकते हैं | साथ ही बच्चों के घर में उनके पालक उनकी निरंतर सहयोग करते हुए अवलोकन करते हैं व मदद भी कर रहे है | बच्चों के सीखने की स्थिति की जानकारी लेने के लिए श्रीमती प्रतिभा त्रिपाठी द्वारा बच्चों के कक्षावार बने व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से अभ्यास पुस्तिका की फ़ोटो भेजते है, साथ ही वेबेक्स मीटिंग में व्हाइट बोर्ड की सहायता से भी लिखना सिखाया जा रहा हैं | बच्चों को सिखाने हेतु नवीन प्रयास तहत उनके द्वारा निरंतर गूगल फॉर्म के माध्यम से बच्चों को अभ्यास कार्य व आनलाईन प्रमाण पत्र भी जारी किया जाता है | इसमें बच्चे अपना प्राप्तांक भी देख पाते हैं, साथ ही अंग्रेजी श्रुति लेख भी देख सकते है | उन्होंने आगे बताया कि शाला प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों के द्वारा भी समय समय पर बच्चों के अभ्यास में प्रयास किया जाता है | इसके अलावा गृहग्राम में निवासरत अन्य स्कूलों के शिक्षकगण भी बच्चों की अभ्यास पुस्तिका पर देख-रेख व बच्चों को सहयोग भी कर रहे हैं | साथ ही साथ ही गाँव के पढ़े लिखे युवा एवं भूतपूर्व स्टूडेंट भी हमारी इस मुहिम में बच्चों को मदद कर रहे हैं | उनके द्वारा बच्चों को अभ्यास करा कर उनका ज्ञानार्जन किया जा रहा है | गाँव में महिला कमांडो समूह द्वारा भी निरतंर बच्चों की अभ्यास में उनकी मदद करते हैं | श्रीमती प्रतिभा त्रिपाठी का मानना है कि अभ्यास पुस्तिका से बच्चों की लिखावट में सुधार, अंग्रेजी वर्णमाला का भी ज्ञान, बिन्दुओं के उपर लिखकर बच्चों को अच्छा भी लगता है |

अंगना म शिक्षा” कार्यक्रम में सहभागिता :-
शिक्षिका श्रीमती प्रतिभा त्रिपाठी ने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत संभाग स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने विकासखंड में नोडल के रूप में भी काम करते हुए अपने संकुल के अतिरिक्त ब्लॉक के अन्य संकुलों, अंतर संकुल व विकासखण्ड स्तरीय “अंगना म शिक्षा” का आयोजन कर 3 से 6 वर्ष के बच्चों के माताओ का उन्मुखीकरण करने हेतु विशेष प्रयास किया गया | उन्होंने “अंगना म शिक्षा” कार्यक्रम की अवधारणा के बारे में बताया कि अंगना म शिक्षा का अर्थ है कि माताएं घर में रहकर बच्चों को स्कूल में भेजने से पहले पूर्व ज्ञान की तैयारी कराएं, जिसमें भाषा अंतर्गत अ से ज्ञ तक अक्षर ज्ञान, अंग्रेजी अंतर्गत A से Z तक 26 अक्षर, गणित अंतर्गत 1 से 20 तक की गिनती सिखाने के बाद स्कूल मे दाखिला कराने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम के अंतर्गत शारीरिक एवं क्रियात्मक विकास के लिए वजन और ऊंचाई टेढ़ी-मेढी रेखा पर चलने की गतिविधियां, शारीरिक एवं क्रियात्मक विकास के लिए चित्र में रंग भरना कागज से काम करने की गतिविधियां, सामाजिक और भावनात्मक विकास के लिए स्वयं का नाम और पता बताना साफ सुथरा रहना बिना झिझक बात करने की गतिविधियां, बौद्धिक विकास के लिए वस्तुओं का वर्गीकरण दिए गए वस्तु या चित्र को क्रम से लगाना छोटा बड़ा में फर्क पहचानने की गतिविधियां, भाषा विकास के लिए कहानी सुना पाना चित्र देख कर बोलने की गतिविधियां, भाषा विकास के लिए अक्षर पहचानना अक्षर देख कर लिखने की गतिविधियां, गणित पूर्व तैयारी के लिए 1 से 20 तक के वस्तु को गिनना, 1 से 20 तक अंक पहचानने की गतिविधियां, मौखिक गणित पूर्व तैयारी के लिए मौखिक जोड़ना और घटाना आकार पहचानने की गतिविधियां इत्यादि के द्वारा माता अभिभावकों को प्रशिक्षण दिया गया |

पढई तुंहर दुआर में सहभगिता :-

(1) ऑनलाइन क्लास :- कोरोना संक्रमण की वजह से सत्र 2020-21 के आरंभ से ही वेबेक्स के माध्यम से बच्चों का ऑनलाइन क्लास जारी रहा | इस ऑनलाईन क्लास में बच्चों को कबाड़ से जुगाड़, शिक्षण सहायक सामग्री से अध्यापन कार्य कराया गया, साथ ही विभिन्न प्रकार की ऑनलाइन प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिससे बच्चों का रूचि बनी रहे | गूगल क्विज के माध्यम से ऑनलाइन मूल्यांकन किया गया एवं बच्चों को ऑनलाइन सर्टिफिकेट भी प्रदान किया गया। अन्य गतिविधियों में ऑनलाइन के माध्यम से बच्चों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्विज कम्पीटिशन में प्रतिभागी बनाया और सर्टिफिकेट भी दिया गया |

(2) ऑफलाइन /मोहल्ला कक्षा :-

कोरोना संक्रमण के कम होने पर मोहल्ला कक्षा का संचालन नियमित रूप से किया गया, जिसमें कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कक्षा संचालित किया गया | मोहल्ला क्लास में वाचन, सुंदर लिखावट व श्रुति लेख पर विशेष ध्यान दिया जाता था | साथ ही मोहल्ला क्लास में प्रोजेक्ट फाइल/हरबेरियम फाइल का निर्माण कराया गया | बच्चों की नियमित उपस्थित के लिए घर-घर जाकर संपर्क किया और मोहल्ला कक्षा में बच्चों को प्रोत्साहन स्वरूप इनाम भी दिया गया | कोरोना के भयानक रूप के मद्देनजर मोहल्ला क्लॉस के बच्चों को निःशुल्क मास्क वितरण मेरे द्वारा किया गया | कक्षा में विभिन्न आयोजन जैसे चित्रकला, हस्तकला, वाद विवाद प्रतियोगिता, क्रॉफ्ट वर्क भी कराए गए, जिससे बच्चे रूचि लेकर नियमित कक्षा आने लगे | साथ ही अपने हर जन्मदिवस पर बच्चों को कुछ सामग्री वितरण की जाती है | इस बार कोरोना महामारी के समय स्वच्छता पर ध्यान देते हुए सभी 73 बच्चों को पानी बांटल वितरण किया गया |

(3) आँगमेंटेड रियालिटी :-

  • इसमें बच्चों को विभिन्न विषयवस्तु की चित्रों को मोबाइल के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से दिखाकर मूर्त रूप से अध्यापन कराया गया |

(4) बुल्टु के बोल :-

कोरोना काल मे शिक्षा हेतु ऐसे बच्चे जिसके पास एंड्रॉयड मोबाइल नही था, उन्हें ऑडियो क्लिप भेजकर शिक्षा दिया गया, इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग से प्रशिस्त पत्र भी प्रदान किया गया |
(5) मिस्डकॉल गुरुजी :
पढ़ई तुंहर दुआर के अंतर्गत इस तकनीक से भी बच्चों को अध्यापन कराया गया, इसके लिए पहले प्रचार प्रसार हेतु पाम्पलेट छपवाया, जिसमे विषय शिक्षक का नाम, मोबाइल नंबर अंकित था, जिसे गली-मोहल्ले, चौक-चौराहे में लगाकर व सोशल मीडिया के माध्यम से बच्चों के विषयगत समस्याओं का फ़ोन से निवारण किया गया |
(6) TLM निर्माण :-
विभिन्न टीएलएम का निर्माण किया गया है जैसे तुकांत शब्द, खाद्य शृंखला, स्वचालित हैंड सेनेटाइजर मशीन, तत्व और प्रतीकों का मिलान बज़र सिस्टम, धातु और अधातु पहचान, चलित TLM आदि और भी अनेकों टीएलएम व एनिमेशन फिल्म निर्माण भी किया गया है | खेल सामग्री निर्माण के अंतर्गत इनडोर खेल लूडो बोर्ड एवं कुछः कार्ड बवाये गए | खिलौना निर्माण में बच्चों से मिट्टी के खिलौने और गत्तों से भी कुछ बनाये गए है |
(7) हर गांव-प्रिंटरिच गांव :-
इस योजना अंतर्गत गांव के पारा-मोहल्ला चौक-चौराहे में प्रिंटरिच निर्माण स्वयं द्वारा किया गया, जिसमें अंग्रेजी वर्णमाला, दिनों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में, ग्रहों के नाम और पहेलियों को गांव के दीवारों पर उकेरा गया है | शाला को बहुत सुंदर तरीके से प्रिंटरिच वातावरण योग्य बना गया है |
अन्य प्रेरणादायक गतिविधियां :-

श्रीमती प्रतिभा त्रिपाठी ने अपने स्कूल में संचालित अन्य गतिविधियों के बारे बताया कि मिडिल स्कूल गोड़ेला में हमारी प्रतिवर्ष 26 जनवरी के दिन स्कूल के भूतपूर्व विद्यार्थियों और गांव में निवासरत कोई भी विद्यार्थी जो किसी भी सरकारी या गैर सरकारी क्षेत्र में कुछ भी उपलब्धि प्राप्त करता है, उसे उनके व्यक्तिगत सलाह और प्रयास से विगत 3 वर्षों से “ग्राम गौरव सम्मान” से सम्मानित किया जाता है | उनके अथक प्रयास से विज्ञान विषय हेतु जनसहयोग प्राप्त कर शाला में विज्ञान प्रयोगशाला निर्माण करने में सफलता प्राप्त किया गया | शाला में हेल्प डेस्क बनाया गया एवं कक्षाकक्ष के बाहर एक ब्लैकबोर्ड बनाया गया, जिसमें बच्चे अपने मन से कुछ लिख कर अपनी अभिव्यक्ति को व्यक्त कर सकता है | इसके अलावा श्रीमती प्रतिभा त्रिपाठी द्वारा अनेकों उपलब्धि प्राप्त किया गया है जिसमें राज्य स्तरीय किलोल पत्रिका में उनकी स्वरचित कविता का प्रकाशन, जिला स्तरीय नवाचार पुस्तिका में नवाचार का प्रकाशन, अपने बच्चों को चाक-किट में भी सहभागिता, जिला स्तरीय इन्सपायर अवार्ड में सहभागिता, पढई तुहर दुआर सम्मान, इस्पायरिंग वूमेन अवार्ड, छत्तीसगढ़ शिक्षक सम्मान, छत्तीसगढ़ रत्न सम्मान, उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान, संकुल स्तरीय सम्मान, यूथ युवा सम्मान, अक्षय शिक्षा प्रबोधक अवार्ड, सावित्री बाई फूले सम्मान, रक्त वीर सम्मान इत्यादि प्रमुख है |

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