सामाजिक कार्यकर्ता की पढ़ाई कर लौटी, लौह अयस्क नगरी की बिटिया कल्पना,सामाजिक मनोविज्ञान (परामर्शदाता) के क्षेत्र में देगी सेवा
बालोद । लौह अयस्क नगरी दल्ली राजहरा की बेटी कल्पना बंबोड़े अपनी सामाजिक कार्यकर्ता की पढाई कर वापस अपनी कर्म भूमि पर लौट चुकी है। कल्पना बंबोड़े पहले जिला बालोद राष्ट्रीय सेवा योजना की स्वयंसेविका के रूप में समाज में अपनी सेवा दे रही थी। अब वहा एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपनी भूमिका निभाएगी, वे स्वयंसेविका के रूप में नेत्रदान, हृदयदान, सात बार रक्तदान, नारी सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, आपदा, ग्रामीण विकास, मानसिक स्वास्थ्य, जैसे क्षेत्र में अपनी सेवा दे चुकी हैं। और वे इसी क्षेत्र में आगे कार्य करना चाहती हैं।
ऐसा है कल्पना बंबोड़े का स्वयंसेविका से सामाजिक कार्यकर्ता का सफर
स्वयंसेविका से सामाजिक कार्यकर्ता के सफर के विषय में बेटी कल्पना ने बताया कि, 12वी की पढाई करने के बाद, अलग- अलग लोगो के अलग अलग विचार सुनने मिलता था पढाई को लेकर, कुछ समझ नही आ रहा था आगे क्या करना है? फिर सब समय पर छोड़कर दल्ली राजहरा महाविद्यालय में बीए में ऐडमिशन ले लिया। वहा फिर एन.एस.एस. के बारे में पता चला। उस समय कोविड था। वे एक जूनियर स्वयंसेवक के रूप में चार महिने शहीद अस्पताल में अपनी सेवा दी इस दौरान वे कई लोगों से मिले जो सामाज में अपनी निःस्वार्थ अपनी सेवा दे रहे है। ये सब देखकर मैंने इसी क्षेत्र में आगे कार्य करने का निश्चय किया । घर के बड़ो, बड़े भईया लोग का शिक्षको का मार्गदर्शन और सहयोग मिलता रहा है। महाविद्यालय में स्नातक पुरा करने के पश्चात समाज कार्य के क्षेत्र में ही आगे बढ़ना था, पर आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण वे बाहर पढाई के लिए नही जा पाई, वे फिर दुर्ग साईस काॅलेज से सामाजिक कार्यकर्ता (एमएसडब्ल्यू) की पढाई करने का निश्चय किया। अब वे सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपनी पढाई पूरी कर चुकी हैं। आगे उन्होने बताया की वे आगे इसी क्षेत्र में रहकर सहयोग और मार्गदर्शन प्राप्त होगा तो वे सामाजिक मनोविज्ञान (परामर्शदाता) के क्षेत्र में अपना अध्ययन करेंगी। और अपनी सेवा देंगी।