November 21, 2024

27 साल पहले जहां थी पहली पोस्टिंग, उसी गांव में सम्मानित हुई पुष्पा चौधरी, पुराने लोगों से मिलकर हुई भावुक

बालोद। मटिया अ के मिडिल स्कूल में पदस्थ शिक्षिका पुष्पा चौधरी का शिक्षक दिवस पर डौंडी ब्लॉक के ग्राम कंजेली में विशेष सम्मान हुआ । यह आयोजन शाला परिवार , युवा समिति सहित ग्रामीणों द्वारा आयोजित किया गया था। इस गांव में 27 साल पहले उनकी पहली पोस्टिंग थी। तब इस बीहड़ वन से घिरे हुए गांव में आना-जाना भी काफी मुश्किलों भरा होता था। ना पक्की सड़क थी ना सुरक्षित रास्ते। फिर भी चुनौतियों को सामना करते हुए पुष्पा चौधरी ने यहां 3 साल गुजारे। जब 27 साल बाद आयोजित विशेष सम्मान समारोह में इस गांव के प्राइमरी स्कूल में पदस्थ रह चुके शिक्षकों को आमंत्रित किया गया तो पुष्पा चौधरी भी यहां पहुंची और पुराने लोगों को देखकर भावुक हो गई। अपने बीते दिनों की यादें ताजा की। उन्होंने वहां से लौटने के बाद अपना अनुभव साझा करते हुए हमें बताया कि कंजेली प्राइमरी स्कूल में मेरी 1995 में पोस्टिंग हुई थी। आज 27 साल बाद जब मैं शिक्षकीय जीवन जहां प्रारंभ की थी उसी गांव में पहुंची और जहां ग्रामीणों और विद्यालय परिवार शाला प्रबंधन समिति और युवा साथियों द्वारा मुझे शिक्षक सम्मान में आमंत्रित किया गया था। वहां पर मैंने अपना अनुभव भी सुनाया। वहां के जितने युवा बुजुर्ग और आसपास के ग्रामीण महिलाएं वह भी काफी उत्सुक थी। उन्हें मेरे आने का इंतजार था। मुझे बहुत खुशी हुई कि मेरे आने के 27 साल बाद मैंने कंजेली में काफी बदलाव देखा। जो पहले काफी पिछड़ा हुआ था आज वहां काफी विकास और शिक्षा का प्रसार हो चुका है। यह सब देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा। मुझे काफी अच्छा अनुभव हुआ। कितने साल बाद वहां बहुत अच्छा माहौल रहा। मेरी यह उपलब्धि रही है कि उस समय जिस बच्चे को मैंने पांचवी कक्षा में पढ़ाया है वह आज कई बच्चों को बीएसएफ में भर्ती की प्रशिक्षण देता है। कुछ बच्चे अलग-अलग जॉब में है। एक ही छात्र से मेरी मुलाकात हुई जो आज उस गांव में उप सरपंच है। मैं स्कूल कार्यक्रम के साथ-साथ आसपास के लोगों से मिलने के लिए भी गई ।जिस मकान में 3 साल तक रहती थी वहां भी गई। वहां की महिला बुजुर्ग से मिली और उन दिनों की हमने यादें ताजा की। उस दौर की समस्या को भी हमने साझा किया। यह मेरी उपलब्धि है कि मैं वहां 3 साल तक रही। शुरुआत बहुत चुनौती भरा था लेकिन परिणाम बहुत शानदार आया है।

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