राज्यपाल शिक्षक सम्मान 2024 तथा छत्तीसगढ़ शिक्षक रत्न 2023 से सम्मानित हुए डॉक्टर बी .एल. साहसी व्याख्याता शासकीय हाई स्कूल किल्लेकोडा
बालोद। वनांचल क्षेत्र में स्थित शासकीय हाई स्कूल किल्लेकोडा में पदस्थ डॉक्टर बी. एल .साहसी व्याख्याता को शिक्षक रत्न 2023 तथा राज्यपाल शिक्षक सम्मान 2024 से नवाजा गया। जिन्होंने 2014 के बाद शासकीय हाई स्कूल किल्लेकोडा को हाईलाइट करने में अपना कोई कसर नहीं छोड़ा। कहा जाता है कि मेहनत एक दिन रंग लाती है, अगर लगातार प्रयास करते रहे तो -जीवन में कुछ न कुछ बदलाव जरूर आता है, जो अविस्मरणी बन जाता है। ऐसे ही एक गाथा बालोद जिला के वनांचल क्षेत्र डौंडी लोहारा विकासखंड के अंतिम छोर में स्थित वनांचल क्षेत्र ग्राम किल्लेकोडा के शासकीय हाई स्कूल में पदस्थ डॉक्टर बी .एल. साहसी (व्याख्याता )जो कि अपने प्रयासों से किल्लेकोडा विद्यालय में विभिन्न गतिविधियां संपन्न कराते रहें हैं। जिसकी वजह से पूरे गांव में चर्चा का विषय रहा है। साथ में समाचार पत्रों के माध्यम से इसकी जानकारी पुरे विकासखंड को होता रहा है ज्ञात हो कि उनके प्रयासों से 2014 से अब तक कक्षा दसवीं का परीक्षा परिणाम 90% से अधिक रहा है उनके मार्गदर्शन में शाला प्रबंधन समिति के माध्यम से हाई स्कूल परीक्षा केंद्र तथा हायर सेकेंडरी उन्नयन की घोषणा हुई । डॉक्टर बी. एल.साहसी एक अच्छे प्रवक्ता तथा कुशल संचालक भी हैं जिनके मार्गदर्शन में छात्र-छात्राओं का शासन के आदेशानुसार विभिन्न प्रकार की गतिविधियां विभिन्न कार्यक्रम संचालित होते रहे हैं उन्होंने नशा मुक्ति अभियान, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ, जल संरक्षण तथा कोरोना काल में अपना जान जोखिम में डालकर ऑफलाइन तथा ऑनलाइन कक्षा का संचालन किया जो कि किल्लेकोडा के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि रहा है। ध्यान देने वाली बात है कि आपने वैश्विक महामारी कोरोना काल में आपने चार पुस्तकों की रचना किए हैं- जिसका विमोचन भविष्य में होना है। आपकी प्रमुख रचनाएं जिनमे जल संरक्षण राजनादगांव रियासत के सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक इतिहास 1900 से 1947, बस्तर की क्रांतिकारी एवं वीरांगनाओं का इतिहास डॉक्टर बी. एल. साहसी व्याख्याता के इस भगीरथ प्रयास हेतु 5 सितंबर 2024 को राजभवन में महामहिम राज्यपाल मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री की गरिमामयी उपस्थिति में उन्हें राज्यपाल शिक्षा पुरस्कार से सम्मानित किया गया तथा 31 अक्टूबर 2023 को शिक्षा रत्न छत्तीसगढ़
पुरस्कार से नवाजा गया।
भौतिक विकास हेतु संसाधनों की व्यवस्था
सरपंच के माध्यम से विद्यालय के बरामदा को पार्टीशन कर स्लाइडर बनवाया तथा सभागार में मां शारदे की प्रतिमा और मुख्य द्वार पर युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद के प्रतिमा निर्माण में योगदान दिया तथा प्रार्थना स्थल का समतलीकरण सी। सी रोड बनाकर करवाने में अपनी महती भूमिका अदा की तथा छात्र-छात्राओं में धार्मिक कार्यों की ओर ले जाने के लिए प्रत्येक शनिवार को मां शारदे के तैल चित्र का पूजन अर्चना करने का शुभारंभ कराया गया तथा छात्र-छात्राओं की झिझक को कम करने के लिए बहुत सारे कार्यक्रमों का संचालन छात्र-छात्राओं के द्वारा करवाया जाता रहा है जो कि विद्यालय के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है । आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को कैसे आगे बढ़ाया जाए के लिए अथक प्रयास किया उनकी इन्हीं सभी उपलब्धियां के लिए राज्यपाल पुरस्कार से नवाजा गया।