बालोद। जिले के नवाचारी व्याख्याता रघुनंदन गंगबोईर राष्ट्रीय शैक्षिक अवार्ड पा चुके हैं। पहले शासकीय हाई स्कूल जमरूवा में पदस्थ रहे उक्त शिक्षक अब तरौद हाई स्कूल के प्रभारी प्राचार्य का पद संभाल रहे हैं और वहां भी अपने नवाचारी गतिविधियों से बच्चों की पढ़ाई को रोचक बनाने के प्रयास में लगे हैं। नवाचारी शिक्षक रघुनंदन जिन्होंने बस्तर के सुदूर अंचल उत्तर बस्तर कांकेर से अपने शिक्षकीय जीवन का शुरुआत की थी। प्रारंभ से ही नवाचारी गतिविधियों में नित नए प्रयोग करते हुए परंपरागत स्कूली पाठ्यक्रम को स्थानीय परिवेश के साथ जोड़कर विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से नवाचारी ढंग से अध्यापन कराते हैं। अपनी इस विशेष कौशल के कारण उत्तर बस्तर से पूरे प्रदेश के साथ राष्ट्रीय स्तर पर परचम लहराने वाले उक्त शिक्षक प्रारंभ में संख्या रेखा जिसे परंपरागत ढंग से एक समतल पर प्रदर्शित किया जाता है और धनात्मक और ऋणात्मक पूर्णांक तथा दाएं और धनात्मक पूर्णांक की व्याख्या की जाती है। साधारण कम वर्ष आयु के बच्चे बाएं और दाएं के अवधारणा से उक्त गणित की गतिविधि को समझने में परेशानी महसूस करते थे।
जिसे स्थानीय परिवेश में जोड़कर शिक्षक रघुनंदन ने ग्रामीण परिवेश में स्थित “पनघट सीढ़िया” जिसमें आधे सीढ़ी पानी के अंदर डूबे होते हैं और आधे सीढ़ी पानी के ऊपर होते हैं, नीचे वाले सीढ़ी जो पानी के अंदर होते हैं पानी के अंदर जाने पर खतरा का भाव होता है। अतः उसे ऋणात्मक पूर्णांक के लिए प्रदर्शित बताते हुए ऊपर की सीढ़ी जो खतरा से बाहर होता है उसे धनात्मक पूर्णांक की संज्ञा देकर सरल तरीके से बच्चों में नीचे की ओर घटते क्रम और ऊपर की ओर बढ़ते क्रम बता कर इसे विभिन्न स्लोगन के माध्यम से सरल तरीका से समझने की विधि तैयारी किया है। इस गतिविधि को विद्यालय अथवा घरों के सीढ़िया से भी सिखाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण शिक्षा श्री से सम्मानित हो चुके हैं राष्ट्रीय अवॉर्डी शिक्षक
उपरोक्त शुरुआती नवाचारी गतिविधि के अतिरिक्त विषम संख्याओं के संचयन करके वर्ग निकालने का सूत्र जिसमें बड़े से बड़े संख्या का वर्ग आसानी से निकाला जा सकता है, का सृजन भी उन्होंने किया है। जिसके लिए उन्हें सत्र 2015 में राज्य का प्रथम मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण “शिक्षा श्री” से राज्य स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है। शिक्षक रघुनंदन अपने अनेक नवाचारी गतिविधि की वजह से शिक्षा खेलकूद एवं बच्चों में बाल मनोविज्ञान प्रतिभा निखारने हेतु उनके द्वारा किए जा रहे नित नए कार्य हेतु राज्य शासन के द्वारा राज्य शिक्षक पुरस्कार मिला। जो सत्र 2021 जो राजभवन में 5 सितंबर 2022 को महामहिम राज्यपाल के द्वारा प्रदान किया गया। इनके अन्य शैक्षिक गतिविधियों में वर्ग चक्रव्यूह एक अद्भुत खोज है जिसमें सभी प्राकृतिक संख्याओं को संख्या 1 से शुरू करके उसके चारों ओर चक्रीय क्रम में व्यवस्थित करने से नीचे की ओर बाएं कोने में सम संख्याओं के वर्ग संख्या तथा ऊपर की ओर दाएं कोने में विषम संख्याओं के वर्ग बड़े ही जादुई तरीके से प्राप्त होते हैं जो अत्यंत रोचक होने के कारण बच्चों के बीच गणित जैसे कठिन विषय को सरल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उपरोक्त रोचक वर्ग चक्रव्यूह के लेखन को एक प्रतियोगिता की भांति भी विद्यालयीन बच्चों के बीच कराया जा रहा है। जिससे जिले के बच्चे काफी लाभान्वित हो रहे हैं। उपरोक्त गतिविधियों के अतिरिक्त अनेक नवाचारी गतिविधियों का नित नए प्रयोग करने वाले व्याख्याता रघुनंदन को राष्ट्रीय शैक्षिक नवाचारी गतिविधि समुह के द्वारा पूरे देश के समस्त राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के साथ चयनित शिक्षकों के साथ राष्ट्रीय शैक्षिक अवार्ड भी पा चुके है। शिक्षक रघुनंदन गंगबोईर अध्यापन कार्य के साथ-साथ सामाजिक एवं संगठनात्मक गतिविधि में भी सक्रिय रुप से भूमिका निर्वहन करते हुए जिला साहू संघ बालोद के अंकेक्षक तहसील साहू संघ बालोद के अधिकारी कर्मचारी प्रकोष्ठ संयोजक एवं छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिला मीडिया प्रभारी के पद दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं ।
तरौद हाई स्कूल में कर रहे नवा जतन: सेल्फी विद विषय वीर
राज्य शासन के निर्देशानुसार विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति बेहतर वातावरण बनाने व विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने नए-नए जतन किए जाते हैं। इसी कड़ी में नवाजतन के तहत शासकीय हाई स्कूल तरौद में वरिष्ठ व्याख्याता और प्रभारी प्राचार्य रघुनंदन गंगबोईर के द्वारा विद्यार्थियों के उपलब्धि की जानकारी प्रति दिवस समुदाय /पालको तक पहुंचे इस हेतु विद्यालय के व्हाट्सएप ग्रुप में सेल्फी विद विषय वीर योजना चलाई जा रही है। जिससे विद्यार्थी काफी उत्साहित हैं और शिक्षक के द्वारा चलाए जा रहे इस मुहिम में अपने आप को उत्साह के साथ शामिल करते हुए विषय वीर बनने के लिए घर से पढ़ाई करके आने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं ।
क्या है विषय वीर :-
विषयवीर उन मेहनती विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने की योजना है जिससे बच्चे कक्षा में अध्यापन कराए जाने वाले अवधारणा एवं पाठ की तैयारी घर से करके आते हैं और उस के संबंध में कक्षा में जो बातें पूछी जाती है उसका सही जवाब देने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। इनके साथ-साथ अन्य विद्यार्थी भी कक्षा के वातावरण खुशहाल बनाने में अपना योगदान देने हेतु प्रोत्साहित हो रहे हैं । 29 जुलाई 2024 से प्रारंभ किए गए इस मुहिम में प्रथम दिवस कक्षा नवमी की छात्रा कुमारी दुर्गा ने विषय वीर के प्रश्न का सही जवाब देकर कक्षा के प्रथम विषय वीर होने का उपलब्धि हासिल किया। द्वितीय दिवस 30 जुलाई को इसी कक्षा के रुद्रकांत कुमार ने यह उपलब्धि हासिल किया ।विद्यालय परिवार की ओर से इन विद्यार्थियों को बधाई प्रदान की जाती है। इसी तरह रोज यह सिलसिला चलता है।