Thu. Sep 19th, 2024

समुदाय का विशेष जुड़ाव है कोसमी प्राइमरी स्कूल में, शाला प्रबंधन समिति की जिम्मेदारी संभालती है यहां महिलाएं

प्रभावी व्यक्तित्व के शिक्षकों ने बदली वनांचल की शिक्षा व्यवस्था

गुरुर । गुरूर ब्लॉक के ग्राम कोसमी के प्राइमरी स्कूल में ग्रामीणों की अनोखी भागीदारी दिखती है। खासतौर से महिलाएं भी यहां योगदान देने में पीछे नहीं है। महिला सशक्तिकरण का प्रयास यहां के शिक्षकों द्वारा शाला प्रबंधन समिति में महिलाओं को जोड़कर किया गया है। खास बात यह है कि यहां की शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एक महिला पूर्णिमा गंधर्व है। इसके अलावा अन्य पदों में भी महिलाएं हैं। ग्रामीण अध्यक्ष भीष्म पितामह नेताम हैं। महिलाएं स्कूल की हर बैठक और समिति के तहत मिले दायित्व को निर्वहन करने में हमेशा तत्पर रहती है। गांव के स्कूल को संवारने में प्रधान पाठक केवल मंडावी, सहायक शिक्षक उमेश साहू का विशेष योगदान रहता है। यहां के ग्रामीण स्कूल के शिक्षकों से परिवार की तरह जुड़े हुए हैं इसका जीता जागता उदाहरण उन दिनों देखने को मिला था जब शिक्षक उमेश साहू का ट्रांसफर किया जा रहा था।

ग्रामीण शिक्षा विभाग के आदेश के विरोध में उतर आए और उनका ट्रांसफर रुकवा दिया गया। ग्रामीणों का कहना था कि उनके जैसा शिक्षक आज तक यहां नहीं आए हैं। उनसे बच्चे काफी प्रभावित है। शिक्षा का स्तर भी अच्छा है। वनांचल जैसे क्षेत्र में शिक्षा के प्रति इतनी जागरुकता काफी रोचक मालूम होती है। गुरुर ब्लाक के घने जंगलों के बीच बसे इस गांव के भीतर मौजूद स्कूल में पहुंचेंगे तो सर्व सुविधायुक्त नजर आता है। किचन गार्डन यहां की खास विशेषता है। जिसे ग्रामीणों ने तैयार किया है। बच्चों और ग्रामीण रोज यहां समय देते हैं और यही के सब्जी से मध्यान भोजन बनता है। इसके अलावा स्कूल के सौंदरीकरण पेंटिंग दीवारों की सजावट बाउंड्री वॉल पर चित्रकारी आदि देखने लायक होती है। गांव की कोई भी समस्या हो तो राय लेने के लिए ग्रामीण शिक्षकों के पास भी चले आते हैं। समुदाय और शिक्षक की संयुक्त भागीदारी यहां दिखती है। गांव और स्कूल एक परिवार की तरह रहते हैं। बच्चों में भी शिक्षकों के प्रति विशेष लगाव नजर आता है। शाला के विकास में शाला प्रबंधन समिति से जुड़े उपाध्यक्ष रतन मंडावी, पालक पनकु राम कुंजाम, होमन नेताम आदि का विशेष योगदान रहता है। अंगना में शिक्षा, माता उन्मुखीकरण आदि कार्यक्रम भी महिलाओं और बच्चों की भागीदारी बढ़-चढ़कर होती है।

एकलव्य विद्यालय के लिए होते हैं बच्चे चयनित

वनांचल क्षेत्र में होने के बावजूद यहां शिक्षा का स्तर काफी अच्छा है। इसी का परिणाम है कि यहां के बच्चे एकलव्य आवासीय विद्यालय में पढ़ाई के लिए चयनित होते हैं। ओमेश्वरी, लीना ठाकुर, पुष्पेंद्र सलाम आदि ऐसे प्रतिभावान बच्चे है जिन्होंने आवासीय विद्यालय में चयनित होकर स्कूल,गांव और परिवार जनों का नाम रोशन किया है।

Related Post

You cannot copy content of this page