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बेहतर स्वास्थ्य के लिए और निरंतर शिक्षा का मकसद लेकर काम करती है कादंबिनी

जिनका मानना है कि आप के कार्य से मिली पहचान ही असली पहचान हैं,,

शिक्षा के साथ समाज सेवा में कादम्बिनी लोकेश पारकर यादव निभा रही भूमिका, चल रही नेकी की राह पर

बालोद। डौंडीलोहारा ब्लॉक के बड़गांव हायर सेकेंडरी स्कूल में जीव विज्ञान की व्याख्याता के रूप में पदस्थ कादम्बिनी लोकेश पारकर यादव एक बेहतर शिक्षिका के साथ समाजसेविका के रूप में भी अलग पहचान बना रही हैं। भावना फाउंडेशन की बात हो चाहे अभिप्रेरणा ग्रुप की बात हो, इन संगठनों के जरिए जुड़कर वे विविध आयोजन और सेवा कार्य करते रहते हैं। जो दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत होते हैं। इसके अलावा वे ब्लड डोनेशन में भी आगे रहती हैं। लोगों को भी रक्तदान के लिए प्रोत्साहित करती है। ब्लड डोनेशन और ब्लड दिलवाने के साथ शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए और आर्थिक सहयोग के लिए भी सदा तत्पर रहती है । कैरियर मार्गदर्शन में उजियारा प्रोग्राम की जिला स्रोत शिक्षक के रूप में भूमिका निभाते हुए वह बच्चों और युवाओं के करियर को मार्गदर्शन कर नई दिशा दे रही है। शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक, धार्मिक आयोजन में भी वह बढ़कर हिस्सा लेती है। करियर काउंसलिंग एवं उपचारात्मक शिक्षण में राज्य ट्रेनर की भूमिका भी निभा रही हैं। उनके प्रयास से बाल विज्ञान कांग्रेस में लगातार 2 बार विज्ञान प्रोजेक्ट का चयन नेशनल स्तर तक और कई बार राज्य तक हुए। प्रोजेक्ट का चयन पूरे छत्तीसगढ़ से अकेले सरकारी स्कूल बड़गांव का ( ( RIVIAIC) Science centrel gwl. mp and National council for science & technology
communication (DST) govt of India new delhi ) में हुआ था। छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक की बुक ” अवसर” में लेखक के रूप में महती भूमिका निभा चुकी हैं। राज्य कैंपेनिंग में “गुरु तुम्हें सलाम” में जिला बालोद का प्रतिधित्व की है। शिक्षा मंत्री जी के सम्मुख ऑनलाइन क्लास का फीडबैक प्रस्तुत करने का अवसर उन्हे प्राप्त हुआ है। जिला नोडल एवं स्त्रोत शिक्षिका की भूमिका भी निभा चुकी।

“छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा एवं “जिला एस्ट्रोनॉमी क्लब” एवं “विज्ञान क्लब” एवं NTCF की सदस्य हैं। पति डॉक्टर लोकेश पारकर के साथ स्वास्थ्य सेवा में पूरा मदद करती है। शिक्षा एवं समाज सेवा में कई सारे सम्मान प्राप्त कर चुकी है, कोरोना वारियर सम्मान, शिक्षा एवं स्वास्थ्य दोनो में प्राप्त कर चुकी है। महिलाओं की दो समिति सुवा महोत्सव और अभिप्रेरणा ग्रुप की सक्रिय सदस्य हैं। cig एवं ict की विभागीय ट्रेनिंग प्राप्त करने वाली टीचर हैं।


उनके द्वारा शिक्षा, समाज व पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अनूठे कार्य किए जा रहें हैं। जिसके चलते एक बेहतरीन शिक्षक के साथ-साथ सक्रिय समाज सेविका के रूप में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। उनका मानना है कि व्यक्ति की असली पहचान उसके द्वारा किये गए कार्यों से होती हैं। हर क्षेत्र में नवाचारी प्रयास करते ही रहती हैं। राज्य शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित “गुरु तुझे सलाम” कैंपेनिंग में राज्य स्तर पर बालोद प्रतिनिधित्व किए थे। विभाग से अक्षय अलंकरण के अलावा स्टार एफ.एस.आई. ए द्वारा सुपर वूमेन का अवार्ड सहित भावना फाउंडेशन, बिमला देवी फाउंडेशन से भी सम्मानित हो चुकी हैं। आर्ट ऑफ लिविंग बालोद की भी विभिन्न गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं, अपने मायके बालोद जिला के अलावा पति के कार्य क्षेत्र गोबरा नवापारा राजिम में भी आप अपने उक्त प्रेरक कार्यों के लिए जानी पहचानी जाती है। उनके जरिए बालोद जिला का विज्ञान प्रोजेक्ट लगातार दो बार नेशनल स्तर पर गया। बच्चों को लगातार नेशनल स्तर तक और कई बार राज्य स्तर तक ले जाने वाली मार्गदर्शक शिक्षिका के रूप में अपनी अहम भूमिका निभाई। पर्यावरण प्रेमी के रूप में भी उनकी अलग पहचान है।रेडक्रास में निक्षय मित्र भी बनी है। टीबी के मरीज को प्रतिमाह पोषक आहार प्रदान करने का कार्य करती हैं। डाइट दुर्ग के मार्गदर्शन में शोध पत्र भी प्रस्तुत कर चुकी हैं। राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में राज्य स्तर पर भी उनकी भागीदारी रही है।

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