शिक्षिका बसंती पीकेश्वर ने दिलाई है कब बुलबुल क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान, सांस्कृतिक प्रतियोगिता में मिला प्रथम स्थान
कांकेर सांसद के द्वारा जिला स्तरीय प्रवेश उत्सव में सम्मानित हुए राष्ट्रीय कब बुलबुल महोत्सव बिहार राज्य में छत्तीसगढ का नेतृत्व कर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रथम स्थान प्राप्त करने पर
दहेज प्रथा, बाल विवाह जैसे कुप्रथाओं को लेकर करती है जागरूक, अंधविश्वास भी कर रही दूर , महिलाओं के उत्थान की भूमिका निभा रही बसंती पिकेश्वर, मिल चुका शिक्षा दूत का पुरस्कार, बच्चों को पढ़ाने के साथ समाज सेवा में भी हैं अग्रणी
बालोद। संजय नगर डौंडीलोहारा की रहने वाली शिक्षिका बसंती पिकेश्वर पति दयालूराम पिकेश्वर शिक्षा के साथ-साथ महिलाओं के उत्थान के लिए भी काम कर रहीं हैं। वनांचल में खासतौर से महिलाओं को शिक्षित करने, उन्हें अंधविश्वास से बचाने, कुप्रथाओं को लेकर समाज में जागरूकता लाने के लिए वह काम करती है। शासकीय प्राथमिक शाला सोरली में सहायक शिक्षक के रूप में पदस्थ हैं। जिन्हें उनके कार्यों के चलते कई अवार्ड भी प्राप्त हो चुके हैं।उन्हे शिक्षा नारी शक्ति प्रतिभा रत्न का सम्मान 2023 पुरस्कार से उन्हें शिक्षक कला व साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ ने सम्मानित किया था। इसके अलावा उन्हें मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण, शिक्षा दूत पुरस्कार 2022, भारत स्काउट गाइड में योग्यता प्री एल टी फ्लॉक लीडर, 2015 -16 से 2021-22 तक 38 बुलबुल, 23 कब गोल्डन एरो अवार्ड, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त हो चुका है. तो वही ईसीसीई मास्टर ट्रेनर्स, योग मास्टर ट्रेनर्स, अंगना म शिक्षा मास्टर ट्रेनर्स, अंगना में शिक्षा 2.0 मास्टर ट्रेनर्स, एफएलएन मास्टर ट्रेनर्स और मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा मास्टर ट्रेनर्स की भूमिका वे निभा चुकी हैं।
कब बुलबुल में बसंती ने दिलवाया था राष्ट्रीय स्तर पर सोरली स्कूल को पहचान
विगत माह राष्ट्रीय कब बुलबुल महोत्सव बिहार के बेगूसराय जिला गढ़हरा-बरौनी में हुआ था। जहाँ छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक कार्यक्रम में बच्चे झूम उठे एवं अधिकारी ग्रुप डांस छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया. इसी के साथ बिहार में छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया गुंजा. राष्ट्रीय स्तरीय कब बुलबुल महोत्सव में बालोद जिला के विकासखंड डौण्डी लोहारा शासकीय प्राथमिक शाला सोरली के प्रतिभागी बुलबुल के मुख्यालय वापसी सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी ए के साहू विकासखण्ड सचिव छगन बंसोर द्वारा महोत्सव में बालोद जिला के 06 बुलबुल के साथ प्रभारी फ्लॉक लीडर बसंती पिकेश्वर का स्वागत अभिनंदन किया गया था। उक्त उत्सव में 06 बुलबुल शासकीय प्राथमिक सोरली से नेशनल लेवल कब बुलबुल महोत्सव में छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए पांच दिवसीय कब बुलबुल बरौनी बिहार में शामिल हुए सभी का स्वागत सम्मान हुआ। बसंती के प्रयासों से स्काउट गाइड अंतर्गत लोहार विकासखंड शुरू से प्रत्येक गतिविधियों में अग्रणी रहा है. कबिंग की गतिविधि में एक जोश आया है. जो बच्चों को खेल खेल में शिक्षा देते हुए सर्वांगीण विकास कर रहे हैं. बसंती ने इस तरह सोरली स्कूल के जरिए बालोद जिले के लोहारा विकासखंड को कब बुलबुल गतिविधियों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। प्राथमिक कक्षाओं के छोटे बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा देने के उद्देश्य से विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करवाया जाता है।
जिला पंचायत सदस्य भी रह चुकी
आपको जानकार हैरानी होगी कि शिक्षक बनने से पहले वे 1999 से 2004 तक, जिला पंचायत सदस्य दुर्ग भी रहीं। इसके अलावा जिला साक्षरता समिति दुर्ग सदस्य,नेहरू युवा केन्द्र जिला दुर्ग, सदस्य,साक्षरता अनुदेशक एवं प्रेरक, दीदी बैंक अध्यक्ष,स्वास्थ्य मितानीन कार्यक्रम जिला स्रोत समन्वयक, जिला मास्टर ट्रेनर, मितानीन कार्यक्रम,ब्लॉक प्रशिक्षक, सर्व शिक्षा अभियान डौण्डी लोहारा के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं।
इस तरह निभा रही सामाजिक कार्यों में भी भागीदारी
वे केन्द्रिय उपाध्यक्ष अखिल भारतीय हल्बा समाज कर्मचारी प्रकोष्ट पद पर भी हैं। आदिवासी अखिल भारतीय विकास परिषद तहसील उपाध्यक्ष, आदिवासी अखिल भारतीय विकास परिषद प्रदेश कार्य सदस्य, आदिवासी भारतीय हल्बा समाज ब्लॉक उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय हलबा समाज केन्द्रीय प्रतिनिधि,अखिल भारतीय हल्बा समाज कर्म प्रकोष्ठ कोषाध्यक्ष,अ.भ. हल्बा समाज महिला जिलाध्यक्ष, जिला बालोद भी रह चुकी। महिलाओं को शिक्षित करना,अंधविश्वास को दूर करने का प्रयास,दहेज प्रताड़ना , बाल विवाह पर रोक लगाना और परिवार नियोजन कार्यक्रम को बढ़ावा देना,महिला उत्थान हेतु प्रेरित करना उनकी प्राथमिकता रही है।
ये प्रमुख सम्मान भी उन्हें हो चुके प्राप्त
अक्षर सैनिक सम्मान,मातोश्री रमाबाई सम्मान, रत्न डॉ. अम्बेडकर सम्मान,शिक्षक सम्मान निखिल शिखर सम्मान, गैंदसिंह सम्मान, शिक्षक रत्न आवार्ड,ज्योतिबा फुले आइडल शिक्षक सम्मान, सवित्री फुले नेशनल शिक्षक अवार्ड, मिनीमाता महिला सशक्तिकरण अवार्ड, राष्ट्रीय गौरव शिक्षक सम्मान शिकसा विशिष्ट सेवा सम्मान, कोरोना वारियर्स सम्मान