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विचार मंथन-7वीं कड़ी

📚अगर तुम शिक्षित हो तो📚

अगर तुम शिक्षित हो तो ,,
भूलकर भाषा की मर्यादा
क्यों बड़ों को आंख दिखाते हो।।
सीना चौड़ा कर गुस्से में,बिन सोचे,
अपनों को ही जाने क्या-क्या कह जाते हो।
ये कैसे शिक्षित हो तुम ,
कैसे शिक्षित कहलाते हो।

अगर तुम शिक्षित हो तो,,
भूलकर संस्कृति अपनी, क्यों औरों की चाल अपनाते हों,,
ढके हुए तन की सुंदरता, गुलामी लगें
और कटे-फटे कपड़ों को फैशन बताते हो।
ये कैसे शिक्षित हो तुम,
कैसे शिक्षित कहलाते हो।।

अगर तुम शिक्षित हो तो,,
भूलकर प्यार अपने माता-पिता का ,
क्यों फिल्मों की नकल दिखाते हो।।
जिन्होंने पालपोष कर बड़ा किया,वो शत्रु तुम्हारे ।
और कोई अनजाने,अनसमझे को अपना सर्वस लुटा आते हो।।
ये कैसे शिक्षित हो तुम
कैसे शिक्षित कहलाते हो।।

अगर तुम शिक्षित हो तो,,
भूलकर सब हंसी-ठिठोली,
क्यों शब्दों के बाण चलाते हो,
परस्पर सहयोग,भाईचारा ना जानों,,
खुद के दुखड़े औरों पर थोप
डिप्रेशन में चले जाते हो।।
ये कैसे शिक्षित हो तुम,
कैसे शिक्षित कहलाते हो।।

अगर तुम शिक्षित हो तो,
भूलकर धर्म-कर्म की बातें,
क्यों संस्कृति सभ्यता को झूठलाते हो,,
खोकर चकाचौंध में नशे की
खुद का ही अस्तित्व मिटाते हो।।
ये कैसे शिक्षित हो तुम,
कैसे शिक्षित कहलाते हो।।

अगर तुम शिक्षित हो तो,,
भूलकर मेहनत की हिस्सेदारी
क्यों खुद को कमजोर बनाते हो।
घर का काम करना बुरा लगे
और जिम में पसीना बहाते हो।।
ये कैसे शिक्षित हो तुम,
कैसे शिक्षित कहलाते हो।।

अगर तुम शिक्षित हो तो,,
भूलकर कर्तव्य की बातें,,
क्यों बस अधिकार ही गिनाते हो।।
आस-पास हो दुर्घटना तो मौन रहते,,
और कैण्डल मार्च से न्याय दिलाते हो।।
ये कैसे शिक्षित हो तुम,
कैसे शिक्षित कहलाते हो।।

अगर तुम शिक्षित हो तो
भूलकर, धोना मन का मैल,
क्यों कपड़े धो-धोकर चमकाते हो।।
ज्ञान नहीं अपनी संस्कृति का कुछ भी,
और अंग्रेज़ी संस्कृति अपनाकर,
एड्यूकेटेड कहलाते हो।
ये कैसे शिक्षित हो तुम,
कैसे शिक्षित कहलाते हो।

अगर तुम शिक्षित हो तो
भूलकर पढ़ना लिखना, ज्ञान सीखना ,,
क्यों मोबाइल पर ही समय बिताते हो।
व्यवहार सीखने की उम्र में ,
बस रील्स ही बनाते हो
ये कैसे शिक्षित हो तुम,,
कैसे शिक्षित कहलाते हो

अगर तुम शिक्षित हो तो,
छोड़ो अकर्मण्यता की शैय्या
और कर्मठता का वस्त्र धरों,,
मिटा दो परिश्रम से परेशानियां सबकी,,
रहे भाल ऊंचा भारत मां का,
ऐसा कोई काम करो।

ऐसे शिक्षित होंवों तुम,
की शिक्षा का सब सम्मान करें।
परिवार को तुम पर गर्व होवें,
और सब भारत मां का गुणगान करें।

जय हिन्द
जय भारत।

विचार मंथन
14/9/2024

ममता सोनेश्वर

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