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बालोद कॉलेज में हुआ ओजोन दिवस का आयोजन

बालोद। शासकीय घनश्याम सिंह गुप्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय बालोद भूगोल विभाग के तत्वाधान में विश्व ओजोन दिवस का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के द्वारा, ज्ञान की देवी मां सरस्वती एवं युवाओ के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद के तैलचित्र पर दीप प्रज्वलित कर किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री अमित चोपड़ा जन भागीदारी समिति अध्यक्ष महाविद्यालय बालोद , अध्यक्षता प्रो.जी.एन. खरे विभागाध्यक्ष भूगोल , विशिष्ट अतिथि प्रो. शैलेंद्र आर्य विभागाध्यक्ष कंप्यूटर एप्लीकेशन , प्रो डॉ. आर.डी. साहू विभागाध्यक्ष भौतिकी , प्रो. रितु पिस्दा विभागाध्यक्ष जीव विज्ञान , खिलावन साहू
अतिथि व्याख्याता उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि अमित चोपड़ा ने अपने वक्तव्य में कहा की पृथ्वी का श्रृंगार हरे-भरे पेड़ पौधे हैं इसलिए हमें अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए जिससे हमारे ओजोन परत का क्षरण कम हो सके । अध्यक्षता कर रहे प्रो जी एन खरे विभागाध्यक्ष भूगोल ने पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विश्व ओजोन दिवस पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को बताया कि ओजोन ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बना हुआ गैस है , जिसकी तीखी गंध होती है । ओजोन परत पृथ्वी से 30 से 32 किलोमीटर ऊपर समताप मंडल में पाया जाता है जो सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी विकिरणों , क्लोरोफ्लोरोकार्बन हेलोन जैसे हानिकारक गैसें से संपूर्ण मानव जाति की रक्षा करती है उन्होंने कहा कि यदि ओजोन परत नहीं होगा तो पृथ्वी में जीवन असंभव है क्योंकि ओजोन परत के रहने से मानव जीवन का पारिस्थितिक तंत्र सुचारू रूप से संचालित होता है एवं मनुष्यों में होने वाली त्वचा केंसर, मोतियाबिंद जैसे घातक बीमारियों से बचाता है । उन्होंने अपने प्रेजेंटेशन के दौरान ओजोन दिवस के संरक्षण हेतु बनाए गए विएना संधि और मॉन्ट्रियाल प्रोटोकॉल , ओजोन परत के क्षरण का कारण एवं उससे मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी प्रकाश डाला और ओजोन संरक्षण के विश्व स्तरीय प्रयास का उल्लेख भी किया व अधिक से अधिक पेड़ लगाने की बात कही । विशिष्ट अतिथि प्रो शैलेंद्र आर्य ने कहा कि ओजोन दिवस को सिर्फ एक कार्यक्रम की तरह ना मनाकर सभी को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और ओजोन परत में जो छिद्र हुआ है उसको ध्यान में रखते हुए पर्यावरण संरक्षण का प्रयास करना चाहिए ताकि ओजोन परत का संरक्षण कर सके, प्रो रितु पिस्दा ने बताया ओजोन परत का क्षरण सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि विश्व के लिए गंभीरता का विषय है हमें अपनी पृथ्वी के संसाधनों का समुचित दोहन कर प्रकृति को हरा भरा रखने का संकल्प लेना चाहिए पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए । इस कार्यक्रम में देवेंद्र कुमार साहू , गजेंद्र ढीमर , विश्वजीत बघेल , लक्ष कुमार साहू, डोमार साहू, लोकेश्वर निर्मलकर , जय नारायण ,रामस्वरूप ,यमित , शशिकांत, दीपिका ,तृप्ति, कविता, जागृति , राजेश सहित भूगोल संकाय के प्रथम ,द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे ।

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