बालोद/ गुरुर । गुरुर थाना मुख्यालय में रविवार को हाई वोल्टेज ड्रामा चला। मामला भाजपा कांग्रेस के बीच विगत दिनों अतिक्रमण तोड़ाई के दौरान उपजे विवाद को लेकर है। इस दौरान जहां पार्षद कुंती सिन्हा ने उनके साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है तो उक्त मामले में पूर्व विधायक भैया राम सिन्हा की संलिप्तता का आरोप लगा है है तो दूसरी ओर मामले में उस वक्त मोड़ आ गया जब विधायक संगीता सिन्हा स्वयं अपने समर्थकों के साथ थाने आ धमकी और वहां बैठ गई और इस जिद पर अड़ी रही कि जब तक एफआईआर दर्ज नहीं किया जाएगा। मैं थाने से जाऊंगी नहीं। दरअसल में पार्षद कुंती सिन्हा के साथ जब घटना हो रही थी तो इसी दौरान कुंती सिन्हा के दामाद अनुराग जैन के द्वारा एक महिला के साथ छेड़खानी किए जाने का भी आरोप लगा है। विधायक संगीता सिन्हा ने आरोप लगाया कि उक्त महिला द्वारा थाने में आकर शिकायत भी की गई है तो ऑनलाइन भी उन्होंने शिकायत की है। लेकिन अभी तक पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं किया गया है। भाजपा सत्ता के दबाव में आकर पुलिस काम कर रही है।
उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि जब तक एफआईआर नहीं होगा मैं थाने से नहीं हटने वाली हूं। सुबह 11:30 से लेकर शाम 5 बजे तक विधायक संगीता सिन्हा थाने के अंदर ही बैठी रही। तो वही उनके समर्थक और बड़ी संख्या में कांग्रेसी थाने के बाहर डटे रहे। मामला काफी गहमागहमी भरा रहा। थाना प्रभारी पशोपेश में थे कि क्या करें क्या ना करें। वे लगातार उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन लेते रहे। समझाइश के लिए सीएसपी डॉक्टर चित्रा वर्मा भी पहुंची थी। लेकिन कोई असर नहीं दिख रहा था। तो वही अंततः शाम 5 बजे के बाद विधायक संगीता सिन्हा के मांग पर पीड़िता के आवेदन के आधार पर आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किया गया और मामले की छानबीन की जा रही है। थाना प्रभारी टीएस पट्टावी का इस मामले पर पहले एफआईआर दर्ज न करने के पीछे तर्क था कि नए कानून के तहत अगर इस तरह की कोई शिकायत आती है कि तो 14 दिन कम से कम पूछताछ के लिए समय दिया जाता है। तत्काल एफआईआर नहीं कर सकते। इसलिए एफआईआर नहीं किया था ।तो वहीं वहीं एसडीओपी राजेश बांगडे द्वारा कहा गया कि जिस पीड़िता द्वारा ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराए जाने की बात की गई है उनका आवेदन हमारे तक ऑनलाइन पहुंचा ही नहीं था। हमारे पोर्टल में वह शो ही नहीं हो रहा था। इसलिए हमें पता ही नहीं था। वह आवेदन देने प्रत्यक्ष आई थी ।लेकिन नए कानून के तहत हम 14 दिन का समय रखते हैं। इसीलिए वह जांच प्रक्रिया में थी। चूंकि विधायक द्वारा जिद करते हुए थाने में आकर बैठ गई तब जाकर हमने फिलहाल प्राथमिकी दर्ज कर लिया है। आगे विवेचना जारी है।
क्या बोली विधायक
एफआईआर दर्ज करने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए विधायक संगीता सिन्हा ने कहा कि पुलिस प्रशासन द्वारा मनमानी की जा रही है भाजपा सत्ता के दबाव में आकर कार्य किया जा रहा है। हमारे पीड़िता द्वारा जो शिकायत की गई थी उस पर कार्यवाही नहीं की जा रही थी। मैंने इसी जिद के साथ थाने में आज दिन भर धरना दिया ताकि एफआईआर हो और कोई पक्षपात न हो। जब तक एफआईआर नहीं हुआ वह थाने से बाहर नहीं आई। हमने पुलिस प्रशासन को उत्तर प्रदेश में हुई घटना का जिक्र करते हुए भी बताया है कि कैसे हम पीड़िता की शिकायत पर तत्काल एफआईआर कर सकते हैं। लेकिन थाना प्रभारी द्वारा अपना अलग ही नियम कायदा बताया जा रहा था। जो समझ के परे है । और कहीं ना कहीं पुलिस सत्ता पक्ष की दबाव में आकर काम कर रही है।
क्या है मामला
गुरुर नगर वार्ड 12 की एक पीड़िता ने लिखित शिकायत की है कि 12 जुलाई 2024 को शुक्रवार की सुबह 7 बजे गुरुर नगर में अतिक्रमण तोड़े जाने के दौरान जब वह पार्षद कुंती सिन्हा से बात करने के लिए उनके ऑफिस की ओर जा रही थी इस दौरान पार्षद कुंती सिन्हा का दामाद अनुराग जैन द्वारा उनके साथ धक्का मुक्की और गाली गलौज करते हुए उन्हें बेइज्जत करने के नियत से हाथ बांह पड़कर छेड़छाड़ किया गया। जिससे उन्हें काफी अपमान महसूस हुआ तथा उक्त घटना का वीडियो भी वायरल हो गया है। जिससे उन्हें काफी असहज महसूस हो रहा है और उनका घर से निकलना मुश्किल हो गया है। इसलिए उन्होंने अनुराग जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
थाने के बाहर डटे रहे कांग्रेसी
एक ओर जहां विधायक संगीता सिन्हा थाने के भीतर बैठी रही और जब एफआईआर ना हुआ तब तक बाहर नहीं निकली तो दूसरी ओर बड़ी संख्या में कांग्रेसी भी थाने के बाहर डटे रहे। एक तरह से धरना जैसा माहौल देखने को मिला कि जब तक एफआईआर नहीं होगा कोई वहां से नहीं हटेंगे । इस दौरान प्रमुख रूप से कांग्रेस के जिला अध्यक्ष चंद्रप्रभा सुधाकर, नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा, जिला पंचायत सदस्य धनेश्वरी सिन्हा, संजय चंद्राकर, रतिराम कोसमा,बंटी शर्मा, साजन पटेल, कुलदीप यादव, ब्लॉक कांग्रेस गुरुर के अध्यक्ष तामेश्वर साहू, दुर्गू राम सिन्हा, बसंत साहू, टोमन साहू, मोनू ठाकुर, सुमित राजा राजपूत, किशोर साहू, सादिक अली, ओमकार महमल्ला सहित अन्य कांग्रेसी मौजूद रहे।