छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ के पदाधिकारी मिले मुख्यमंत्री से, अविलंब मांगो के निराकरण की रखी मांग मुख्यमंत्री ने मांग पूर्ण करने का दिया आश्वासन

बालोद। छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ के प्रांत अध्यक्ष नान्ही दास दीवान के नेतृत्व में महासंघ के पदाधिकारीयों ने मुख्यमंत्री से उनके निवास में मुलाकात किया और एल . बी सवर्ग के शिक्षकों की समस्याओं और मांगो को क्रमशः रखा। प्रांत अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को बताया कि केंद्र के समान महंगाई भत्ता जो लंबित है उसको तत्काल दिया जाए। साथ ही उच्चतर वेतनमान की व्यवस्था, नियुक्ति तिथि से पेंशन की व्यवस्था ,विभिन्न वर्ग में वेतन विसंगति का निराकरण, सहायक शिक्षक से लेकर प्राचार्य सहायक संचालक तक पदोन्नति का रास्ता बनाने, विभिन्न केडर व्यवस्था की समीक्षा व सुधार ,आत्मानंद योजना की समीक्षा व सुधार ,प्राचार्य पद पर सीधी भर्ती , स्थानांतरण नीति को स्पष्ट एवं सरलीकरण एवम एल.बी.संवर्ग के लिए पृथक से जारी करने की मांग, सेवानिवृत्ति की आयु 62 से बढ़कर 65 वर्ष करने का मांग ,अनावश्यक प्रशिक्षण एवं शालाओं में हो रहे प्रयोगों पर रोक, आहरण सवितरण का अधिकार समस्त संकुल केंद्रों को देने, पद नाम में एल .बी.शब्द जैसे प्रत्यक्ष को हटाए जाने, कार्य निष्पादन प्रपत्र का सरलीकरण व संधारण की उचित व्यवस्था, प्रभारवाद की समाप्ति ,के साथ प्राथमिक शाला से लेकर हायर सेकेंडरी तक सेटअप में सुधार, प्रांत से लेकर ब्लॉक मुख्यालय तक परामर्शदात्रि समिति की गठन के साथ नियमित बैठक हो, उक्त मांगों को मुख्यमंत्री ने क्रमशः पढ़ा और जल्द ही निराकरण का आश्वासन संगठन को दिया और उन्होंने कहा कि प्रदेश में गुणवत्ता युक्त शिक्षा देना एवं शिक्षा हित में छात्र हित में कार्य किया जाएगा। छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ के प्रत अध्यक्ष नान्ही दास दीवान एवं प्रांतीय महासचिव राजेश अंबस्त ने महासंघ के प्रांत से लेकर विकासखंड मुख्यालय तक के पदाधिकारीयों को निर्देशित किया है कि जब तक शिक्षक संघ के साथ महासंघ का पूर्ण विलय प्रांत स्तर पर नहीं हो जाता तब तक विभिन्न जिलों में विकासखंड में एवं प्रांत में छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ के पंजीयन से ही कार्य किया जाएगा। ज्ञापन सौंपने के पूर्व प्रांत अध्यक्ष द्वारा बैठक आयोजित किया गया। जिसमें प्रमुख रूप से डोरे लाल केवर्थ,संतोष कुमार, प्रहलाद केवट , भूषण साहू,बालोद जिला अध्यक्ष वीरेंद्र देशलहरे, जिला सचिव गजेंद्र पुरी गोस्वामी ,भेद कोसले ,रामकिशन सार्वा के साथ विभिन्न प्रांतीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

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