जगन्नाथपुर में हुआ किसान संगोष्ठी का आयोजन, कृषि उपसंचालक ने कहा इस बार होगी डीएपी की किल्लत, उसी के भरोसे न रहे
धान के बजाय दलहन तिलहन को दे बढ़ावा, रासायनिक दवाइयों का ना करें ज्यादा इस्तेमाल , डायरी मेंटेन करने किसानों को किया गया प्रोत्साहित
बालोद । बालोद ब्लाक के ग्राम जगन्नाथपुर में मंगलवार को गुरु एग्रो केयर का शुभारंभ और किसान संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इस अवसर पर जगन्नाथपुर सांकरा सहित आसपास के ग्राम परसदा, डेंगरापार , घुमका कमरौद तक के किसान मौजूद रहे ।
आयोजन में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे कृषि विभाग के उपसंचालक जीएस ध्रुवे ने किसानों को फसल चक्र अपनाने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि भूगर्भ में पानी की कमी हो रही है। इसलिए गर्मी में धान की खेती से बजाय दलहन तिलहन को बढ़ावा दे।
साथ ही इन्होंने जिले में स्थित शक्कर कारखाना को गन्ना उपलब्ध कराने में प्रत्येक किसान को एक एकड़ में कम से कम गन्ना लगाने की अपील की ताकि जिले का कारखाना अच्छे से चल सके। उन्होंने चिंता जताई कि जिले में कारखाना होने के बावजूद गन्ने की कमी हो रही है। इसी तरह उन्होंने एफपीओ यानी फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (किसान उत्पादक संगठन) बनाने की अपील भी कार्यक्रम के आयोजक योगेश्वर देशमुख से की और कहा कि वह किसानों का नेतृत्व करें और क्षेत्र के किसानों को ज्यादा से ज्यादा एफपीओ में जोड़े ताकि इस संगठन के जरिए किसानों को कम कीमत पर खाद बीज और रासायनिक दवाइयां मिल सके।
डीएपी की होगी इस बार किल्लत
इसके अलावा उन्होंने किसानों को आगाह किया कि इस बार डीएपी की काफी किल्लत हो सकती है। इसलिए सिर्फ डीएपी के भरोसे ना रहे। अन्य वैकल्पिक खाद का इस्तेमाल जरूर करें। और समय रहते खाद और बीज का उठाव कर ले ताकि आने वाले समय में दिक्कत ना हो। साथ ही सभी 122 सोसाइटी में खाद और बीज की पर्याप्त उपलब्धता होने की जानकारी उन्होंने दी ।
बच्चों को ना करें खेती किसानी से से दूर : विरेंद्र महाराज
आयोजन में अध्यक्षता कर रहे सुरेगांव भेड़ी से पहुंचे सुप्रसिद्ध नाड़ी वैद्य गुरुदेव वीरेंद्र महाराज ने किसानों से अपील किया कि वह अपने बच्चों यानि आने वाली पीढ़ी को भी खेती किसानी से जोड़े। उन्होंने कहा कि हम किसान अपने बच्चों को खेती किसानी से विमुख करने में जिम्मेदार है। जब वे छोटे होते हैं तो हम ही उन्हें कहते हैं की खेती किसानी में कुछ नहीं रखा है पढ़ लिखकर नौकरी करो। ऐसे में बच्चा जब बड़ा होता है तो वह खेती किसानी से दूर हो जाता है। अब हमें सोच बदलनी है। हमें सकारात्मक सोच रखनी है। हमें अपने बच्चों से कहना है की पढ़ाई लिखाई करो पर अपनी खेती किसानी पर भी ध्यान दें । अगर नौकरी नहीं भी लगती है तो खेती से भी घर चल सकता है । खेती किसी में अगर युवा आज की तकनीक का इस्तेमाल करें तो आसानी से अपना जीवन यापन कर सकते हैं। उन्होंने किसानों को इस संसार का सबसे बड़ा साधक कहा। गुरुदेव वीरेंद्र महाराज ने कहा कि किसान सबके लिए कमाता है। कई जीव को पालता है। उसे हार नहीं माननी चाहिए। हमेशा हौसला बनाए रखना चाहिए। किसान सभी दुख तकलीफ सहते हुए फसल तैयार करते हैं। सब का पेट भरते हैं। किसानों से निवेदन करता हूं तो खुद को कभी कमजोर ना समझे,
खुद को हमेशा तैयार करें। जैसे बारिश सब जगह होती है लेकिन फसल वहीं पर होती है जो खेत हम तैयार करके रखते हैं। हमें नकारात्मक सोच नहीं रखनी है। नकारात्मक सोच अगर दिल में बैठा लेते हैं तो वह हमें अंदर से खोखला कर देती है और हमारी ऊर्जा को कम कर देती है। इसलिए सदैव सकारात्मक सोचे।
बैंक मैनेजर सहित कृषि विभाग के अफसरों ने दी योजनाओं की जानकारी
आयोजन में पहुंची छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की मैनेजर श्वेता पांडा ने किसानों के लिए ऋण से संबंधित जानकारी दी। साथ ही कृषि विभाग के अफसर ने भी किसानों को सही बीज का चयन, बीज उपचार फसल परिवर्तन, दलहन तिलहन फसल को बढ़ावा देने से संबंधित विस्तृत जानकारी रखी। वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री पिस्दा, सुमन केसरिया आदि ने किसानों को खेती का मर्म समझाया और उनका शंका समाधान भी किया।
किसान अपनी खेती की डायरी बनाएं, जानकारी होना जरूरी है
इस बीच कृषि विशेषज्ञ योगेश्वर देशमुख ने भी किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज किसानों को जागरूक होने की जरूरत है। प्रत्येक किसान को कहना चाहूंगा कि वह अपनी खेती का एक डायरी बनाएं। कौन सी फसल में कब क्या दवाई डाल रहे हैं कितना डाल रहे हैं क्या कंपनी है उसमें क्या-क्या मिला है यह सब जानकारी उसमें लिखे। अक्सर जानकारी के अभाव में गलत दवाई या फिर जरूरत से ज्यादा दवाई का छिड़काव फसलों में करते हैं। जिससे अपेक्षित लाभ नहीं हो पाता और उल्टा आर्थिक नुकसान होता है।कई पोषक तत्व हमारे मिट्टी में ही होते हैं इसके बावजूद फिजूल की दवाई और कीटनाशक डालकर हम फसल को और नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने किसानों को शासन की योजनाओं का लाभ उठाने और उनके प्रति जागरूक रहने की अपील की। प्लांटों कृषि तंत्र के बायो प्रोडक्ट और उसके गुणवत्ता के प्रमाणों के बारे में भी उन्होंने संक्षिप्त जानकारी दी। इस दौरान रायपुर से पहुंचे कृषि वैज्ञानिक नितेश दुबे, सरपंच अरुण साहू,एम.के. मरगिया
अनुविभागीय क़ृषि अधिकारी बालोद,सुमन केसरिया ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, ढाल सिंह देशमुख, ताराचंद साहू, खोमन देशमुख, पत्रकार दीपक यादव आदि मौजूद रहे। अंत में सभी अतिथियों ने ग्राम पंचायत जगन्नाथपुर के पास पौधारोपण किया और सुरक्षा का संकल्प लिया। संगोष्ठी के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी मनमोहक आयोजन हुआ। जिसमें कलाकारों ने छत्तीसगढ़ी गीतों पर आकर्षक प्रस्तुति दी।