बालोद। बलौदाबाजार जिला कलेक्टर आफिस में आगजनी व तोड़फोड़ की घटना को अंजाम सतनामी समाज के लोग नहीं दे सकते । यह पूरी तरह से राजनीतिक षड्यंत्र है । उक्त बातें ग्राम सांकरा ज निवासी पूर्व प्रदेश संयोजक,प्रदेश सतनामी समाज छत्तीसगढ़, पूर्व जिलाध्यक्ष सतनामी समाज बालोद, विजय बघेल ने कही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं का सतनामी समाज के द्वारा आयोजित रैली धरना में जाना इस बात को चिन्हांकित करता है व इस तरह की घटना को अंजाम देना साबित होता है । धरना में भिलाई विधायक देवेंद्र यादव का उपस्थित होना ही पूरी तरह से राजनीतिक लगता है। क्योंकि सतनामी समाज अमन परस्त समाज है व बाबा गुरु घासीदास जी के दिए संदेश मानव मानव एक समान के रास्ते पर चलने वाले लोग हैं । इस तरह से उपद्रव भरी काम नहीं कर सकता है क्योंकि बाबा जी ने हमें सत्य व अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए ज्ञान दिया है । ज्ञात हो कि कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने राजनीतिक फायदे के लिए समय समय पर हमारे समाज के साथ इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते आये हैं। विजय बघेल ने कहा एक बार सन 2004 में घुमका कांड हुआ था तब छत्तीसगढ़ राज्य का उदय हुआ था और उस समय डॉक्टर रमन सिंह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। उस समय हमने घुमका कांड के खिलाफ रायपुर राजधानी मुख्यालय में एक दिवसीय जन आक्रोश रैली व धरना प्रदर्शन किये थे। तब ऐसे ही कांग्रेस पार्टी के बड़े बड़े नेताएं मंच पर आए और बड़ी बड़ी भड़काऊ भाषण देकर समाज को आक्रोशित करने लगे। तब एक ओर सतनामी हितैषी कहलाने वाले कांग्रेस के बड़े नेता भी मंच पर भाषण दिए व जैसे ही भाषण देकर मंच से उतर कर बाहर बैरीकेट पार किए तो उनके साथ आए उनके छुटभैय्ये कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पत्थरबाजी कर भाग गए फिर पुलिस वालों की डंडे हम सतनामी लोगों पर बरसने लगे । उस दिन से लेकर आजतक मैं ऐसे राजनेताओं को कोसता हूं व किसी भी हमारे सामाजिक धरना मंच पर उनकी उपस्थिति पर नाराज रहता हूं । बलोदा बाजार की घटना भी इसी तरह की राजनीतिक प्रेरित घटना है जिसमें शांति व अमन प्रिय हमारे समाज को बदनाम किया है। हम इस तरह की घटना की निंदा करते हैं व बलोदा बाजार जिला कलेक्टर आफिस में हुई तोड़ फोड़ व आगजनी घटना की न्यायिक जांच की मांग करते हैं। जिससे पर्दे के पीछे की जो चेहरे हैं जिन्होने ऐसी घटना को अंजाम दिया है उनकी असली सूरत लोगों के बीच आ सके।