श्री तुलसी मानस प्रतिष्ठान ने दी मानस मर्मज्ञ एम आर यादव को श्रद्धांजलि

बालोद। सत्यम शिवम सुंदरम मानस परिवार भरदाकला के लोकप्रिय व्याख्याकार मानस मर्मज्ञ एम आर यादव के आकस्मिक निधन पर उनके गृह ग्राम भरदाकला में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में पहुंच कर पूर्व सांसद तथा श्री तुलसी मानस प्रतिष्ठान के संरक्षक मोहन मंडावी ने संगीतमय श्रद्धांजलि प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह श्री तुलसी मानस प्रतिष्ठान के साथ मानस बिरादरी के लिए अपूरणीय क्षति है । जगदीश देशमुख ने कहा कि जीवन एक उत्सव है जिनके स्मृति में राम कथा हो रही है तो निश्चित रूप से उनकी मृत्यु महोत्सव है। आज उनकी शोकांजलि सभा स्मृति तीर्थ के रूप में दिखाई पड़ रहा है। एम आर यादव साकेत धाम में विश्राम कर रहे हैं इसमें कोई संदेह नहीं है।

शोकांजलि कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष गोपाल वर्मा ,कार्यकारी अध्यक्ष जगदीश देशमुख ,उपाध्यक्ष हिरदे राम शोरी, प्रमोद जैन,मोहन लाल यादव, तोमन साहू, कामता प्रसाद सिन्हा, तामेश्वर साहू,केशव साहू, अजेन्द्र साहू ,राकेश साहू ,लिलार सिन्हा, सुरेश शर्मा,चैतराम साहू, मानसिंह पटेल, पीलाराम शर्मा, पिलेश्वर देशमुख, हेमलता साहू ,अचल वैष्णव , पुष्पा सिन्हा, पोषण शुक्ला ,कवि प्यारे लाल देशमुख सहित बड़ी संख्या में मानस के व्याख्याकार, संगीतकार, उद्घोषक पहुंचे थे तथा सभी वक्ताओं ने कार्यक्रम को संबोधित कर विनम्र श्रद्धांजलि दिए।

78वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस

अर्जुंदा से राजनांदगांव पर स्थित ग्राम भरदा कला निवासी श्री रामचरित मानस के पुरोधा एमआर यादव का निधन विगत दिनों हुआ। 78वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। वे रामायण पाठ के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में परिचित रहे है। 45वर्ष पूर्व रामायण समिति के माध्यम से श्री रामचरित मानस की ब्याख्या की शुरुआत करने वाले यादव जी इन 45 वर्षों में पूरे छत्तीसगढ़ के ऐसा क़ोई अंचल नहीं छूटा है जहाँ रामायण कार्यक्रम में नहीं गये हो। श्री यादव जी को उनकी प्रतिभा के लिए कई मंचो पर सम्मानित भी किया गया है। वर्तमान में सत्यम शिवम सुंदरम रामायण मंडली से जुड़ कर रामायण पाठ कर रहे थे। यादव जी प्रारम्भ से ही कला के क्षेत्र में अग्रणी रहे है ग्राम नवयुवक मंडल से कला क्षेत्र की शुरुआत करने वाले यादव जी लीला मंडली, तबला वादन में भी पारंगत थे। साथ ही कई वर्षों से छत्तीसगढ़ी कविता सम्मेलन में भी भाग लेते थे। रामायण ब्याख्या में पूरे छत्तीसगढ़ में उनका नाम काफ़ी मशहूर रहा है।

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