बालोद से गिरफ्तार चार गौ सेवको की रिहाई के लिए आवाज उठाने नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा ने की अपील, भाजपा सरकार पर भी उठाया सवाल?
बालोद। महाराष्ट्र पुलिस द्वारा बालोद के चार गौ सेवकों को गिरफ्तार करके ले जाया गया है। इसके खिलाफ आवाज उठाने और गौ सेवकों के रिहाई के प्रयास के लिए बालोद नगर पालिका के अध्यक्ष विकास चोपड़ा ने आम जनता सहित गणमान्य लोगों से
से अपील की है। उन्होंने कहा कि बालोद शहर में ऐसे बहुत से गौ सेवक युवा हैं जिनकी गौ सेवा का पूरा शहर कायल है। जो 24 घंटे गौ माता की सेवा में लगे रहते हैं। एक फोन काफी है कि गौ माता को मदद करने ये लोग पहुंच जाते है। चाहे बात किसी घर की हो, किसी मोहल्ले की हो,या शहर हो या दूर दराज के गांव ही क्यों न हो। ये हर हाल में उनकी मदद करने पहुंच जाते हैं। इन गौ सेवकों के बारे में आप ने भी मीडिया या अन्य माध्यम से जरूर पढ़ा सुना होगा। कई बार ये स्थानीय प्रशासन की मदद करते भी आसानी से देखे जा सकते हैं। पुलिस प्रशासन के सहयोग से कई बार इन्होंने बहुत से गौ माता को तस्करों से बचाया भी है। जब इनसे गौ माता के सम्बन्ध में बात करो तो इनकी गौ भक्ति से आप भी जरूर प्रभावित हो जाएंगे। पिछले दिनों इनमे से 4 युवाओं अजय कुमार यादव,जितेंद्र यदु (जीतू), आशुतोष कौशिक (आशु, बिट्टू) और कुणाल साहू (लक्की) को महाराष्ट्र पुलिस गिरफ्तार कर महाराष्ट्र ले गई और इनके खिलाफ बहुत से धारा भी लगा दिए गए हैं। शहर में ये चर्चा है कि अवैध रूप से गौ तस्करी कर उनका कत्ल करने वाले लोगों ने दुर्ग के कुछ युवाओं के साथ मारपीट कर अपने साथ ले जा रहे थे। जिसकी सूचना बालोद के युवाओं को लगी तो ये युवा भी उनके सहयोग के लिए निकल पड़े और मौके पर पहुंच कर गायों को छुड़ाने में सफल भी रहे, और जिसका इनमे से कुछ ने फोटो खिंच कर अपलोड भी किया। मामले मे नया मोड़ तब आया जब इन्हें महाराष्ट्र पुलिस तुम लोगों के खिलाफ एफआईआर हुई है कि जानकारी दे कर गिरफ्तार कर बालोद से उठा ले गई। यहाँ महत्वपूर्ण यह हो जाता है कि आखिर यह माजरा क्या है? कहीं ऐसा तो नहीं कि इस एफआईआर कराने के पीछे का कारण इन गौ सेवकों की सक्रियता हो जिसके चलते उनकी तस्करी में बाधा पहुंच रही थी? और यह एफआईआर उन तमाम गौ सेवकों को यह संदेश देने का प्रयास हो कि हमारे काम में बाधा बने तो ऐसी कार्यवाही के लिए तैयार रहो और ऐसा है तो क्या वे अपने मंसूबों में कामयाब तो नहीं हो रहे? खैर जो भी हो पर महाराष्ट्र पुलिस की इस कार्रवाई से न केवल गौ सेवकों ब्लकि पूरे बालोद वासियों में आक्रोश दिख रहा है। विकास चोपड़ा ने कहा कि मुझे लगता है इन गौ सेवक युवाओं के लिए शाशन,,प्रशासन को आगे आ कर मदद करनी चाहिए, या फिर एक सर्कुलर जारी कर देना चाहिए कि
गौ सेवक केवल गौ माता की मरहम पट्टी, उन्हें रोड से हटाने और चारा व्यवस्था तक सीमित रहें। तस्करी और उनके कत्ल पर अपनी आंख बंद रखें। दोनों ही प्रदेश चाहे वह छत्तीसगढ़ हो या महाराष्ट्र बीजेपी की ही सरकार है और वह अपने को गौ भक्त भी बताती है। क्या भाजपा क्या कांग्रेस सभी स्थानीय नेता भी युवाओं के पक्ष में खड़े हैं यह भी सर्व विदित है। इसके बावजूद भी आखिर क्या कारण है कि इन गौ सेवकों को कोई राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही। कहीं ऐसा तो नहीं कि शासन प्रशासन इन जैसे सैकड़ों युवाओं को गौ सेवक ही नहीं मानती.. ? चाहे जो भी हो मुझे लगता कि इन युवाओं के लिए सब को साथ आ कर बड़ी पहल करनी चाहिए।