राहुल गांधी की सजा पर रोक और संसद सदस्यता बहाल होने की उम्मीद पर बालोद में कांग्रेसियों ने मनाया जश्न, पढ़िए क्या था पूरा मामला?
बालोद। सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मिली सजा के निलंबन की याचिका पर सुनवाई की और उनकी सदस्यता बहाल होने की उम्मीद जगी सब ठीक रहा तो अब वे जल्द संसद सत्र में भी हिस्सा लेंगे। जिनकी खुशी में आज बालोद युवा कांग्रेस ने खुशी जाहिर करते हुए बालोद राजीव भवन के सामने फटाके फोड़े। जिसमे बालोद युवा कांग्रेस से शहर अध्यक्ष साजन पटेल, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष चंद्रहेश हिरवानी, जिला महामंत्री रोहित सागर,विधायक प्रतिनिधि कमलेश श्रीवास्तव, आदित्य दुबे, शानू पाल, वैभव शर्मा, जिला युवा कांग्रेस,दिनेश्वर साहु, नूतन साहु, फैज अली, शवेश खान, कान्हा राजपूत, शनवाज खान, समस्त युवा साथी शामिल थे। कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए शुक्रवार का दिन शुभ समाचार लेकर आया. मोदी सरनेम केस में सूरत की निचली अदालत ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी. सूरत कोर्ट के इस फैसले के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता चली गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने अब राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने के साथ ही सुनाई गई सजा पर भी रोक लगा दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब तक राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती तब तक दोषसिद्धि पर रोक रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को अधिकतम सजा सुनाए जाने पर भी सवाल उठाए हैं. सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और विपक्षी गठबंधन के लिए भी कई मायनों में अहम है.
आगे क्या होगा जानिए: बहाल होगी राहुल की संसद सदस्यता
राहुल गांधी को सूरत की निचली अदालत से दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया था. लोकसभा सचिवालय ने आदेश जारी कर दो साल की सजा सुनाए जाने के ग्राउंड पर राहुल गांधी को संसद की सदस्यता समाप्त कर दिया था. केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद रहे राहुल गांधी को सुनाई गई सजा के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दोषसिद्धि पर भी रोक लगा दी है.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के साथ ही राहुल गांधी के लिए संसद के दरवाजे कानूनन खुल गए हैं. अब राहुल की लोकसभा सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ हो गया है. राहुल को संसद की सदस्यता के अयोग्य करार दिए जाने के बाद अगर वायनाड सीट पर उपचुनाव हो गए होते तब उनकी सदस्यता बहाल नहीं हो पाती. वायनाड में अभी तक उपचुनाव नहीं हुए हैं.
सदस्यता बहाली के लिए स्पीकर से मिले अधीर
लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के तुरंत बाद स्पीकर से मुलाकात की. अधीर ने स्पीकर से राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल करने की मांग की. अधीर ने उम्मीद जताई कि स्पीकर राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने का फैसला जल्द लेंगे.
राहुल गांधी को अब आगे क्या करना होगा?
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी को अब लोकसभा सचिवालय का रुख करना होगा. राहुल गांधी को लोकसभा सचिवालय में प्रतिवेदन देना होगा. इस प्रतिवेदन में सुप्रीम कोर्ट के आज के आदेश का उल्लेख कर लोकसभा सदस्यता बहाल करने का अनुरोध करना होगा. इसके बाद लोकसभा सचिवालय के अधिकारी आदेश का अध्ययन करेंगे और फिर सदस्यता बहाल करने का आदेश जारी होगा. सदस्यता बहाली के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है. फिर भी, लोकसभा सचिवालय को सदस्यता बहाली पर फैसला जल्द लेना होगा.
संसद सदस्यता बहाल होने पर मिलेगा घर
राहुल गांधी को संसद की सदस्यता समाप्त होने के बाद दिल्ली में अपना आवास भी खाली करना पड़ा था. राहुल गांधी के घर खाली करते समय कांग्रेस नेताओं ने मेरा घर राहुल गांधी का घर मुहिम छेड़ दी थी. अब संसद सदस्यता बहाल होने पर राहुल गांधी को दिल्ली में फिर से घर मिलेगा.
राहुल लड़ सकेंगे 2024 का लोकसभा चुनाव
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के साथ ही राहुल गांधी के 2024 का चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर छाए अगर-मगर के बादल भी छंट गए हैं. सुप्रीम कोर्ट से भी अगर राहुल को सजा और दोषी करार दिए जाने के निचली अदालत के फैसले पर रोक नहीं लगाई होती तो वे 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाते. सुप्रीम कोर्ट के रुख और ताजा फैसले, दोनों से ये साफ हो गया है कि राहुल गांधी न सिर्फ संसद में लौटेंगे बल्कि 2024 के चुनाव में बतौर उम्मीदवार भी नजर आएंगे.
राहुल के सियासी करियर को मिली संजीवनी
मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहुल गांधी के सियासी करियर को संजीवनी मिल गई है. कांग्रेस के जिला अध्यक्ष चंद्रप्रभा सुधाकर ने कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अब उनको संसद से दूर रखने का कोई कारण नहीं है. ये मनमानी करने वालों के लिए झटका है. उन्होंने ये उम्मीद भी जताई कि अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान राहुल गांधी सदन में मौजूद रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार के खिलाफ और आक्रामक नजर आ सकती है. 26 विपक्षी दलों के नए गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस के लिए भी राहुल पर आया फैसला अहम है.