महिला दिवस आज: महिलाएं ठान ले तो हर काम है मुमकिन- बरही की ये 12 महिलाएं संभाल रही बालोद जिले में गोबर पेंट प्रोजेक्ट का जिम्मा, दूसरों के लिए बनी प्रेरणास्रोत

इस तरह बनता है गोबर से पेंट

बालोद। आज महिला दिवस पर हम उन महिलाओं के बारे में बात करेंगे जिनकी वजह से बालोद जिला का नाम गोबर पेंट प्रोजेक्ट के लिए जाना जता है इनकी वजह से बालोद जिले की राज्य में अपनी अलग पहचान बनी है . ग्राम बरही में बालोद जिले का पहला गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने का यूनिट चल रहा है। यूनिट के उद्घाटन होने के बाद से लगातार यहां की 12 महिलाओं ने इस यूनिट का जिम्मा संभाल रखा है। जो लगातार गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने में जुटी हुई है। इसकी बिक्री भी शुरू हो गई है। स्वयं जिला प्रशासन भी इस प्रोजेक्ट को बढ़ावा दे रहे हैं इसी क्रम में यहीं के बने गोबर पेंट से कलेक्टोरेट सहित अन्य सरकारी भवनों की भी पुताई की गई. मां गौरी स्व सहायता समूह की महिलाएं यह पेंट बना रही हैं। पूरी यूनिट में लगभग 40 लाख की लागत आई है। काम को गति देने के लिए महिलाओं ने कुछ कर्ज भी लिए हैं तो कुछ राशि शासन से भी मिले हैं।

100 किलो गोबर और 100 लीटर पानी को मिलाकर 120 लीटर सीएमसी यानी कारबोक्सी मिथाइल सेल्यूलोज का निर्माण किया जाता है और इनमें फिर मशीनीकरण से प्राकृतिक पेंट तैयार किया जाता है। इमल्शन पेंट बनाने के लिए 20 लीटर सीएमसी से 100 लीटर पेंट तैयार हो जाता है। पेंट का रेट 225 रुपए प्रति लीटर के साथ 18 प्रतिशत जीएसटी है।

पांचवी से स्नातक तक पढ़ी महिलाएं संभाल रही जिम्मा, आर्थिक स्थिति सुधर रही

महिलाओं द्वारा गोबर से पेंट तैयार करने का काम यूनिट में बखूबी ढंग से संचालित किया जा रहा है। समूह में 12 महिलाएं जुड़ी हुई। जो पांचवी से स्नातक तक पढ़ी हुई है। अधिकतर गरीब और मध्यम वर्ग की रोजी मजदूरी करने वाली महिलाएं हैं। जो यहां अपना नया भविष्य गढ़ रहीं हैं। समूह अध्यक्ष शैल कुमारी सिन्हा स्नातक तक पढ़ी हुई है। जो प्रबंधन का काम भी देखती हैं। इसके अलावा मंजू मंडावी,लता बाई, पूर्णिमा बाई,लता बाई साहू, अमरावती, रीना निर्मलकर, खीर बाई, डीलेश्वरी यादव, कीर्ति निर्मलकर, मोहनी, सुनीता सिन्हा भी जुड़े हुए हैं। एक मशीन ऑपरेट करने के लिए महिलाओं ने अपने खर्च पर एक युवक को काम पर भी रखा है। गोबर से कैसे पेंट बनाया जाएगा इसके लिए रायपुर जरवाय की टीम द्वारा उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया है।

28 जनवरी से इस यूनिट का शुभारंभ किया गया है। यूनिट में काम करने वाली महिलाओं का मानना है कि महिलाएं ठान ले तो हर काम मुमकिन है.यहाँ उन्हें काफी कुछ सिखने को मिलता है. कभी सोंचे नहीं थे कम पढ़े लिखे भी आज इस मुकाम पर होंगे. महिलाओं ने कांग्रेस सरकार की रीपा योजना को भी सराहा जिसके जरिए उन्हें आर्थिक स्थिति सुधारने का नया प्लेटफार्म मिला. बरही की रहने वाली जिला पंचायत सभापति धनेश्वरी नरेंद्र सिन्हा भी उन्हें मार्गदर्शन करती रहती हैं.

गोबर पेंट का इस्तेमाल इस तरह है फायदेमंद

कलेक्टर कुलदीप शर्मा का कहना है कि आदर्श गौठान बरही में जिले के प्रथम प्राकृतिक पेंट इकाई की शुरूआत होने पर गोबर से निर्मित होने वाली प्राकृतिक पेंट इकाई की स्थापना से एक नया अध्याय और भी जुड़ गया है। प्राकृतिक पेंट से पर्यावरण के रक्षा के साथ-साथ अन्य पेंटों के निर्माण में प्रयुक्त रासायनिक पदार्थों से होने वाले दूष्प्रभाव से रक्षा भी करेगी। उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक पेंट का मूल्य भी बाजार में मिलने वाली अन्य पेंटो से कम है।

प्राकृतिक पेंट का उपयोग हम सभी शासकीय कार्यालयों के रंगाई-पोताई में करेंगे। बरही गौठान में प्राकृतिक पेंट इकाई की स्थापना होने से बरही एवं आसपास के गाॅव के लोगों को पेंट खरीदने के लिए बरही से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इस पेंट के उपयोग से किसी प्रकार की हानि नहीं होती तथा बरही में प्राकृतिक पेंट इकाई के निर्माण होने से ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा।

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