अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर हिंदसेना और बजरंग दल ने जनदर्शन में की शिकायत
बालोद। जिला अस्पताल में व्याप्त विभिन्न समस्याओं व अव्यवस्थाओं को लेकर हिंदसेना और बजरंग दल ने संयुक्त रूप से जिला प्रशासन को शिकायत की है। बुधवार को जनदर्शन में पहुंचकर उक्त मामले की बिंदुवार शिकायत की गई है। साथ ही एक अलग से शिकायत वाहनों की गति सीमा को लेकर हुई है। जो कि दल्ली राजहरा मार्ग से जुड़ा हुआ है।
उक्त ज्ञापन के माध्यम से हिंद सेना युवा ब्रिगेड जिला महामंत्री खिलेश गौतम ने कहा है कि वाहनों की गति ज्यादा होने से आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं। खासतौर से उप जेल मार्ग की ओर गाड़ियां तेज रफ्तार से आती जाती है। जिस पर कार्रवाई की जरूरत है। इसी मार्ग पर सिटी कोतवाली, कॉलेज, जिला अस्पताल, स्वामी आत्मानंद स्कूल है। जिससे लोगों का आना जाना लगा रहता है। भीड़ भाड़ में दुर्घटना की आशंका रहती है। जिस पर पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन से वाहनों की गति सीमा का पालन करवाने की मांग की गई है। ताकि घटना को टाला जा सके। तो वही जिला अस्पताल में व्याप्त समस्याओं को दूर करने के लिए भी हिंदसेना और बजरंग दल ने संयुक्त रूप से मोर्चा खोलते हुए ज्ञापन सौंपा है।
डॉक्टर और स्टाफ का मरीजों से रहता है रुखा व्यवहार
बजरंग दल जिला संयोजक सतीश विश्वकर्मा ने बताया कि पदस्थ कार्यरत डॉक्टर व स्टाफ नर्सों के द्वारा मरीजों के साथ दुर्व्यव्हार किया जाता है और मरीजों के इलाज में लापरवाही भी बरती जाती है। तरुण नाथ योगी प्रदेश मुख्य संयोजक हिंद सेना छत्तीसगढ़ ने बताया इसी तरह जिला अस्पताल के ब्लड बैंक बालोद में जरूरतमंद मरीजों को जरूरत के समय ब्लड देने के लिए आनाकानी करते हैं। उनका कहना होता है कि जब तक ब्लड डोनर आकर डोनेट नहीं करेगा हम ब्लड बैंक से ब्लड उपलब्ध नहीं करवा सकते। साथ ही लगातार अस्पताल में कोरोना मरीज निकल रहे ,जिस वार्ड में मरीज निकलते है उस वार्ड को सैनिटाइज नही किया जाता। लापरवाही के कारण पॉजिटिव मरीज जायदा निकल रहे।
सफाई का अभाव
बजरंग दल जिला सहसंयोजक उमेश कुमार सेन ने बताया कि अस्पताल परिसर में साफ-सफाई का अभाव रहता है। अस्पताल पहुंचते मुख्य द्वार में पहुंचते ही बदबू आना शुरू हो जाता है। बदबू की वजह से मरीजों का हाल बेहाल हो जाता है। फिर भी गरीब तबके के लोग जिला हॉस्पिटल में इलाज कराने के लिए मजबूर हैं। जिला अस्पताल के कुछ मेडिकल ऑफिसर के द्वारा निजी क्लीनिक खोले हुए हैं बेहतर इलाज के आस में मजबूरी में लोग वहां जाकर अपना इलाज करवाते हैं।
लापरवाहों पर कार्रवाई ना होने से हौसले बुलंद
पत्र में छह बिंदुओं पर शिकायत की गई है यह भी आरोप लगाया गया है कि यहां पदस्थ डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाइयां अस्पताल परिसर में खुले प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित कम दर पर मिलने वाली जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध नहीं होती है। जिसके कारण मरीजों को महंगी रकम खर्च कर जिला अस्पताल के आसपास के निजी मेडिकल दुकानों से दवाइयां खरीदनी पड़ती है। जिला अस्पताल में उपरोक्त लापरवाही के संबंध में संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा व शिकायत किए जाने पर उन्हें धमका कर वापस लौटा दिया जाता है। अथवा मात्र आश्वासन दिया जाता है कि कार्रवाई करेंगे। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। इसके कारण डॉक्टर, स्टाफ, नर्स, अस्पताल के अन्य कर्मचारियों के हौसले बढ़े हुए हैं। जिसका वे नाजायज फायदा उठा रहे हैं।