बेटे का निधन हुआ तो अनुकंपा नियुक्ति से पहले ही बहु दिखाने लगी आंखे, सास-ससुर ने लगाया प्रताड़ना का आरोप, पिता ने कलेक्टर से शिकायत कर लगाई आपत्ति- हमें मंजूर नही बहु की नियुक्ति

इधर शिक्षा विभाग नियुक्ति देने पर आमदा, मृत्यु दावा राशि में भी गड़बड़ी का ऑडियो आया सामने

बालोद। बालोद जिला शिक्षा विभाग द्वारा अनुकंपा नियुक्ति में मनमानी की जा रही है। परिजनों द्वारा आपत्ति किए जाने के बाद भी अनुकंपा नियुक्ति दी जा रही है। इसके अलावा नियुक्ति की आड़ में शिक्षा विभाग के अधिकारी कर्मचारी परिजनों से लेनदेन भी करने लगे हैं। इसका एक बड़ा मामला सामने आया है। एक ऑडियो भी सामने आया जिसमें परिवार वालों के विरोध के बाद भी अनुकंपा नियुक्ति पा रही एक बहू द्वारा विभाग के ही एक कर्मचारी के साथ 3 लाख में गड़बड़ी को लेकर बात कर रहे हैं। तो वही इस मामले में बहू के अनुकंपा नियुक्ति का विरोध करते हुए सास ससुर ने कलेक्टर की शरण ली है व नियुक्ति को रुकवाने की मांग भी की है। दरअसल में मामला ग्राम पीपरछेड़ी का है यहां के रहने वाले भावेश कुमार गंगराले शासकीय प्राथमिक शाला गोड़री में सहायक शिक्षक पर पदस्थ थे। जिनका निधन 23 अप्रैल 2021 को हो गया। जिसके बाद उनकी पत्नी भुनेश्वरी गंगराले को अनुकंपा नियुक्ति हेतु 2 जून 2021 को विकास खंड शिक्षा अधिकारी बालोद के कार्यालय से दस्तावेज सहित आवेदन प्रस्तुत किया गया था। इस दौरान तो सास ससुर ने बहु को अनुकंपा नियुक्ति दिलाने के लिए भावेश की मां यानी बहू भुनेश्वरी की सास सुशीला बाई व ससुर मेघराज गंगराले ने सहमति दी थी। आवेदन प्रस्तुत हो जाने सहमति पत्र के बाद बहू द्वारा सास ससुर को आंखें दिखाने लगी व घर में लड़ाई झगड़ा शुरू कर दी। सास-ससुर से मारपीट करने पर आमदा हो गई। कहने लगी कि अनुकंपा नियुक्ति होने के बाद देख लेगी। नौकर नौकरानी की तरह उनके साथ बर्ताव करेगी जिसका मोबाइल रिकॉर्ड भी सबूत के तौर पर सास ससुर के पास है। इस घटना की रिपोर्ट बालोद थाने में भी दर्ज कराई गई है। बहू के ताव को देखकर अब सास ससुर अनुकंपा नियुक्ति से अपनी सहमति वापस ले लिए हैं व शपथ पत्र के साथ ही कलेक्टर व शिक्षा विभाग को भी प्रस्तुत किए हैं कि हम अपनी बहू को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दिलाना चाहते हैं। तो इधर आपत्ति के बाद भी शिक्षा विभाग के अफसर बहू को अनुकंपा नियुक्ति देने आमदा है। परिजनों के द्वारा अपना सहमति पत्र वापस लेकर नियुक्ति पर आपत्ति जताते हुए रोक लगाने की मांग की गई है लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा उसकी नियुक्ति की जा रही है। दरअसल में बहु भुनेश्वरी को भृत्य पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी जा रही है। जिसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से आदेश की प्रक्रिया भी हो रही है। पर इधर सास ससुर ने अपना सहमति पत्र वापस ले लिया है और कलेक्टर को शिकायत करते हुए नियुक्ति पर रोक लगाने की मांग की है। सास ससुर का कहना है कि जो बहू हमारे साथ दुर्व्यवहार कर रही है व नियुक्ति हो जाएगी तो और दुर्व्यवहार करेगी। इसलिए हम नहीं चाहते कि हमारे बेटे की मौत के बाद बहु उस जगह पर नियुक्ति पाए।

मृत्यु दावा राशि में भी गड़बड़ी का आरोप, ऑडियो सबूत है

तो वही ससुर मेघराज गंगराले ने यह भी आरोप लगाया है कि बहु द्वारा शिक्षा विभाग के एक बाबू कृष्णकांत उइके के साथ पैसों को लेकर गड़बड़ी किए जाने की भी बातचीत की गई है। जिसकी मोबाइल रिकॉर्ड भी हमारे पास उपलब्ध है। इस रिकॉर्डिंग के अनुसार मृत्यु दावा राशि के संबंध में जो राशि मिलने वाली है उस में गड़बड़ी करने की बात हुई है। बहु द्वारा कहा जा रहा है कि घर वालों को मत बताना कि तीन लाख से ज्यादा भी पैसा मिल रहा है। वरना मेरे लिए कुछ नहीं बचेगा। 300000 रुपये को ही बहू घर वालों को बता रही है। जबकि मिलना इसमें ज्यादा है। तो इसमें बाबू द्वारा भी उसका साथ देने की बात कही जा रही है। उसे खाता नम्बर मांगा जा रहा है। इस रिकॉर्डिंग से साबित हो रहे हैं कि कहीं ना कहीं अनुकंपा नियुक्ति में इन दिनों जमकर लेन-देन चल रहा है। तो वहीं मेघराज ने यह भी कहा है कि जिला शिक्षा अधिकारी दफ्तर के एक कर्मचारी द्वारा फोन के माध्यम से उन्हें बार बार बुलाया जाता था किंतु कार्यालय आने के उपरांत भी कोई नहीं मिलता था। इस तरह से आपत्ति दर्ज करवाने के लिए भी परिजनों को काफी परेशान किया गया। अब परिजनों ने कलेक्टर से मामले की शिकायत की है।

क्या बोले डीईओ

इधर मामले में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी वसंत बाघ का कहना है कि नियम से ही हम परिजनों द्वारा सहमति पत्र प्राप्त होने के बाद मृतक की पत्नी , परिवार की बहू को ही अनुकंपा नियुक्ति दे रहे थे। लेकिन अब क्योंकि उनके परिजनों ने आपत्ति जताते हुए सहमति वापस ली है तो हम नियुक्ति रोक देंगे। हम तो शासन की योजना के तहत ही पति की मौत के बाद पत्नी को ही अनुकंपा नियुक्ति देने के पक्ष में ही थे। पर परिजन अब नहीं मान रहे हैं। इसलिए मामला विवादित हो गया है। अब हम अनुकंपा नियुक्ति को रोक रहे हैं।

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