अब तो संभल जाइए, बालोद के इस गांव में जल बिना होने लगी है कल की चिंता, 20 में 16 हैंडपंप बंद, 4000 आबादी 4 के भरोसे, खेत से ला रहे पानी,हाल- बेहाल
बालोद। गांवों में अभी से पानी की समस्या खड़ी हो रही है। वाटर लेवल डाउन होने की समस्या सामने आ रही है। इसके पीछे बड़ी वजह धान की खेती है। जिसके सिंचाई के लिए खेतों में बोर हैं और इससे वाटर लेवल तेजी से नीचे जा रहा है। क्योंकि धान की खेती में पानी की खपत अधिक होती है और इसी का नतीजा है कि ग्रामीण क्षेत्र में अभी से स्थिति बिगड़ने लगी है। एक ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत भीमकन्हार में सामने आया है।
जहां पर 20 में से 16 हैंडपंप बंद हो गए हैं। महज चार हैंडपंप के भरोसे 4000 आबादी की प्यास नहीं बुझ पा रही है। जिसके चलते ग्रामीणों को एक से डेढ़ किलोमीटर दूर खेत के बोर से पानी लाने की मजबूरी है। सुबह से शाम तक ग्रामीण पानी लाने में ही अपना समय गंवा रहे हैं। हैंडपंप का गला सूखा हुआ है। हैंडपंप चलना बंद हो गए हैं। तो वहीं निजी बोर भी जवाब देने लगे हैं। खेतों के इक्का-दुक्का बोर से लोगों की प्यास बुझ रही है। कई वार्डों में जहां सभी हैंडपंप बंद हो गए हैं वहां तो स्थिति और भी ज्यादा खराब है। ग्रामीणों ने बताया कि अभी से ये हाल है तो पूरी गर्मी में क्या हाल होगा, सोच कर ही घबरा जाते हैं।
क्या बोले सरपंच
सरपंच पोषण लाल साहू का कहना है कि हमने मामले की जानकारी पीएचई विभाग सहित संबंधित अफसरों को दी है। मांग कर रहे हैं कि अस्थाई पानी टंकी या टैंकर का इंतजाम हो ताकि अभी तो कम से कम राहत मिले। स्थाई टंकी जब बनेगी तब बनेगी लेकिन फिलहाल परेशानी हो रही है। इसका समाधान जल्द से जल्द निकाला जाना चाहिए।
सुविधा के लिए दिए नंबर पर फोन करने पर अफसरों ने फोन नहीं उठाया
सरपंच ने कहा कि हाल ही में जिला प्रशासन द्वारा पानी की व्यवस्था बनाए रखने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। वहीं ब्लॉक स्तर पर भी हैंडपंप बंद होने सहित अन्य परेशानी को लेकर सूचना देने पर भी नंबर जारी हुआ है। जिसमें दिए गए नंबर पर उन्होंने फोन किया तो अफसरों ने फोन नहीं उठाया जिसके बाद उन्होंने सीधे कलेक्टर जन्मेजय महोबे को फोन लगाया उन्हें वाट्सएप में पानी की समस्या वाली तस्वीरें भी भेजी जिसके बाद कलेक्टर ने फोन रिसीव कर उन्हें आश्वस्त किया कि कल ही वहां गांव में अफसरों को भेजकर सर्वे करवाएंगे कि तत्कालिक इस समस्या का कैसे हल निकाल सकतें हैं।
साइकिल व पीपे से तो कोई पैदल ला रहा पानी
वाटर लेवल डाउन होने से स्थिति विकराल होने लगी है। ग्रामीण खेत से पानी लाने को मजबूर हैं। कोई साइकिल व पीपे से पानी ला रहा है तो कोई पैदल बर्तन से पानी ढो रहे हैं। ग्रामीण यतिन राठौर, अंतू ठाकुर, पप्पू चंद्राकर, डोमन आमले, लोकेश ठाकुर ने कहा कि पानी की समस्या अभी से शुरु हो गई है। सुबह से पानी की चिंता रहती है कि आज प्यास कैसे बुझायेंगे। वार्ड के हैंडपंप तो बंद हो गए हैं। 1 हफ्ते से ये दिक्कत है। शासन प्रशासन को जल्द इस पर ध्यान देना चाहिए।