छत्तीसगढ़ जनवादी लेखक संघ की बालोद जिला इकाई का हुआ विशेष आयोजन

बालोद। छत्तीसगढ़ जनवादी लेखक संघ की बालोद जिला इकाई का कार्यक्रम दीनदयाल योग आश्रम बालोद में 23 दिसंबर को सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गाजियाबाद उत्तर प्रदेश से पधारे साहित्यकार सुरेन्द्र पाण्डेय रहे। अध्यक्षता जनवादी लेखक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.परदेशी राम ने किया। पद्मश्री डोमार सिंह कुँवर, बालोद के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.अशोक आकाश, जनवादी लेखक संघ के बालोद जिला अध्यक्ष देव जोशी गुलाब एवं शिरोमणि माथुर विशिष्ट अतिथि रहे। दो सत्र में आयोजित उक्त आयोजन का शुभारम्भ हर्षा देवाँगन की सरस्वती वन्दना से किया गया। अतिथि स्वागत पश्चात स्वागत उद्बोधन संस्था के जिला संयोजक डॉ.अशोक आकाश द्वारा किया गया। उन्होंने कहा आज साहित्यकार साहित्य की विभिन्न विधा में लेखन कर अपनी पहचान बना कहे हैं। इस दिशा में जनवादी लेखक संघ का कार्य सराहनीय है। वैचारिक सत्र में जनवादी लेखक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.परदेशी राम वर्मा ने सम्बोधित करते कहा जन चेतना जागृति के उद्देश्य को लेकर सृजन कर रहे साहित्यकार समाज के आधार स्तम्भ हैं जो जन जन की आवाज बनकर कार्य कर रहे हैं, जनवादी लेखक विशेष उल्लेखनीय लेखन कार्य कर रहे हैं, इस पर अभी और कार्य करने की जरूरत है । जनवादी लेखक संघ बालोद जिला अध्यक्ष देव जोशी गुलाब ने साहित्यकारों से नित नव सृजन का आह्वान किया उन्होंने कहा साहित्यकार वह दीप है जो अपने विचार की लौ से समाज में बदलाव की कोशिश करता है जरूरत है समाज में भी वैचारिक जागरुकता की। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में पद्मश्री डोमार सिंह कुंवर ने नाचा पर अभिनय सहित व्याख्यान दिया। आश्रम संचालक संत श्री दीनदयाल जी ने योग पर व्याख्यान देते कहा जीवन में साधना जरूरी है, साहित्यकार भी साधक है जो अपनी साधना शक्ति से समाज में बदलाव ला रहे हैं। जिलाध्यक्ष देवजोशी गुलाब,देवनारायण नगरिया,हर्षा देवांगन, कामता प्रसाद देशलहरा भागवत साहू ने काव्य पाठ किया। गाँवों के दस अभावग्रस्त चिन्हित सुपात्रों को नीतीश वर्मा ने अपने जन्मदिन पर कम्बल भेंट किया। इस अवसर पर गाजीपुर उत्तर प्रदेश से पधारे समाजसेवी सुरेन्द्र पाण्डेय , शिक्षाविद स्मिता वर्मा ख़ुशबू वर्मा उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संचालन कवि शिक्षाविद् वीरेंद्र अजनबी ने किया। परदेशी राम वर्मा ने बालोद जिला इकाई के इस आयोजन को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि अपनी सक्रियता से विभिन्न जिला इकाइयों ने नए लेखकों और वरिष्ठ जनों को जोड़कर लेखन के लिए प्रेरक वातावरण बनाया है।हमारे साथी बड़ी संख्या में सतत् सक्रिय हैं । हर विधा के रचनाकार सामने आ रहे हैं। दीनदयाल योग वेदान्त फाउंडेशन संचालक संत श्री दीनदयाल के आभार प्रदर्शन से कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की गई।

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