अर्जुन्दा:-शहीद दुर्वासा निषाद शासकीय महाविद्यालय अर्जुन्दा जिला बालोद के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा मेरा युवा भारत के लिए युवा थीम पर ग्राम परना में सात दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन किया गया। जिसके पंचम दिवस पर प्रातः प्रभातफेरी योग एवं पीटी के साथ परियोजना ग्राम के विभिन्न जगहों पर स्वच्छता कार्य किया गया।
बौद्धिक परिचर्चा में साहित्यकार सहित अग्निवीर सैनिक हुए शामिल
दोपहर 3 बजे से बौद्धिक परिचर्चा सत्र की शुरुआत हुई। जिसमें मां सरस्वती एवं युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी के छायाचित्र पर पूजा अर्चना माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया गया।
बौद्धिक परिचर्चा में मुख्य वक्ता के रूप में श्री मिथलेश शर्मा (शिक्षक) साहित्यकार (अर्जुन्दा), खिलेश्वरी यदु (भरथरी गायिका), नंदकिशोर खुरसेल,(वरिष्ठ स्वयंसेवक रासेयो गुजरा) विनय कुमार मंडले (अग्निवीर भारतीय सेना)रासेयो, डॉ प्रदीप कुमार प्रजापति कार्यक्रम अधिकारी रासेयो,प्रभा शर्मा सहायक प्राध्यापिका वाणिज्य व समस्त स्वयंसेवक उपस्थित रहे
मिथलेश शर्मा राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक एवं साहित्यकार ने स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के लोक संस्कृति छत्तीसगढ़ी भाषा संस्कृति छत्तीसगढ़ी गीतों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति में कितनी मीठास और सरल सहज होती। अपनी छत्तीसगढ़ भाषा का हमेशा सम्मान और बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया। और अपने छत्तीसगढ़ी गीतों के माध्यम से सबका मन मोह लिया। वहीं खिलेश्वरी यदु भरथरी गायिका ने भरथरी गीत की शुरुआत के बारे में विस्तार से बताया। और भरथरी गीत के माध्यम विभिन्न गीतों की प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। वही, विनय कुमार मंडले अग्निवीर भारतीय सेना ने सभी स्वयंसेवकों को देश सेवा और भारत मां की सेवा करने के लिए प्रेरित किया। सेना में युवाओं को जाने के लिए विशेष मापदंड और आवश्यक नियमों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दिया। विनय ने बताया कि बचपन से ही उन्हें सेना में जाने की दृढ़ इच्छा थी कक्षा 10 से ही उन्होंने सेना में जाने के लिए तैयारी शुरू कर दिया था। सेना में जाने से पहले की अपने संघर्षा की दिनों के बारे में बताया। लगातार कड़ी मेहनत और प्रयासों से उन्हें दूसरी बार में सफलता मिली। स्वयंसेवकों को अपनी किस्मत पर नहीं बल्कि अपनी मेहनत पर भरोसा रखने की बात कही। अपने लक्ष्य के प्रति सजग और ईमानदार से कड़ी मेहनत और परिश्रम से सबकुछ हासिल किया जा सकता है। कार्यक्रम अधिकारी डॉ प्रदीप कुमार प्रजापति एवं सभी स्वयंसेवकों ने अग्निवीर विनय कुमार मंडले का हार पहनाकर तिलक लगाकर पौधे और श्रीफल पेन भेंटकर सम्मानित किया। बौद्धिक परिचर्चा सत्र देशभक्ति गीतों और भारत माता की जयकारे से गूंज गया।