बस्तर। जिले के बस्तर ब्लॉक अंतर्गत प्राथमिक शाला बड़ेपारा की प्रधान अध्यापिका श्रीमती चंद्रमणी रंगारी को संकुल परिवार फरसागुड़ा की ओर से सेवानिवृत्त के लिए शुभकामनाएं देते हुए विदाई दिए। मैडम का जन्म 20 नवम्बर 1962 को एक मध्यम परिवार में धनोरा बीजापुर में हुई। पढ़ाई में रुचि होने के कारण अपनी काबलियत के बल पर मैडम ने प्राथमिक शिक्षा गांव में प्राप्त करके उच्च शिक्षा के लिए जगदलपुर तक का सफर तय की।
कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के छायाचित्र में फूल अर्पित कर हुई। ततपश्चात अतिथियों का गुलदस्ता देकर स्वागत देकर किया गया। सेवानिवृत्त हो रही मैडम को ससम्मान उनके घर से संकुल तक बड़े ही जोर शोर स्वागत कर लाया गया व ससम्मान घर तक वापस कभी अलविदा न कहना के स्वर में सादर विदा किए। सकुंल स्तर के कार्यक्रम में कार्यक्रम की धूरी व मुख्य अतिथि रंगारी मैडम अपने जीवन काल का आधे से अधिक 42 साल 1 महीना 3 दिन बच्चों को समर्पित कर नई पीढ़ियों को रोशनी दिखाने का कार्य करती रही। मैडम की नियुक्ति बीए अंतिम वर्ष की छात्रा रहते रहते 28 अक्टूबर 1982 में बीजापुर के बहुत ही दुर्गम ईलाके गंगालूर बीजापुर जहां कई किलोमीटर पैदल चलकर जाना होता था वहां कन्यापुर माध्यमिक शाला खोलने के लिए हुई थी।और आज वर्तमान में उनके पढ़ाये छात्र जो एक लोहंडीगुड़ा में सीईओ के पद पर तो कोई व्याख्याता, शिक्षक सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत है। मैडम ने अपना अनुभव साझा करते हुए उन कठिन परिस्थितियों से अवगत कराई जिसे पार कर आज इस मुकाम पर पहुँची है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विकास पाठक संकुल प्राचार्य ने मैडम को शुभकामनाएं प्रेषित कर कहा कि शिक्षक कभी विदा नही होते सिर्फ स्कूल से दूर होने की बात कही। कार्यक्रम के विशेष अतिथि संजीव शर्मा सकुंल समन्यक ने कहा कि व्यक्ति जीवन मे कितना भी धन संचय कर ले व्यवहारिक होना आवश्यक है खते हुये अपनी बचे दिन खुशहाल निर्वाह करने हेतु शुभकामनाएं प्रेषित किये। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक उमाशंकर साहू के द्वारा करते हुए यह जीवन एक नाट्य मंच है बस पात्र बदलने का स्थल आज आपकी बारी है तो मेरा नम्बर निश्चय ही कल है कहते हुए मैडम को बधाई दिया। कार्यक्रम में शिक्षकों के द्वारा स्वागत गीत,विदाई गीत एवं बच्चों द्वारा स्वागत डांस शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। कार्यक्रम के अंत मे संकुल परिवार की ओर से सम्मान स्वरूप श्रीफल शाल एवं स्मृति चिन्ह गणेश जी का मूर्ति भेंट किए। कार्यक्रम में मुख्य रूप से विकास पाठक संकुल प्राचार्य, संजीव शर्मा सकुंल समन्यक, अशोक खलखो, प्रशांत देवांगन,उमाशंकर साहू,देवेंद्र पाणिग्रही, संजय तिवारी, देवराज सोलंकी, कौशल पांडे, कमल किशोर साहू,अलीम अंसारी,मनबोध बघेल,दानेश्वर यादव,मानकेर करँगा, रवि प्रताप,नीलमणी तिग्गा प्राधन अध्यापिका, मनीषा सिन्हा,पदमा बंछोर, लीना नाग,अनीशा एक्का,भारती नागे,ज्योति रचना,रश्मि बघेल, प्रमिला कश्यप, स्मिता टोप्पो, गीता गुना,अनिता गृहे, सरोज बाला, भुनेश्वरी बघेल,अनुमति बघेल व अन्य उपस्थित रहे।