बालोद। छत्तीसगढ़ के पंजीकृत एवं समाजसेवी संस्था मानव समाज कल्याण हेतु समर्पित भारतीय दलित साहित्य अकादमी, छत्तीसगढ़ राज्य के द्वारा गुरु घासीदास सांस्कृतिक भवन, न्यू राजेंद्र नगर रायपुर (छत्तीसगढ़) के सभागार में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए शिक्षा एवं समाज कल्याण के क्षेत्र में कर्तव्यनिष्ठ, समर्पित शिक्षकों का सम्मान समारोह का भव्य अभिनन्दन किया गया । मुख्य अतिथि समारू लाल मात्रे छत्तीसगढ़ के पहले छत्तीसगढ़ी रिटायर्ड जज थे। राज्य से 100 से अधिक विभिन्न जिलों से आए हुए कर्मठ शिक्षक साथियों में से मोना रावत शिक्षिका शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला मरदेल (डौँडी) को बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर स्वाभिमान अवार्ड सम्मान 2024 मुख्य अतिथि रिटायर्ड जज समारु लाल मात्रे के करकमलों द्वारा शिक्षा व समाज कल्याण के लिए समर्पित, कर्तव्यनिष्ठ शैक्षिक गतिविधियों में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें शॉल, स्मृति चिन्ह एवं सम्मान पत्र भेज कर नवाजा गया। भारतीय दलित साहित्य के प्रांत अध्यक्ष जी.आर.बंजारे ज्वाला ने अपने स्वागत उद्बोधन में शिक्षकों से आह्वान किया कि हमें बेहद खुशी हो रहा है, कि अपने समाज सेवा की विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी रहते है,और सृजनात्मकता का प्रदर्शन करते हुए शिक्षा कला साहित्य खेल ग्रामों उत्थान, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण, संस्कृति एवं व्यक्तित्व विकास की आवश्यकताओं में योगदान करने के लिए श्रेष्ठ भूमिका का परिचय दिया है।