आदिवासी वनांचल ग्राम मड़ियाकट्टा स्कूल में राष्ट्रीय जन जातीय गौरव दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया
बच्चों ने दी रंगारंग आदिवासी नृत्य की बहुत सुन्दर प्रस्तुति
राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस स्वाधीनता के संघर्ष और जन जातीय चेतना के प्रतीक हैं बिरसा मुण्डा: दयालूराम पिकेश्वर
बालोद। डौण्डी लोहारा विकास खण्ड के आदिवासी वनांचल ग्राम मड़ियाकट्टा स्कूल में राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया। बच्चों द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजन कर आदिवासी वेषभूषा मे आदिवासी लोक नृत्य की बहुत सुन्दर प्रस्तुति दी। इस अवसर राज्यपाल पुरुस्कृत प्रधान पाठक दयालूराम पिकेश्वर ने राष्ट्रीय जन जातीय गौरव दिवस महत्व पर जानकारी देते हुए बताए की जन जातीय गौरव दिवस स्वाधीनता संघर्ष और जन जातीय चेतना के प्रतीक बिरसा मुण्डा हैं।
प्रधान पाठक दयालूराम पिकेश्वर ने बच्चों को बताया कि भगवान बिरसा मुण्डा ने हमें सिखाया कि हमें कैसे अपने परिवेश के साथ सद्भाव की भावना के साथ रहना है और अपनी संस्कृति पर गर्व करना है। उनसे प्रेरित होकर हम उनके सपनो को पूरा करने और हमारे आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाने लिए काम कर रहे है। भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता में बहुत ही हद तक इसके जन जातीय समुदायों का योगदान शामिल है ।
उन्होंने राष्ट्र के इतिहास और विकास के सफर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हर साल 15 नवंबर को इन समुदायों के योगदान खास कर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए जन जातीय गौरव दिवस मनाया जाता है। यह दिन जन जातीय नेता और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती दिन मनाया जाता है।
जिसकी विरासत आज भी हमें प्रेरित करता है। यह दिन भारत के विरासत को संरक्षित करने और इसके प्रगति को आगे बढ़ाने में जन जातीय समूहों की महत्वपूर्ण योगदान रहता है। इस अवसर पर शिक्षक परसराम साहु भूमिका मोवाड़े नारदराम भुआर्य सुनिल कुमार अलेन्द्र फत्तेसिंह ठाकुर सुखेन्द सहारे अध्यक्ष शाला प्रबंधन समिति सदस्य यशवंत मण्डावी गिरिवर सिंह कोलियारे सोमजी मण्डावी पोखराज देवांगन उपस्थित रहे।