आदिवासी वनांचल ग्राम मड़ियाकट्टा स्कूल में स्वच्छता ही सेवा अभियान संपन्न
इस वर्ष स्वच्छता ही सेवा 2024 का विषय था “स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता
बालोद। स्वच्छता ही सेवा स्वच्छ भारत मिशन के तहत एक अभियान है जिसका उद्देश्य स्वच्छता के प्रति लोगों में भागीदारी बढ़ाना है। छात्र छात्रों शिक्षक बच्चों ने स्वच्छता ही सेवा अभियान रैली पोस्टर बैनर नारा रंगोली के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया गया।राज्यपाल पुरुस्कृत प्रधान पाठक दयालूराम पिकेश्वर ने बच्चों शिक्षकों मानव श्रृंखला बनाकर सप्ताह में एक घंटा श्रमदान करने और मैं न गंदगी करुंगा न किसी और को करने दूंगा का शपथ दिलाया। डौण्डी लोहारा विकासखंड आदिवासी वनांचल ग्राम मड़ियाकट्टा स्कूल में स्वच्छता ही सेवा अभियान शुभारंभ 17 सितंबर 2 अक्टूबर तक विभिन्न गतिविघियों आयोजन हुआ। 2 अक्टूबर को राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी की जयंती पर उन्हें
श्रद्धांजली देकर कार्यक्रम समापन किया गया। इस अवसर राज्यपाल पुरुस्कृत प्रधान पाठक दयालूराम पिकेश्वर ने बताए कि स्वच्छ भारत मिशन एक पहल स्वच्छता ही सेवा का उद्देश्य अधिकाधिक जन समुदाय लोगों जन भागीदारी उत्पन्न करना,स्वच्छता हर किसी का दायित्व है,की अवधारणा को सुनिश्चित करना तथा राष्ट्रव्यापी अभियान के साथ महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती समारोह का समापन करना।
दिलाई गई शपथ
राज्यपाल पुरुस्कृत प्रधान पाठक दयालूराम पिकेश्वर ने छात्र छात्राओं शिक्षकों मानव श्रृंखला बनाकर हर वर्ष 100 घंटे यानी हर सप्ताह 2 घंटे श्रमदान करके स्वच्छता के उस संकल्प को चरितार्थ करुंगा। मैं न गंदगी करुंगा न किसी को करने दूंगा। सबसे पहले मैं स्वयं से मेरे परिवार से मेरे मोहल्ले से मेरे गांव एवं मेरे कार्य स्थल से शुरूआत करुंगा ली शपथ।
स्वच्छता हुआ प्रचार प्रसार
रैली निकालकर पोस्टर बैनर रंगोली चित्रकला नारा माध्यम से गांधी जी के भारत बनाना है,पूरा भारत स्वच्छ रहे यही हमारा नारा है। आत्मा को मैली ना करो, कूड़ा डस्टबीन में डालो,सड़क पर ना करो स्वच्छ भारत अभियान में ले भाग,आओं भारत सुन्दर बनाए एक साथ।
स्वभाव स्वच्छता- संस्कार स्वच्छता
स्वभाव स्वच्छता और संस्कार तीनों हमारे जीवन के अभिन्न अंग है,इन तीनों का समन्वयन हमें स्वस्थ सफल और संतुष्ट जीवन जीने में मदद करता है। जहां अच्छा स्वभाव व्यक्ति को समाज में आदर और सम्मान दिलाता है। वही स्वच्छता उसके स्वास्थ्य और मानसिक शांति का आधार होती है।
श्रमदान कर बच्चों शिक्षकों न दी स्वच्छता संदेश
सार्वजनिक स्थल पर श्रमदान कर बजार शाला परिसर पंचायत भवन के आसपास साफ-सफाई कर स्वच्छ ता का दिया संदेश।
श्रमदान का महत्व पर राज्यपाल पुरुस्कृत प्रधान पाठक दयालूराम पिकेश्वर ने बताए कि श्रमदान की गतिविधियों लोगों को स्वच्छ वातावरण में रहने के लिए प्रेरित करती है।श्रमदान प्रत्येक नागरिक के मन में सरलता विचारों की जटिलता से मुक्ति और स्वच्छता तथा हरित पर्यावरण के महत्व को विकसित करता है। श्रमदान में समाज सेवा वृक्ष रोपण और अपने आसपास के वातावरण की सफाई शामिल है।इस अवसर परसराम साहु दीनदयाल अटल सुनिल कुमार अलेन्द्र नारदराम भुआर्य उपस्थित रहे।